इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स


प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 03- 09- 2019

  • 03 Sep 2019
  • 7 min read

टेराकोटा ग्राइंडर

(Terracota Grinder)

खादी व ग्रामोद्योग आयोग (Khadi and Village Industries Commission- KVIC) ने वाराणसी के सेवापुरी में पहला टेराकोटा ग्राइंडर (Terracota Grinder) लॉन्च किया है।

Terracota Grinder

  • इस मशीन के द्वारा बेकार और टूटे बर्तनों का पाउडर बना कर बर्तन निर्माण में इसका उपयोग पुनः उपयोग किया जा सकेगा।
  • इससे पहले बेकार पड़े मिट्टी के बर्तनों को खल-मूसल के द्वारा पाउडर के रूप में परिवर्तित किया जाता था तथा इसके महीन पाउडर को साधारण मिट्टी में मिलाया जाता था।
  • एक निश्चित मात्रा में इस पाउडर को मिलाने से नए तैयार होने वाले बर्तन अधिक मज़बूत होते हैं।
  • इससे बर्तन के निर्माण में आने वाली लागत में भी कमी आएगी और बर्तन बनाने के लिये मिट्टी की कमी की समस्या भी दूर होगी। साथ ही गाँवों में रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।
  • इस ग्राइंडर को खादी व ग्रामोद्योग आयोग के चेयरमैन ने डिज़ाइन किया है तथा इसका निर्माण राजकोट की एक इंजीनियरिंग इकाई ने किया है।
  • स्वच्छ भारत अभियान के तहत खादी व ग्रामोद्योग आयोग ने जयपुर में प्लास्टिक मिश्रित कागज का निर्माण भी प्रारंभ किया है।
  • यह निर्माण कार्य री-प्लान (प्रकृति में प्लास्टिक को कम करना) परियोजना के तहत कुमारप्पा राष्ट्रीय हस्त निर्मित कागज संस्थान (Kumarappa National Handmade Paper Institute- KNHPI) में किया जा रहा है।

एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) टॉवर

नई दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर देश के सबसे ऊँचे एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर- दिल्ली हवाई यातायात सेवा परिसर [Delhi Air Traffic Service (DATS) Complex] का उद्घाटन किया गया।

ATC Tower

  • यह आदर्श अवसंरचना कुशल, सुचारू और निर्बाध हवाई यातायात प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिये सेवाओं तथा प्रणालियों को उन्नत बनाने की दिशा में एक आवश्यक कदम है।

विशेषताएँ

  • 102 मीटर की ऊँचाई वाला यह टॉवर भारत में सबसे ऊँचा एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर है तथा विश्व के सबसे ऊँचे कंट्रोल टॉवरों में शामिल है।
  • कंट्रोलर के उत्तरदायित्व वाले क्षेत्र में उन्नत VHF (Very High Frequency) कवरेज़ के लिये इंटरनेट प्रोटोकॉल आधारित संचार प्रणाली।
  • उन्नत राडार और ADS सक्षम ऑटोमेशन प्रणाली।
  • कागजी स्ट्रिप के स्थान पर ATG इकाइयों में इलेक्ट्रानिक उड़ान स्ट्रिप।
  • ऑनलाइन उड़ान प्लान फिलिंग सुविधा के साथ IP आधारित स्वचालित संदेश स्विचिंग प्रणाली।
  • 350 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित प्रणाली में अत्याधुनिक उपकरण।

भारतीय विश्व संस्कृति संस्थान

(Indian Institute of World Culture- IIWC)

अगस्त 2019 में भारतीय विश्व संस्कृति संस्थान (IIWC) ने अपने 75वें वर्ष में कदम रखा।

Indian Institute of World Culture

  • भारतीय विश्व संस्कृति संस्थान की स्थापना बी.पी. वाडिया ने 11 अगस्त, 1945 को बंगलूरु शहर के बसवनगुड़ी उपनगर में हुई थी।
  • IIWC के पुस्तकालय में विभिन्न विषयों पर लगभग 1.5 लाख पुस्तकें उपलब्ध हैं।
  • इस संस्थान की पत्रिका 'बुलेटिन' नि:शुल्क वितरित की जाती है, जिसमें लेख और महत्त्वपूर्ण घटनाओं सूची होती है।
  • इसके पत्रिका अनुभाग में दुर्लभ संग्रह उपस्थित हैं।
  • पढ़ने के कमरे में 400 पत्रिकायें और 30 समाचार पत्र हैं।
  • यहाँ औसतन 150 कार्यक्रम प्रतिवर्ष आयोजित किये जाते है।

EIR 21 एक्सप्रेस

73 वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के उपलक्ष्य में, EIR-21 द्वारा संचालित एक हेरिटेज स्पेशल सर्विस चेन्नई के एगमोर से कोडम्बक्कम तक संचालित की गई। EIR-21 विश्व की सबसे पुरानी स्टीम लोकोमोटिव (Steam Locomotive) है।

Steam Locomotive

  • लोको को ‘EIR 21 एक्सप्रेस’ नाम इसके निर्माणकर्त्ताओं इंग्लैंड के किटसन, थॉम्पसन और हेविट्सन ने दिया था, जिन्होंने इसे वर्ष 1855 में बनाया था।
  • ‘EIR 21 एक्सप्रेस’ फेयरी क्वीन की तरह ही दिखती है तथा फेयरी क्वीन की तरह ही 164 साल पुरानी है।
    • ‘द फेयरी क्वीन’ (The Fairy Queen) वर्ष 1855 में बनी दुनिया की सबसे पुरानी कार्यरत स्टीम लोकोमोटिव है।
    • वर्ष 1996 में द फेयरी क्वीन का परिचालन पूरी तरह से बंद करके वर्ष 1997 में फेयरी क्वीन ट्रेन टूर बना दिया गया तथा वर्ष 1998 में इसका वाणिज्यिक परिचालन फिर से शुरू किया गया।
    • इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा दुनिया के सबसे पुराने कामकाजी लोकोमोटिव के रूप में भी प्रमाणित किया जा चुका है।
  • EIR-21 के कई हिस्से विकृत हो गये थे कुछ लापता हो गए थे जबकि कुछ हिस्से टूट गए थे, इस प्रकार यह उपयोग करने योग्य नहीं था। हालाँकि लोको वर्क्स, पेरम्बूर ने वर्ष 2010 में लोको को फिर से तैयार किया और तब से भारतीय रेलवे के विरासत मूल्य को प्रदर्शित करने के लिये इसे चलाया जाता है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2