अबू धाबी और भारत के बीच समझौता (Abu Dhabi firm inks deal to store crude in India)

चर्चा में क्यों?

अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) ने इंडियन स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व्स लिमिटेड (ISPRL) के साथ अबु धाबी में एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये ताकि कर्नाटक के पदूर में स्थित ISPRL के भूमिगत तेल भंडारण की सुविधा में, ADNOC के कच्चे तेल के भंडारण की संभावना को तलाशा जा सके। इस भूमिगत तेल भंडार सुविधा की क्षमता 2.5 मिलियन टन के करीब है।


महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • इस अवसर पर UAE के मंत्री ने स्वीकार किया कि भारत एक महत्त्वपूर्ण तेल बाज़ार है तथा बताया कि यह समझौता यूएई एवं भारत के मध्य रणनीतिक ऊर्जा भागीदारी पर केन्द्रित है जिससे यूएई और ADNOC की विशेषज्ञता और तेल संसाधनों का लाभ उठाया जा सकेगा।
  • उन्होंने उम्मीद जताई कि इस प्रेमवर्क एग्रीमेंट को नई परस्पर लाभकारी साझेदारी में बदला जा सकेगा और साथ ही ADNOC के लिये उन अवसरों का निर्माण करेगा जिससे भारत के बढ़ते ऊर्जा बाज़ार तक उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे तेल की आपूर्ति में वृद्धि हो सकेगी। इस एग्रीमेंट से भारत अपनी बढ़ती ऊर्जा ज़रूरतों की पूर्ति करने के साथ-साथ ऊर्जा सुरक्षा नीति का पालन कर सकेगा।
  • ISPRL द्वारा देश के 3 स्थानों पर 5.3 मिलियन टन की क्षमता वाले भूमिगत भंडारों कर निर्माण किया जा चुका है- विशाखापत्तनम (1.33 मिलियन टन), मंगलोर (1.5 मिलियन टन) एवं पदूर (2.5 मिलियन टन)।
  • इनके द्वारा देश की तेल जरुरतों के लिए 9.5 दिनों की आपूर्ति पूरी की जा सकती है (पिछले वित्तीय वर्ष के आँकड़ों के अनुसार)।
  • जून, 2018 में केंद्र सरकार ने दो नए रिज़र्व्स के निर्माण की घोषणा की। इनमें पहला, 4 मिलियन टन संग्रहण सुविधा के साथ ओड़िशा के चांदीखोल में और दूसरा, कर्नाटक के पदूर में अतिरिक्त 2.5 मिलियन टन भंडारण की सुविधा के साथ निर्मित किया जाएगा।
  • भारत के सामरिक पेट्रोलियम भंडार कार्यव्रम में कच्चे तेल के माध्यम से निवेश करने वाली ADNOC एकमात्र विदेशी तेल और गैस कंपनी है।
  • वर्तमान में मौजूद एवं नए घोषित रणनीतिक रिज़र्व मिलकर भारत के कच्चे तेल की ज़रूरत को पूरा करने के लिये 21 दिनों की आपातकालीन कवरेज प्रदान कर सकेंगे।