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Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 सितंबर, 2021

  • 24 Sep 2021
  • 7 min read

‘राष्ट्रीय सेवा योजना’ पुरस्कार 

भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वर्चुअल माध्यम से वर्ष 2019-20 के लिये ‘राष्ट्रीय सेवा योजना’ (NSS) पुरस्कार प्रदान किये। वर्ष 2019-2020 के लिये ‘राष्ट्रीय सेवा योजना’ पुरस्कार तीन अलग-अलग श्रेणियों में जैसे- विश्वविद्यालय, प्‍लस टू परिषदों, एन.एस.एस. इकाइयों और उनके कार्यक्रम अधिकारियों तथा स्वयंसेवकों को दिये जाएंगे। युवा मामले और खेल मंत्रालय प्रत्‍येक वर्ष विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, प्‍लस टू परिषदों, एन.एस.एस. इकाइयों द्वारा किये गए उत्‍कृष्‍ट स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा कार्य हेतु उन्हें राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार प्रदान करता है। ‘राष्ट्रीय सेवा योजना’ एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसे वर्ष 1969 में स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के माध्यम से युवाओं के व्यक्तित्व एवं चरित्र विकास के प्राथमिक उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था। ‘राष्ट्रीय सेवा योजना’ का वैचारिक अभिविन्यास महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित है। राष्ट्रीय सेवा योजना का ध्येय है- ‘मैं ही नहीं आप भी’। संक्षेप में इसके स्वयंसेवक नियमित और विशेष शिविर गतिविधियों के माध्यम से सामाजिक प्रासंगिकता के मुद्दों पर काम करते हैं। इन मुद्दों में साक्षरता एवं शिक्षा; स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं पोषण; पर्यावरण संरक्षण; सामाजिक सेवा कार्यक्रम; महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम; आपदाओं के दौरान बचाव एवं राहत कार्य आदि शामिल हैं। 

वर्ष 2022 तक औद्योगिक ट्रांस फैट-मुक्त भारत

‘भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण’ (FSSAI) द्वारा आयोजित हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत वर्ष 2022 तक औद्योगिक ट्रांस फैट-मुक्त बनने की राह पर है। ज्ञात हो कि भारत ने ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ द्वारा निर्धारित अवधि से एक वर्ष पूर्व यानी वर्ष 2022 तक औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस वसा से देश को मुक्त करने के लिये औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस वसा की सीमा को 2 प्रतिशत से कम करना अनिवार्य किया है। तरल वनस्पति तेलों को अधिक ठोस रूप में परिवर्तित करने तथा खाद्य भंडारण एवं उपयोग अवधि में वृद्धि करने के लिये इन तेलों का हाइड्रोजनीकरण किया जाता है, इस प्रकार संतृप्त वसा या ट्रांस फैट का निर्माण होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, ट्रांस वसा का अधिक सेवन (कुल ऊर्जा सेवन का 1% से अधिक) हृदय रोग और मृत्यु दर के बढ़ते जोखिम से जुड़ा है। यह मोटापा, टाइप-2 मधुमेह, चयापचय सिंड्रोम, इंसुलिन प्रतिरोध, बांझपन, कुछ विशेष प्रकार के कैंसर आदि की वृद्धि में भी सहायक है। मई 2018 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2023 तक वैश्विक खाद्य आपूर्ति से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस फैट को खत्म करने के लिये एक व्यापक योजना की शुरुआत की थी। 

हाइफा दिवस

प्रत्येक वर्ष 23 सितंबर को भारतीय सेना द्वारा हाइफा दिवस के रूप में मनाया जाता है। हाइफा दिवस का मुख्य उद्देश्य हाइफा के युद्ध में लड़ने वाले भारतीय सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करना है। हाइफा का युद्ध 23 सितंबर, 1918 को हुआ था, जिसमें जोधपुर, मैसूर तथा हैदराबाद के सैनिकों, जो कि 15 इंपीरियल सर्विस कैवलरी ब्रिगेड का हिस्सा थे, ने मित्र राष्ट्रों की ओर से प्रथम विश्वयुद्ध में भाग लेकर जर्मनी व तुर्की के आधिपत्य वाले इज़राइल के ‘हाइफा शहर’ को मुक्त करवाया था। इस युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों को सम्मान देते हुए बीते वर्ष भारत सरकार ने दिल्ली स्थित विख्यात तीन मूर्ति मेमोरियल को तीन मूर्ति हाइफा मेमोरियल के रूप में पुनः नामित किया था। 

‘फाइज़र’ का ‘बूस्टर डोज़’ 

‘यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन’ ने हाल ही में ‘फाइज़र’ और ‘बायोएनटेक’ की कोविड-19 वैक्सीन के ‘बूस्टर डोज़’ को मंज़ूरी दे दी है, जो कि 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों तथा कुछ अन्य उच्च जोखिम वाले अमेरिकी नागरिकों को प्रदान किया जाएगा। ‘बूस्टर डोज़’ को दूसरी खुराक के पूरा होने के कम-से-कम छह माह बाद दिया जाना है। इस डोज़ को प्राप्त करने वाले लोगों में मुख्यतः स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्त्ता, शिक्षक और डे-केयर स्टाफ, किराना कर्मचारी और बेघर या जेलों में मौजूद कैदी शामिल हैं। गौरतलब है कि ‘फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन’ संयुक्त राज्य अमेरिका के स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग की एक एजेंसी है, जिसका प्राथमिक कार्य खाद्य एवं औषधियों, मानव एवं पशु चिकित्सा हेतु दवाओं, जैविक उत्पादों और चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा एवं प्रभावकारिता सुनिश्चित करना है।

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