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प्रिलिम्स फैक्ट्स


प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 11 फरवरी, 2020

  • 11 Feb 2020
  • 13 min read

सरस

SARAS

कोल इंडिया की प्रमुख सहायक कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (NCL) ने सरस (SARAS) नाम से एक केंद्र स्थापित किया है।

सरस (SARAS) के बारे में

  • सरस (SARAS) का पूर्ण रूप ‘साइंस एंड एप्लाइड रिसर्च एलायंस एंड सपोर्ट’ (Science and Applied Research Alliance and Support) है।
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य कंपनी की परिचालन दक्षता में सुधार करना तथा इष्टतम स्तर पर संसाधनों का उपयोग करने के साथ-साथ नवाचार, R&D एवं कौशल विकास को बढ़ावा देना है।
  • सरस खानों में कोयला उत्पादन, उत्पादकता और सुरक्षा बढ़ाने के लिये नवाचार एवं अनुसंधान के एकीकरण में कंपनी को मदद करेगा।
  • इसके अलावा सरस कंपनी के परिचालन क्षेत्र में एवं उसके आसपास स्थानीय युवाओं को गुणवत्तापूर्ण कौशल विकास तथा रोज़गार पर ज़ोर देने के साथ-साथ अनुसंधान और विकास हेतु तकनीकी सहायता सुनिश्चित करने के लिये उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने में भी मदद करेगा।

नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (NCL)

  • भारत के कोयला उत्पादन में नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (NCL) का योगदान 15% का है तथा देश के लगभग 10% तापीय विद्युत उत्पादन में भारत सरकार की यह मिनीरत्न कंपनी एक अहम भूमिका निभाती है।
  • यह कंपनी प्रत्येक वर्ष 100 मिलियन टन से अधिक कोयले का उत्पादन करती है तथा इसने चालू वित्त वर्ष में 107 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करने का लक्ष्य तय किया है।

रेम्डेसिविर

Remdesivir

चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका की एक एंटीवायरल प्रायोगिक दवा रेम्डेसिविर (Remdesivir) पर पेटेंट के लिये आवेदन किया है, यह दवा नॉवेल कोरोनावायरस (nCoV-2019) के इलाज में मदद कर सकता है।

मुख्य बिंदु:

  • रेम्डेसिविर एक प्रायोगिक दवा है और वैश्विक स्तर पर कहीं भी इसका लाइसेंस या अनुमोदन नहीं किया गया है। अभी तक यह साबित नहीं हो पाया है कि इसका उपयोग सुरक्षित या प्रभावी है या नहीं।
  • इसे वर्तमान में इबोला वायरस से संक्रमण के उपचार के लिये विकसित किया जा रहा है।
  • रेम्डेसिविर और क्लोरोक्वीन (Chloroquine) में हाल ही में उभरे नॉवेल कोरोनावायरस (nCoV-2019) को प्रभावी ढंग से रोकने की क्षमता है।
    • क्लोरोक्वीन एक व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला मलेरिया-रोधी और स्व-प्रतिरक्षित रोग की दवा है जो हाल ही में एक संभावित एंटीवायरल दवा के रूप में प्रकाश में आई है।

गौरतलब है कि अब तक नॉवेल कोरोनावायरस के लिये कोई ज्ञात उपचार नहीं है और इसके लिये एक उपयुक्त एंटीवायरल दवा की आवश्यकता होती है।


गुरु रविदास जयंती

Guru Ravidas Jayanti

9 फरवरी, 2020 को देशभर में गुरु रविदास जयंती मनाई गई।

मुख्य बिंदु:

  • हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, माघ महीने में पूर्णिमा के दिन रविदास जयंती मनाई जाती है।
  • गुरु रविदास 14वीं सदी के संत तथा उत्तर भारत में भक्ति आंदोलन (Bhakti Movement) से संबंधित प्रमुख सुधारकों में से एक थे।

भक्ति आंदोलन:

  • भक्ति आंदोलन का विकास तमिलनाडु में सातवीं एवं नौवीं शताब्दी के बीच हुआ।
  • यह आंदोलन नयनार (शिव के उपासक) और अलवार (विष्णु के उपासक) संतों की भावनात्मक कविताओं से परिलक्षित हुआ। इन संतों ने धर्म को एक मात्र औपचारिक पूजा के रूप में नहीं बल्कि पूज्य और उपासक के बीच प्रेम पर आधारित एक प्रेम बंधन के रूप में स्वीकार किया।
  • समय के साथ दक्षिण भारत में पनपे इन विचारों का उत्तर भारत में भी प्रसार हुआ।
  • भक्ति विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिये स्थानीय भाषाओं का उपयोग किया गया था। भक्ति संतों ने स्थानीय भाषाओं में ही अपने छंदों की रचना की।
  • भक्ति आंदोलन के दौरान धार्मिक विचारधारा के बारे में लोगों को समझाने के लिये संस्कृत में लिखे ग्रंथों का स्थानीय भाषा में अनुवाद किया गया जैसे- सूरदास, कबीरदास और तुलसीदास ने हिंदी में, ज्ञानदेव ने मराठी में, शंकरदेव ने असमिया में, चैतन्य और चंडीदास ने बंगाली में, मीराबाई ने हिंदी एवं राजस्थानी भाषा में।
  • माना जाता है कि उनका जन्म वाराणसी में एक मोची परिवार में हुआ था। एक ईश्वर के प्रति उनकी आस्था और निष्पक्ष धार्मिक कविताओं के कारण उन्हें प्रमुखता मिली।
  • उन्होंने अपना पूरा जीवन जाति व्यवस्था के उन्मूलन के लिये समर्पित कर दिया और खुले तौर पर ब्राह्मणवादी समाज की धारणा को समाप्त किया।
  • उनके भक्ति गीतों ने भक्ति आंदोलन पर त्वरित प्रभाव डाला और उनकी लगभग 41 कविताओं को सिखों के धार्मिक ग्रंथ ‘गुरु ग्रंथ साहिब’ में शामिल किया गया।

सुपरकैम

SuperCam

नासा (NASA) मार्स 2020 रोवर के लिये सात उपकरणों में एक नया लेज़र-टोटिंग रोबोट सुपरकैम (SuperCam) भेजेगा।

SuperCam

मुख्य बिंदु:

  • इस रोबोट का उपयोग खनिज विज्ञान एवं रसायन विज्ञान के अध्ययन के लिये किया जाता है।
  • इस रोबोट द्वारा वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह पर जीवाश्म खोजने में मदद मिलेगी जिससे माइक्रोबियल जीवन के संकेतों का पता लगाया जा सकता है।

नासा ने कुछ तथ्यों को सूचीबद्ध किया है:

  • यह रोबोट चट्टान के छोटे हिस्सों को पिघलाने के लिये 7 मीटर की दूरी से एक स्पंदित लेज़र बीम भेज सकता है जिससे यह जानकारी मिलती है कि उस चट्टान में जीवाश्म हैं या नहीं।
  • सुपरकैम उन चट्टानी संरचना एवं रसायनों का अध्ययन करेगा जो कई वर्षों पहले मंगल ग्रह पर जल में गठित या परिवर्तित हुए थे।
  • सुपरकैम विभिन्न चट्टानों एवं मिट्टी के प्रकारों को खोजने में मदद करेगा जो मंगल ग्रह पर कई वर्षों पहले माइक्रोबियल जीवन के संकेतों को संरक्षित कर सकते हैं।
  • आने वाले समय में खोजकर्त्ता इसकी सहायता से मंगल ग्रह की धूल में निहित हानिकारक तत्त्वों के विषय में भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
  • सुपरकैम में एक माइक्रोफोन भी शामिल है जिसकी सहायता से वैज्ञानिक हर बार लेज़र बीम के चट्टान से टकराने की ध्वनि सुन सकेंगे।
    • गौरतलब है कि लेज़र बीम के लक्ष्य से टकराने से निकलने वाला पॉपिंग साउंड चट्टान के भौतिक गुणों के आधार पर आसानी से परिवर्तित हो जाता है।

अजेय वारियर-2020

AJEYA WARRIOR-2020

भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास अजेय वारियर-2020 (AJEYA WARRIOR-2020) का पाँचवां संस्करण 13-26 फरवरी, 2020 के मध्य यूनाइटेड किंगडम के सेलिसबरी मैदान में आयोजित किया जाएगा।

उद्देश्य: इसका उद्देश्य शहरी तथा अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में विद्रोह तथा आतंकवादी क्रियाकलापों के खिलाफ कार्यवाही करने हेतु संयुक्त सामरिक स्तर पर अंतर–संचालन क्षमता को बढ़ावा प्रदान करना है।

मुख्य बिंदु:

  • यह अभ्यास दो साल में एक बार (बारी-बारी से एक बार भारत में तथा एक बार यूनाइटेड किंगडम में) आयोजित किया जाता है।
  • इसमें सैन्य अभ्यास के दौरान आधुनिक हथियार प्रणाली, उपकरण एवं सिम्युलेटर प्रशिक्षण की योजना बनाई गई है।
  • इस अभ्यास के अंतर्गत दोनों देशों की सेनाओं द्वारा आपसी कौशल में वृद्धि करने तथा अनुभवों के आदान-प्रदान पर बल दिया जाता है।
  • इस सैन्य अभ्यास द्वारा भारत और यूनाइटेड किंगडम की सेनाओं के बीच सकारात्मक सैन्य संबंधों को स्थापित करने तथा बढ़ावा देने का प्रयास किया जाता है।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

National Deworming Day

हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health & Family Welfare) ने 30 करोड़ बच्चों और किशोर-किशोरियों को लाभान्वित करने के लिये राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (National Deworming Day) का 10वाँ चरण आयोजित किया।

National_Deworming_Day

मुख्य बिंदु:

  • कृमि मुक्ति दिवस वर्ष में दो बार 10 फरवरी और 10 अगस्त को सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में मनाया जाता है।
  • इस अभियान के तहत सरकारी स्कूलों, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों, आँगनवाड़ियों, निजी स्कूलों तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों में 1-19 वर्ष की आयु के बच्चों और किशोर-किशोरियों को कृमि से बचाव हेतु सुरक्षित दवा अलबेंडेज़ौल (Albendazole) दी जाती है।
  • उद्देश्य: इस अभियान का मुख्य उद्देश्य मिट्टी के संक्रमण से आंतों में उत्पन्न होने वाले परजीवी कृमि को खत्म करना है।
  • राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस सभी स्वास्थ्य कर्मियों, राज्य सरकारों और दूसरे हितधारकों को मिट्टी-संचारित कृमि संक्रमण के खात्मे के लिये प्रयास करने हेतु प्रेरित करता है।
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की वर्ष 2017 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 14 वर्ष से कम आयु के लगभग 22 करोड़ से अधिक बच्चों को मिट्टी-संचारित कृमि संक्रमण का खतरा है।
  • कृमि मुक्ति अभियान वर्ष 2015 में शुरू किया गया था। अब तक इसके नौ चरण पूरे हो चुके हैं, यह 10वाँ चरण है। इस वर्ष 19 राज्यों की 9.35 करोड़ आबादी तक पहुँचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) और मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of Human Resource Development) के सहयोग से कार्यान्वित राष्ट्रीय कृमि निवारण दिवस का मुख्य लक्ष्य एनीमिया मुक्त भारत का निर्माण करना है। इस मिशन की सफलता और प्रभाव स्वच्छ भारत मिशन के अनुरूप है।
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