कर और भारत का पूंजी बाज़ार
चर्चा में क्यों?
व्यापार लागत को कम करने के उद्देश्य से भारतीय राष्ट्रीय एक्सचेंज सदस्यों के संघ (Association of National Exchanges Members of India-ANMI) ने भारत सरकार से दीर्घकालीन पूंजी लाभ कर (Long Term Capital Gains Tax) और प्रतिभूति लेन-देन कर (Securities Transaction Tax-STT) को वापस लेने का आग्रह किया है।
प्रमुख बिंदु:
- गौरतलब है कि भारत एकमात्र देश है जो STT के रूप में इक्विटी ट्रेडिंग पर कर लगाता है।
- इसके अतिरिक्त वर्तमान में भारत के अंतर्गत कंपनियों द्वारा कमाए गए लाभांश (Dividends) पर तीन बार कर लगाया जाता है। सर्वप्रथम निगम कर (Corporate Tax) के रूप में फिर लाभांश वितरण कर (Dividend Distribution Tax) के रूप में और अंत में निवेशक स्तर (जैसे- STT) पर।
- ANMI के अनुसार, भारतीय कर व्यवस्था के उपरोक्त तथ्य भारतीय पूंजी बाजार को वैश्विक स्तर पर अनाकर्षक बनाते हैं।
पूंजीगत लाभ कर
(Capital Gains Tax)
- किसी ‘पूंजीगत परिसंपत्ति’ की बिक्री से हमें जो भी लाभ प्राप्त होता है उसे ‘पूंजीगत लाभ’ कहा जाता है। आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार, इस लाभ को ‘आय’ के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
- इसीलिये संपत्ति हस्तांतरित करने वाले व्यक्ति को अपने द्वारा कमाए गए लाभ पर आय के रूप में कर देना होता है जिसे ‘पूंजीगत लाभ कर’ कहा जाता है।
- ‘पूंजीगत लाभ कर’ अल्पकाल तथा दीर्घकाल दोनों प्रकार का हो सकता है।
- दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर: यह कर उन परिसंपत्तियों पर लगाया जाता जिन्हें एक साल या उससे अधिक समयावधि के लिये रखा गया हो। इसके लिये दरें 0%, 15% और 20% हैं।
- अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर: यह कर उन परिसंपत्तियों पर लगाया जाता जिन्हें एक साल से कम समयावधि के लिये रखा गया हो। इस पर सामान्य आयकर की दरें ही लागू होती हैं।
निगम कर
(Corporate Tax)
- यह कर सरकार द्वारा एक फर्म के लाभ पर लगाया जाता है।
- आय में से खर्चों को घटाने के बाद शेष बची आय पर यह कर लगाया जाता है।
- भारत में निगम कर की दर किसी कंपनी के स्वरूप के आधार पर निर्धारित की जाती है यानी घरेलू निगम और विदेशी निगम अलग-अलग दरों पर कर का भुगतान करते हैं।
प्रतिभूति लेन-देन कर
(Securities Transaction Tax-STT)
- यह कर भारत के स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री के समय लगाया जाता है।
- क्रेता और विक्रेता दोनों को STT के रूप में शेयर मूल्य का 0.1% भुगतान करना होता है।
लाभांश वितरण कर
(Dividend Distribution Tax)
- लाभांश वितरण कर वह कर है जो कॉर्पोरेट द्वारा अपने शेयरधारकों को दिये गए लाभांश पर देय होता है।
- एक कॉर्पोरेट इकाई के लिये उच्च लाभांश का मतलब होता है कर का अधिक बोझ।
- वर्तमान में यह सकल लाभांश के रूप में वितरित राशि का 15% है।