Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 नवंबर, 2021 | 18 Nov 2021
राष्ट्रीय एपिलेप्सी दिवस
एपिलेप्सी (मिर्गी) के संबंध में जागरूकता पैदा करने हेतु प्रतिवर्ष 17 नवंबर को ‘राष्ट्रीय एपिलेप्सी दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस आम लोगों को शिक्षित करने और रोग, इसके लक्षणों एवं उपचार के बारे में अधिक समझने का अवसर प्रदान करता है। एपिलेप्सी (मिर्गी) एक केंद्रीय तंत्रिका तंत्र संबंधी विकार है, इसमें मस्तिष्क की गतिविधि असामान्य हो जाती है, जिससे दौरे या असामान्य व्यवहार, संवेदनाएँ और कभी-कभी अभिज्ञता संबंधी हानि होती है। एपिलेप्सी चौथा सबसे सामान्य न्यूरोलॉजिकल विकार है जो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। हालाँकि कोई भी व्यक्ति एपिलेप्सी से ग्रसित हो सकता है, परंतु यह छोटे बच्चों और वयस्कों तथा महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक देखा जाता है। स्वाद, गंध, दृष्टि, श्रवण या स्पर्श में परिवर्तन आना, चक्कर आना, अंगों में सिहरन उत्पन्न होना, एकटक घूरना, एक ही कार्य को बार-बार करना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। एपिलेप्सी का कोई उपचार नहीं है, लेकिन इस विकार को दवाओं और अन्य रणनीतियों के साथ प्रबंधित किया जा सकता है। दुनिया भर में लगभग 50 मिलियन लोग एपिलेप्सी से ग्रसित हैं, जो इसे विश्व स्तर पर सबसे आम न्यूरोलॉजिकल रोगों में से एक बनाता है। दुनिया भर के कई हिस्सों में मिर्गी से पीड़ित लोगों को भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
सौरव गांगुली
हाल ही में बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को आईसीसी पुरुष क्रिकेट समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सौरव गांगुली, अनिल कुंबले का स्थान लेंगे, जिन्होंने अपना अधिकतम तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। आईसीसी पुरुष क्रिकेट समिति मुख्य तौर पर पुरुष क्रिकेट से संबंधित निर्णय लेने हेतु उत्तरदायी है और यह ‘मुख्य कार्यकारी समिति’ को रिपोर्ट करती है। ‘अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद’ (ICC) क्रिकेट का वैश्विक शासी निकाय है। यह समग्र तौर पर 106 सदस्यों का प्रतिनिधित्व करता है और सदस्य देशों की सहायता से खेल (क्रिकेट) को नियंत्रित एवं प्रशासित करता है।
भारत का 41वाँ अंटार्कटिका वैज्ञानिक अभियान
भारत ने हाल ही में अंटार्कटिक के लिये 41वाँ वैज्ञानिक अभियान शुरू किया है। इसके लिये 23 वैज्ञानिकों और सहायक कर्मचारियों का पहला जत्था भारतीय अंटार्कटिक स्टेशन ‘मैत्री’ पहुँच गया है। 41वें अभियान के दो प्रमुख कार्यक्रम हैं। पहले कार्यक्रम में ‘भारती’ स्टेशन पर ‘अमेरी आइस शेल्फ’ का भू-वैज्ञानिक अन्वेषण शामिल है। इससे अतीत में भारत और अंटार्कटिक के बीच के संबंध के बारे में पता लगाने में मदद मिलेगी। दूसरे कार्यक्रम में रिकोनिसेंस सर्वेक्षण और ‘मैत्री’ के पास 500 मीटर आइस कोर की ड्रिलिंग हेतु प्रारंभिक कार्य शामिल है। ज्ञात हो कि अंटार्कटिक भारत सहित कई देशों द्वारा स्थापित लगभग 60 स्थायी स्टेशनों को छोड़कर पूरी तरह से निर्जन है। अंटार्कटिक पृथ्वी का सबसे दक्षिणतम महाद्वीप है। इसमें भौगोलिक रूप से दक्षिणी ध्रुव शामिल है और यह दक्षिणी गोलार्द्ध के अंटार्कटिक क्षेत्र में स्थित है। अंटार्कटिक विश्व का पाँचवाँ सबसे बड़ा महाद्वीप है। भारत ने अंटार्कटिक में अब तक कुल तीन अनुसंधान स्टेशन स्थापित किये हैं- दक्षिण गंगोत्री (1984), मैत्री (1989) और भारती (2012)। इसमें से केवल ‘मैत्री’ और ‘भारती’ ही परिचालन में हैं।