विश्व दुग्ध दिवस | 01 Jun 2022
प्रत्येक वर्ष 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- विश्व दुग्ध दिवस वर्ष 2001 में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा एक वैश्विक आहार के रूप में दूध के महत्त्व को रेखांकित करने के लिये स्थापित किया गया।
- इस दिन का उद्देश्य डेयरी क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों पर ध्यान आकर्षित करने का अवसर प्रदान करना है।
- थीम:
- इस वर्ष की थीम जलवायु कार्रवाई में तेजी लाने और जलवायु परिवर्तन पर डेयरी क्षेत्र के प्रभाव को कम करने में मदद करने के लिये पहले से चलाए जा रहे कार्योंक्रमों को बढ़ावा देना है।
- इस मंच का उपयोग करते हुए डेयरी नेट ज़ीरो के प्रति संदेश और कार्रवाई के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाएगी।
- विशेषताएँ:
- विश्व दुग्ध दिवस डेयरी क्षेत्र के महत्त्वपूर्ण योगदान के निम्नलिखित विषयों पर चर्चा को प्रोत्साहित है :
- अच्छा भोजन, स्वास्थ्य और पोषण।
- किसानों की अपने समुदायों, ज़मीनों और अपने पशुधन पर निर्भरता।
- डेयरी क्षेत्र में स्थिरता।
- डेयरी क्षेत्र कैसे आर्थिक विकास और आजीविका में योगदान करता है।
- विश्व दुग्ध दिवस डेयरी क्षेत्र के महत्त्वपूर्ण योगदान के निम्नलिखित विषयों पर चर्चा को प्रोत्साहित है :
भारतीय डेयरी क्षेत्र:
- भारत 22% वैश्विक दुग्ध उत्पादन के साथ दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है, इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, पाकिस्तान और ब्राज़ील का नंबर आता है।
- देश में दूध उत्पादन लगभग 6.2% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़कर 2020-21 में 209.96 मिलियन टन तक पहुँच गया है, जो वर्ष 2014 में 146.31 मिलियन टन था।
- शीर्ष 5 दूध उत्पादक राज्य हैं: उत्तर प्रदेश (14.9%), राजस्थान (14.6%), मध्य प्रदेश (8.6%), गुजरात (7.6%) और आंध्र प्रदेश (7.0%)।
डेयरी क्षेत्र से संबंधित भारत सरकार की पहल:
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन: यह मिशन गोजातीय आबादी के आनुवंशिक उन्नयन और स्वदेशी गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण के माध्यम से उत्पादकता में सुधार एवं दूध उत्पादन बढ़ाने के लिये शुरू किया गया है।
- गोपाल रत्न पुरस्कार 2021: गोपाल रत्न पुरस्कार दुग्ध क्षेत्र में काम करने वाले सभी किसानों, कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों और डेयरी सहकारी समितियों को प्रोत्साहित करने के लिये दिया जाता है।
- राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम: इस कार्यक्रम के तहत कृत्रिम गर्भाधान सेवाएँ किसानों के दरवाज़े पर मुफ्त दी जाती हैं।
- ई-गोपाला एप: ई-गोपाला एप (उत्पादक पशुधन के माध्यम से धन का सृजन) के रूप में किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिये एक व्यापक नस्ल सुधार बाज़ार और सूचना पोर्टल की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
- राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD): राज्य कार्यान्वयन एजेंसी (SIA) अर्थात् राज्य सहकारी डेयरी परिसंघ के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण दूध के उत्पादन, खरीद, प्रसंस्करण और दूध व दुग्ध उत्पादों के विपणन के लिये अवसंरचना को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से वर्ष 2014 से देश भर में "राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD)" शुरू किया गया है।
- डेयरी प्रसंस्करण एवं अवसंरचना विकास कोष (DIDF) योजना: DIDF योजना 2017 में दूध प्रसंस्करण और शीतलन संयंत्रों के आधुनिकीकरण के लिये शुरू की गई थी, जिसमें मूल्यवर्द्धन भी शामिल है।
- “डेयरी सहकारी समितियों और डेयरी गतिविधियों में लगे किसान उत्पादक संगठनों का समर्थन करना " (SDCऔर FPO):
- पशुपालन और डेयरी विभाग ने अपनी योजना SDC और FPO के तहत एक घटक के रूप में एक नया घटक "डेयरी क्षेत्र के लिए कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज छूट सहायता" पेश किया है।
- पशुपालन और डेयरी किसानों के लिये किसान क्रेडिट कार्ड (KCC): किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से, किसानों को कार्यशील पूंजी व्यय के लिये रियायती ब्याज़ दर पर संस्थागत ऋण प्राप्त करने में सक्षम बनाया गया है।
विगत वर्ष के प्रश्न: प्रश्न. किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत किसानों को निम्नलिखित में से किस उद्देश्य के लिये अल्पकालिक ऋण सुविधा प्रदान की जाती है? (2020)
निम्नलिखित कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिये: (a) केवल 1, 2 और 5 उत्तर: (b)
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