वर्तमान में LEMOA का पूर्ण रूप से कार्यान्वयन
चर्चा में क्यों?
भारत-यू.एस.ए. के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पारस्परिक लॉजिस्टिक्स समर्थन के लिये आधारभूत समझौते, लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA) को पिछले कुछ महीनों में पूरी तरह से कार्यान्वित किया गया है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में दोनों देशों की 2+2 वार्ता के दौरान तीसरे आधारभूत समझौते, संचार संगतता और सुरक्षा समझौता (COMCASA), जो सुरक्षित एन्क्रिप्टेड संचार से संबंधित है पर हस्ताक्षर किये गए हैं।
LEMOA क्या है?
- लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA) पर भारत ने वर्ष 2016 में हस्ताक्षर किये थे।
- यह समझौता भारत एवं अमेरिकी सेनाओं की एक-दूसरे की सैन्य सुविधाओं तक पहुँच को आसान बनाता है लेकिन यह इसे स्वचालित या अनिवार्य नहीं बनाता है।
- यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं को मुख्य रूप से चार क्षेत्रों जैसे - पोर्ट कॉल, संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण और मानवीय सहायता तथा आपदा राहत में सुविधाएँ प्रदान करता है।
- LEMOA का सबसे बड़ा लाभार्थी भारतीय नौसेना है, जो विदेशी नौसेनाओं के साथ सबसे ज्यादा सूचना का आदान-प्रदान और अभ्यास करती है।
- नौसेना का यू.एस.ए. के साथ समुद्र में ईंधन हस्तांतरण के लिये एक ईंधन विनिमय समझौता है, जो नवंबर में समाप्त होने वाला है।
- SOPs में अमेरिकी सेना के लिये संपर्क के बिंदुओं को नामित करने और भुगतान के लिये एक आम खाते का निर्माण करना शामिल है।
- उल्लेखनीय है कि मानक ऑपरेटिंग प्रक्रिया (SOPs) एक संगठन द्वारा संकलित चरण-दर-चरण निर्देशों का एक सेट है, जो कर्मचारियों को जटिल दिनचर्या का संचालन करने में मदद करती है।
- यह मानक तीनों सेनाओं पर लागू होता है और अब तक, तीनों सेनाओं के व्यक्तिगत खाते थे जिनसे सैन्य अभ्यास के दौरान भुगतान किया जा रहा था।
भारत अमेरिका के बीच प्रमुख सूचना संधि
- दोनों देशों द्वारा सैन्य सूचना समझौते की सामान्य सुरक्षा (GSOMIA) नामक पहले समझौते पर वर्ष 2002 हस्ताक्षर किये गए थे।
- हाल ही में दोनों देशों की 2+2 वार्ता के दौरान हस्ताक्षरित COMCASA समझौता, CISMOA का संचार और सूचना से संबंधित भारत-विशिष्ट संस्करण है।
- उल्लेखनीय है कि COMCASA को अमेरिका में CISMOA (Communication and Information Security Memorandum of Agreement) भी कहा जाता है।
- आखिरी समझौता भू-स्थानिक सहयोग (BECA) है जो दोनों देशों के बीच सैन्य और नागरिक उद्देश्यों के लिये स्थल, समुद्री एवं वैमानिकी तीनों प्रकार की सूचनाओं के आदान-प्रदान में सहायता करने के लिये वैधानिक ढाँचा निर्धारित करेगा।