सुगम्य चुनाव
चर्चा में क्यों?
लोकसभा चुनावों को सभी के लिये समावेशी एवं प्रतिभागी बनाने के उद्देश्य से विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India- ECI) ने एक नई पहल ‘सुगम्य चुनाव’ को लोकसभा चुनाव 2019 से शुरू किया है।
प्रमुख बिंदु
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दिव्यांगजनों की प्रतिभागिता सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया गया था। 910 मिलियन मतदाताओं में से लगभग 62,63,701 पंजीकृत दिव्यांगजन मतदाता थे।
चुनाव के दौरान दिव्यांग एवं वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं का सभी मतदान केंद्रों पर अवलोकन किया गया ताकि चुनाव के लिये उन्हें लक्षित एवं आवश्यकता आधारित सहायता उपलब्ध कराई जा सके।
चुनाव के दौरान सभी मतदान केंद्रों पर व्हील चेयरों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की गई, साथ ही यह भी निश्चित किया गया कि सभी मतदान केंद्रों में दिव्यांगजन मतदाताओं के लिये मज़बूत रैम्प की व्यवस्था हो।
लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान सभी मतदान केंद्रों में एक संकेत भाषा विशेषज्ञ, पहचानसूचक एवं परिवहन सुविधा की व्यवस्था भी की गई थी।
दिव्यांगजनों की पंजीकरण प्रक्रिया
- नामांकन प्रक्रिया के दौरान दिव्यांगजनों की सुविधा के लिये हर दरवाज़े पर पंजीकरण मुहिम चलाई गई।
- सुगम पंजीकरण के लिये आयोग द्वारा एक विशेष मोबाइल एप्लीकेशन का भी निर्माण किया गया। चुनाव के दिन दिव्यांगजन मतदाताओं को लाने-ले जाने के लिये व्हील चेयरों एवं इस एप के ज़रिये विशेष स्वयंसेवकों की भी व्यवस्था की गई।
- चुनाव से जुड़े कर्मचारियों को दिव्यांगजनों की विशिष्ट ज़रूरतों के बारे में संवेदनशील बनाने पर विशेष ज़ोर दिया गया।
- सुगम सरल एवं सुविधाजनक मतदान अनुभव के लिये बुज़ुर्गों एवं दिव्यांगजन मतदाताओं को मतदान केंद्र में प्राथमिकता के आधार पर सुविधा प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त उन्हें विशेष कार्यकर्त्ताओं की भी सुविधा प्रदान की गई, जिन्होंने उनकी मतदान केंद्रों में सहायता की एवं मार्ग निर्देशन किया।
ब्रेल संकेतक
- सभी को सुविधा प्रदान करने के क्षेत्र में इस चुनाव के दौरान कई चीजें पहली बार की गई:
- दृष्टिबाधित मतदाताओं की सहायता के लिये चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एवं मतदाता फोटो पहचान पत्र पर ब्रेल संकेतक का उपयोग किया गया।
- मतदाताओं के स्लिप, मतदाता निर्देशिका जैसे अन्य दस्तावेज़ों पर भी ब्रेल संकेतक थे।
- सुगम्यता पर्यवेक्षकों की व्यवस्था की गई जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सभी मतदान केंद्र दिव्यांगजनों के लिये सुगम हों।
अन्य सुविधाएँ
- मतदाताओं की सुविधा एवं सुगमता के लिये मतदान केंद्रों पर पीने के स्वच्छ पानी, कतार में खड़े मतदाताओं के लिये पर्याप्त फर्नीचर, शेड, एवं शौचालयों की व्यवस्था की गई।
- मूलभूत आपूर्तियों के साथ चिकित्सा सहायता जैसी सुविधाएँ भी मतदान के दिन उपलब्ध कराई गईं। मतदाताओं के साथ आने वाले बच्चों के लिये एक प्रशिक्षित सहायिका के साथ क्रेच की भी समुचित व्यवस्था थी।
राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) की विशेष पहल
- राष्ट्रव्यापी पहलों के अतिरिक्त राज्यों ने भी अभिनव प्रयोग किये एवं सुगम्यता की भावना को बढ़ाया। उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्रों में दिव्यांग सारथी एवं दिव्यांग डोली की पहल शुरू की गई जिससे कि दिव्यांगजनों एवं वरिष्ठ नागरिकों को सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
- दिल्ली में अधिकारियों ने निम्न दृष्टि वाले मतदाताओं की सुविधा के लिये प्रत्येक मतदान केंद्र पर मैगनीफाइन शीट उपलब्ध कराने की पहल की।
- दिल्ली CEO कार्यालय ने शतायू मतदाताओं का सम्मान किया और लोकतंत्र में मतदाताओं के योगदान का सम्मान करते हुए मतदान के दिन उन्हें विशिष्ट सेवाएँ उपलब्ध कराई गई।