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09 Apr 2025
सामान्य अध्ययन पेपर 4
सैद्धांतिक प्रश्न
दिवस- 31: महिला सशक्तीकरण के लिये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा क्या पहल की गई है? (125 शब्द)
उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- महिला सशक्तीकरण के बारे में संक्षेप में बताइये।
- महिला सशक्तीकरण के लिये उत्तर प्रदेश सरकार की पहलों पर विस्तार से प्रकाश डालिये।
- उचित निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
महिलाओं का सशक्तीकरण सतत् विकास और आर्थिक वृद्धि के लिये आवश्यक है। अतः सशक्तीकरण का मूल उद्देश्य व्यक्तियों की क्षमता वृद्धि करना है, जिससे वे अपने परिवेश में प्रभावी परिवर्तन कर सकें और अपने जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकें। सशक्तीकरण समाज में सामाजिक और सांस्कृतिक मानदंडों, अनौपचारिक एवं औपचारिक संस्थानों पर एक व्यक्ति के प्रभाव से भी संबंधित है। महिलाओं को कई तरीकों से सशक्त बनाया जा सकता है: सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और कानूनी रूप से।
मुख्य भाग:
महिला सशक्तीकरण के लिये समग्र दृष्टिकोण:
महिला सशक्तीकरण को हमेशा उत्तर प्रदेश सरकार की समावेशी विकास नीतियों के मूल के रूप में मान्यता दी गई है। राज्य में महिलाओं के समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाली कई पहल और कार्यक्रम हैं।
कुछ प्रमुख पहलें इस प्रकार हैं:
- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना: यह योजना न केवल लिंगानुपात को संतुलित करने में बल्कि बेटी को आत्मनिर्भर बनने का आधार प्रदान करने में भी निर्णायक साबित हुई है। इसके तहत सरकार लड़की के जन्म के समय, फिर एक वर्ष की आयु पूरी होने पर, स्कूली शिक्षा के समय, पहली कक्षा में प्रवेश के समय, छठी कक्षा में प्रवेश के समय, 9वीं कक्षा में और फिर स्नातक में प्रवेश के समय आदि पर उसके खाते में धनराशि स्थानांतरित करेगी।
- बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंस सखी: राज्य सरकार की इस महत्त्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी (बीसी सखी) की नियुक्ति की जा रही है। उत्तर प्रदेश की 58,000 से अधिक ग्राम पंचायतों को कवर करने वाली इस पहल को प्रधानमंत्री ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाने वाली एक प्रभावशाली योजना के रूप में सराहा है।
- स्वयं सहायता समूह और ग्रामीण महिला उद्यमी: उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण महिला उद्यमियों के लिये व्यापक काम किया है। अब स्वयं सहायता समूह स्थानीय स्तर पर खाद्य सामग्री खरीदेंगे, उसका क्रय करेंगे और पौष्टिक खाद्य पदार्थ बनाकर उसकी आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे। सोशल सहेली एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जो उत्तर प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूह की मदद करता है।
- मिशन शक्ति: उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये सरकार ने वर्ष 2020 में “मिशन शक्ति” कार्यक्रम शुरू किया, जिससे महिलाएँ नई मिसाल कायम कर रही हैं और एक मज़बूत एवं अधिक समतामूलक समाज के निर्माण में भागीदार बन रही हैं। स्वास्थ्य और अन्य सेवाओं का उपयोग बढ़ाकर वे अपने साथ-साथ अपने बच्चों तथा परिवार की भी खुशहाली सुनिश्चित कर रही हैं।
- महिला शक्ति केंद्र: यूपी सरकार ने 75 ज़िलों में अपने महिला शक्ति केंद्रों के माध्यम से वर्ष 2020 में लगभग 19 लाख महिलाओं और बेटियों को जागरूक किया है। कुल 37,406 गतिविधियाँ आयोजित की गईं और इसके साथ ही 12.76 लाख महिलाओं को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा गया है।
- महिला सामर्थ्य योजना: इसके अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है जो ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद कर रहे हैं।
- स्वामित्व योजना: केंद्र सरकार की स्वामित्व योजना के तहत, परिवार की महिलाएँ दस्तावेज़ बनवाकर अपने नाम पर संपत्ति पंजीकृत करवा रही हैं।
- यूपी पुलिस महिला सम्मान प्रकोष्ठ (MSP): यह पुलिस विभाग के भीतर एक इकाई है जो राज्य में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, सम्मान एवं सशक्तीकरण के लिये समर्पित है। MSP को पुलिस और नागरिक समाज के बीच एक पुल बनाने एवं महिलाओं तथा बच्चों के मुद्दों के संबंध में पुलिस में जनता का विश्वास बढ़ाने का काम सौंपा गया है। महिला सम्मान प्रकोष्ठ के सभी अधिकारी उत्तर प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के अनुकूल पुलिसिंग स्थापित करने के लिये समर्पित हैं।
निष्कर्ष:
समग्र रूप से देखा जाए तो उत्तर प्रदेश की महिलाएँ आज सुरक्षा और सम्मान के साथ आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर हैं एवं राज्य में समावेशी, संतुलित तथा तीव्र विकास की एक नई कहानी गढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, संत रविदास शिक्षा सहायता योजना, प्रधानमंत्री सुकन्या समृद्धि योजना, सेफ सिटी परियोजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, शबरी संकल्प अभियान, मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना, किशोरी बालिका योजना आदि अनेक ऐसी योजनाएँ शुरू की गई हैं जो महिलाओं को सशक्त और खुशहाल बना रही हैं।