सारस 3 रेडियो टेलीस्कोप | 10 Mar 2022
हाल ही में रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (Raman Research Institute-RRI) के भारतीय शोधकर्त्ताओं ने सारस 3 रेडियो टेलीस्कोप (SARAS 3 Radio Telescope) का उपयोग करते हुए एक अध्ययन में कॉस्मिक डॉन (ब्रह्माण्ड का उद्भव) से एक रेडियो तरंग सिग्नल ( Radio Wave Signal) की खोज के हालिया दावे का खंडन किया है।
- वर्ष 2018 में अमेरिका में एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी (Arizona State University- ASU) और MIT के शोधकर्त्ताओं की एक टीम द्वारा ईडीजीईएस रेडियो टेलीस्कोप (EDGES Radio Telescope) से डेटा का उपयोग करके प्रारंभिक ब्रह्मांड में उभरते तारों से एक सिग्नल का पता लगाया था।
- कॉस्मिक डॉन (Cosmic Dawn) बिग बैंग के लगभग 50 मिलियन वर्ष से लेकर एक अरब वर्ष तक की अवधि है जब ब्रह्मांड में पहले तारे, ब्लैक होल और आकाशगंगाएँ बनीं।
- रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान है जो बुनियादी विज्ञान में अनुसंधान में संलंग्न है। संस्थान की स्थापना वर्ष 1948 में भारतीय भौतिक विज्ञानी और नोबेल पुरस्कार विजेता सर सीवी रमन द्वारा की गई थी।
रेडियो तरंगें और रेडियो टेलीस्कोप:
- विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम में रेडियो तरंगों की तरंगदैर्ध्य सबसे लंबी होती है। ये एक फुटबॉल के आकार से लेकर पृथ्वी (ग्रह) के समान विशाल आकार तक हो सकती हैं। रेडियो तरंगों की खोज वर्ष 1880 के दशक के अंत में हेनरिक हर्ट्ज़ (Heinrich Hertz) ने की।
- रेडियो टेलीस्कोप की मदद से दुर्बल रेडियो प्रकाश तरंगों को एकत्र किया जाता है और उनकी केंद्रीयता बढ़ाकर इनका उपयोग विश्लेषण हेतु किया जाता है।
- ये तारों, आकाशगंगाओं, ब्लैक होल और अन्य खगोलीय पिंडों से प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होने वाले रेडियो प्रकाश का अध्ययन करने में मददगार साबित होती हैं।
- ये विशेष रूप से डिज़ाइन किये गए टेलीस्कोप प्रकाश की सबसे दीर्घ तरंगदैर्ध्य का निरीक्षण करते हैं, जो 1 मिलीमीटर से लेकर 10 मीटर से अधिक लंबे होते हैं। तुलना के लिये दृश्यमान प्रकाश तरंगें केवल कुछ सौ नैनोमीटर लंबी होती हैं। एक नैनोमीटर कागज़ के एक टुकड़े की मोटाई का केवल 1/10,000वाँ हिस्सा होता है! वास्तव में हम आमतौर पर रेडियो प्रकाश को उसकी तरंगदैर्ध्य से नहीं बल्कि उसकी आवृत्ति से संदर्भित करते हैं।
सारस 3 रेडियो टेलीस्कोप क्या है?
- सारस ‘रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट’ (RRI) का एक उच्च-जोखिम वाला उच्च-लाभ प्रायोगिक प्रयास है।
- सारस का लक्ष्य भारत में एक सटीक रेडियो टेलीस्कोप का डिज़ाइन, निर्माण और तैनाती करना है, जो हमारे अतीत से रेडियो तरंग संकेतों का पता लगाता है, जब प्रारंभिक ब्रह्मांड में पहले तारे और आकाशगंगाएँ बनी थीं।
निष्कर्ष क्या हैं?
- सारस 3 को ‘EDGES’ प्रयोग द्वारा दावा किये गए संकेत का कोई प्रमाण नहीं मिला।
- माप अनिश्चितताओं के सावधानीपूर्वक मूल्यांकन के बाद संकेत की उपस्थिति को निर्णायक रूप से खारिज कर दिया गया।
- EDGES’ द्वारा रिपोर्ट किये गए संकेत प्रायः दूषित मापों पर आधारित थे, न कि अंतरिक्ष और समय की गहराई से प्राप्त संकेतों पर।
- हालाँकि खगोलविदों को अभी भी यह नहीं पता है कि वास्तविक संकेत कैसे दिखते हैं।
विगत वर्षों के प्रश्ननिम्नलिखित घटनाओं पर विचार कीजिये: (2018)
उपरोक्त में से कौन-सा/से अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत की भविष्यवाणी/भविष्यवाणियाँ है/हैं, जिसकी/जिनकी अक्सर मीडिया में चर्चा होती है? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: D |