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प्रिलिम्स फैक्ट्स


प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स: 24 अक्तूबर, 2020

  • 24 Oct 2020
  • 12 min read

कर्मचारी राज्य बीमा योजना 

Extension of ESI Scheme to Arunachal Pradesh  

हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, 1 नवंबर, 2020 से अरुणाचल प्रदेश में पहली बार कर्मचारी राज्य बीमा योजना [Employees' State Insurance (ESI) Scheme] की शुरुआत की जाएगी।  

 कर्मचारी राज्य बीमा योजना

[Employees' State Insurance (ESI) Scheme]:

  • भारत की कर्मचारी राज्य बीमा योजना एक बहुआयामी सामाजिक सुरक्षा प्रणाली है जो इस योजना में शामिल श्रमिकों और उनके आश्रितों को  सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है।
  • इस योजना की शुरुआत सबसे पहले 24 फरवरी, 1952 को कानपुर (उत्तर प्रदेश) में की गई थी।
  • इस योजना को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees' State Insurance Corporation- ESIC) द्वारा संचालित किया जाता है।
  • ESIC द्वारा ‘कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948’ (ईएसआई अधिनियम) के तहत कर्मचारियों को कार्यस्थल पर चोट, बीमारी या मृत्यु के मामलों में उचित चिकित्सा देखभाल और नकद लाभ की एक विस्तृत सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान की जाती है।  
  • ESIC द्वारा इस योजना के तहत  कामगारों के लगभग 3.49 करोड़ परिवारों को कवर किया जाता है और यह लगभग 13.56 करोड़ लाभार्थियों को नकद लाभ तथा उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान करता है।
  • वर्तमान में 1520 औषधालयों (मोबाइल औषधालयों) सहित 307 ISM इकाइयों और 159 ESI अस्पतालों, 793 शाखा/वेतन कार्यालयों और 64 क्षेत्रीय तथा उप-क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ इसकी अवसंरचना में व्यापक विस्तार हुआ है।
  • वर्तमान में ESI योजना  देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (लक्षद्वीप को छोड़कर) के 568 ज़िलों में लागू है।
  • ESI योजना के तहत मिलने वाले विभिन्न लाभों के अतिरिक्त इस योजना के तहत आने वाले कर्मचारी बेरोज़गारी भत्ते के भी हकदार होते हैं। ESIC द्वारा  ‘अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना’ (ABVKY) और ‘राजीव गांधी श्रमिक कल्याण योजना’ (RGSKY) नामक दो बेरोज़गारी भत्ता योजनाओं का संचालन किया जाता है।  

दक्षिण एशियाई फ्लैश फ्लड गाइडेंस सिस्टम

South Asian Flash Flood Guidance System

हाल ही में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department- IMD) द्वारा दक्षिण एशियाई देशों में अचानक आने वाली बाढ़ या फ्लैश फ्लड की चुनौती से निपटने के लिये ‘दक्षिण एशियाई फ्लैश फ्लड गाइडेंस सिस्टम’ (South Asian Flash Flood Guidance System- FFGS) नामक एक मार्गदर्शन प्रणाली की शुरुआत की गई है।

प्रमुख बिंदु: 

  • विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organisation- WMO) के आँकड़ों के अनुसार, फ्लैश फ्लड के कारण विश्व भर में हर वर्ष लगभग 5,000 लोगों की मौत हो जाती है।  
  • IMD की पहल के तहत नई दिल्ली में एक समर्पित FFGS केंद्र की स्थापना की जाएगी, जहाँ पर सदस्य देशों से वर्षो से प्राप्त संबंधित डेटा की समीक्षा की जाएगी।
  • वर्षा और संभावित बाढ़ के अनुमान के आधार पर संबंधित देशों को फ्लैश फ्लड की चेतावनी जारी की जाएगी।
  • इसके तहत संबंधित देश को राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाओं के क्षेत्रीय केंद्र द्वारा फ्लैश फ्लड के खतरे की चेतावनी छह घंटे पहले, जबकि बाढ़ जोखिम की चेतावनी 24 घंटे पहले और जल-विभाजक स्तर के बारे में चेतावनी 12 घंटे पहले जारी की जाएगी।

फ्लैश फ्लड (Flash Flood):

  • फ्लैश फ्लड या अचानक आने वाली बाढ़ से आशय ऐसी बाढ़ की उन घटनाओं से है जहाँ वर्षा के कुछ ही घंटों के दौरान (या बाद में) जल स्तर काफी बढ़ जाता है।
  • फ्लैश फ्लड, बहुत अधिक उफान के साथ छोटी अवधि वाली अत्यधिक स्थानीयकृत घटनाएँ होती हैं। आमतौर पर वर्षा की शुरुआत और चरम उफान वाली बाढ़ की घटना के बीच की अवधि छह घंटे से कम होती है। 
  • विश्व के अधिकांश देशों में फ्लैश फ्लड से जुड़ी चेतावनी जारी करने संबंधी क्षमता का अभाव है। 
  • फ्लैश फ्लड और इसकी विभीषिका को देखते हुए विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की पंद्रहवीं काॅन्ग्रेस द्वारा वैश्विक कवरेज के साथ एक ‘फ्लैश फ्लड गाइडेंस सिस्टम’ (FFGS) परियोजना के कार्यान्वयन को मंज़ूरी दी गई थी। 
  • इस परियोजना को WMO के जल विज्ञान आयोग, अमेरिकी राष्ट्रीय मौसम सेवा, अमेरिकी जल अनुसंधान केंद्र, संयुक्त राज्य अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) आदि के सहयोग से तैयार किया गया है। 

विदेशी मुद्रा भंडार

Foreign Exchange Reserves

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, 16 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves)  3.615 बिलियन अमेरिकी डॉलर  की वृद्धि के साथ अब तक के अपने सर्वाधिक स्तर 555.12 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है।

प्रमुख बिंदु: 

  • देश के विदेशी मुद्रा भंडार में हुई इस वृद्धि का सबसे बड़ा कारण ‘विदेशी मुद्रा आस्तियों’ (Foreign Exchange Assets- FCAs) में हुई तीव्र वृद्धि है। 
  • RBI के आँकड़ों के अनुसार, बीते सप्ताह में FCA 3.539 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि के 512.322 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।  

विदेशी मुद्रा भंडार

(Foreign Exchange Reserves): 

  • विदेशी मुद्रा भंडार में किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा आरक्षित संपत्तियाँ होती हैं। इनमें विदेशी मुद्रा, बाॅण्ड, ट्रेज़री बिल और अन्य सरकारी प्रतिभूतियाँ शामिल हो सकती हैं। 
  • किसी भी देश के विदेशी मुद्रा भंडार में निम्नलिखित 4 तत्त्व शामिल होते हैं- 
    1. विदेशी परिसंपत्तियाँ (विदेशी कंपनियों के शेयर, डिबेंचर, बाॅण्ड इत्यादि विदेशी मुद्रा में) 
    2. स्वर्ण भंडार
    3.  IMF के पास रिज़र्व कोष (Reserve Trench) 
    4. विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights-SDR) 

विदेशी मुद्रा आस्तियाँ

(Foreign Exchange Assets- FCAs) :

  • किसी भी देश/अर्थव्यवस्था के पास एक समय में उपलब्ध कुल विदेशी मुद्रा (विभिन्न देशों की) उसकी विदेशी मुद्रा अस्तियाँ कहलाती है।  
  • विदेशी मुद्रा आस्तियाँ (Foreign Currency Assets) विदेशी मुद्रा भंडार का एक बड़ा घटक है।  

‘लाइफ इन मिनिएचर’ परियोजना

‘Life in Miniature’ Project

हाल ही में केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) द्वारा ‘लाइफ इन मिनिएचर’ परियोजना की शुरुआत की गई है। 

Life-in-Miniature

प्रमुख बिंदु: 

  • इस परियोजना को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और ‘गूगल आर्ट्स एंड कल्चर’ (Google Arts & Culture) के सहयोग शुरू किया गया है।
    • गौरतलब है कि इस साझेदारी की शुरुआत वर्ष 2011 में की गई थी।
  • इस परियोजना की शुरुआत के बाद विश्व भर के लोग राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली के कई सौ लघु चित्रों को  ‘गूगल आर्ट्स एंड कल्चर’ एप के माध्यम से देख सकेंगे।
  • इस परियोजना के तहत कलाकृतियों के प्रदर्शन के लिये मशीन लर्निंग, संवर्द्धित वास्तविकता या ऑग्मेंटेड रियलिटी (Augmented reality) और  हाई डेफिनेशन कैमरे जैसी नवीन डिजिटल तकनीकों का प्रयोग किया गया  है। 
  • इस परियोजना के तहत कलाकृतियाँ  का प्रदर्शन मानवीय संबंधों के पाँच सार्वभौमिक विषयों प्रकृति, प्रेम, उत्सव, विश्वास और शक्ति के अंतर्गत किया जाता है।

‘गूगल आर्ट्स एंड कल्चर’ (Google Arts & Culture): 

  •  ‘गूगल आर्ट्स एंड कल्चर’  गूगल (Google) की एक गैर-लाभकारी पहल है, यह विश्व भर में सांस्कृतिक संस्थानों और कलाकारों के साथ मिलकर कार्य करती है।
  • इसका उद्देश्य विश्व भर में कला और संस्कृति का संरक्षण करना और इन्हें ऑनलाइन प्रदर्शित करना है, जिससे यह किसी भी व्यक्ति के लिये कहीं भी आसानी से उपलब्ध हो सके।   
  • ‘गूगल आर्ट्स एंड कल्चर’ की वेबसाइट और एप के माध्यम से विश्व भर के 2,000 से अधिक संग्रहालयों में उपस्थित कलाकृतियों को देखा जा सकता है।
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