UP PCS Mains-2024

दिवस- 12: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्वाड किस प्रकार एक प्रभावशाली रणनीतिक समूह के रूप में उभर रहा है? भारत के समकालीन हितों के संदर्भ में इसका विश्लेषण कीजिये। (200 शब्द)

21 Mar 2025 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | अंतर्राष्ट्रीय संबंध

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

दृष्टिकोण : 

  • संक्षेप में QUAD का परिचय दीजिये।
  • क्वाड की पहलों पर चर्चा कीजिये, जिसने इसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक रणनीतिक खिलाड़ी के रूप में आगे बढ़ाया।
  • भारत के लिये QUAD के महत्त्व पर प्रकाश डालिये।
  • निष्कर्ष के साथ समाप्त कीजिये।

परिचय: 

क्वाड को 'चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता' के रूप में जाना जाता है, यह एक अनौपचारिक रणनीतिक मंच है जिसमें चार राष्ट्र शामिल हैं- संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए), भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान। क्वाड का एक प्राथमिक उद्देश्य एक स्वतंत्र, खुले, समृद्ध और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिये काम करना है।

इस समूह की पहली बैठक वर्ष 2007 में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) की बैठक के दौरान हुई थी। इसे समुद्री लोकतंत्रों का गठबंधन माना जाता है और इस मंच को विभिन्न तंत्रों जैसे- बैठकें, अर्द्ध-नियमित शिखर सम्मेलन, सूचना आदान-प्रदान तथा सदस्य देशों के बीच सैन्य अभ्यास के माध्यम से बनाए रखा जाता है।

मुख्य भाग: 

क्वाड की निम्नलिखित पहल इसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक रणनीतिक खिलाड़ी बनाती हैं:

  • वैश्विक स्वास्थ्य संरचना: QUAD देशों ने कोविड-19 महामारी का जवाब देने और दुनिया को अगली महामारी का सामना करने के लिये तैयार करने के उद्देश्य से वैश्विक स्वास्थ्य संरचना को सुदृढ़ करने का संकल्प लिया। कोविड-19 के लिये सुरक्षित और प्रभावी टीकों के निर्माण का विस्तार करने के लिये मार्च 2021 में QUAD वैक्सीन साझेदारी की घोषणा की गई थी। इस पहल का उद्देश्य वर्ष 2022 के अंत तक पूरे इंडो-पैसिफिक में कोविड-19 टीकों की एक बिलियन खुराक उपलब्ध कराना है।
  • बुनियादी ढाँचे का निर्माण: "क्वाड इंफ्रास्ट्रक्चर फेलोशिप" का उद्देश्य एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये भविष्य के नेताओं को तैयार करना और बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में निवेश को प्रबंधित करने और आकर्षित करने के लिये पूरे क्षेत्र में क्षमता और नेटवर्किंग को मज़बूत करना है।
    • वर्ष 2022 में क्वाड देशों ने अगले पाँच वर्षों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे के विकास में 50 बिलियन डॉलर का निवेश करने का संकल्प लिया।
  • जलवायु परिवर्तन: वर्ष 2022 में क्वाड नेताओं ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये "शमन" और "अनुकूलन" विषयों के साथ "क्वाड जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और शमन पैकेज (क्यू-चैंप)" लॉन्च किया।
  • महत्त्वपूर्ण प्रौद्योगिकियाँ: क्वाड देश लचीलापन, खुला संचार और आर्थिक विकास का निर्माण करने वाले विकल्प प्रदान करके भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थायी लाभ लाने के लिये प्रतिबद्ध हैं क्योंकि उन्होंने सुरक्षित सॉफ्टवेयर के लिये संयुक्त सिद्धांत, महत्त्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी मानकों के लिये सिद्धांत जारी किये हैं।
    • क्वाड ने ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क (ओपन आरएएन) की स्थापना के लिये पलाऊ के साथ सहयोग की घोषणा की, जो विभिन्न विक्रेताओं के उप-घटकों का उपयोग करके नेटवर्क बनाने की अनुमति देता है।
  • साइबर सुरक्षा: क्वाड ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उसके बाहर इंटरनेट उपयोगकर्त्ताओं को सुरक्षित और ज़िम्मेदार साइबर आदतें अपनाने के लिये प्रोत्साहित करने हेतु एक सार्वजनिक अभियान, 'क्वाड साइबर चैलेंज' शुरू किया है।

भारत के लिये क्वाड का महत्त्व:

  • चीन के साथ प्रतिस्पर्द्धा: हिमालय में भूमि हड़पने के अवसरवादी प्रयासों की तुलना में समुद्री क्षेत्र चीन के लिये कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण है।
    • चीनी व्यापार का एक बड़ा हिस्सा भारतीय महासागरीय मार्गों के माध्यम से होता है, जो समुद्री अवरोध बिंदुओं से होकर गुज़रता है।
    • सीमाओं पर किसी भी चीनी आक्रमण की स्थिति में, भारत अन्य क्वाड सदस्यों के सहयोग से संभावित रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की समुद्री गतिविधियों पर रोक लगा सकता है।
  • नेट सुरक्षा प्रदाता के रूप में उभरना: समुद्री क्षेत्र में रुचि बढ़ रही है, खासकर 'इंडो-पैसिफिक' की अवधारणा के आगमन के साथ। उदाहरण के लिये, कई यूरोपीय देशों ने हाल ही में अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीतियाँ जारी की हैं।
    • भारत, जो हिंद-प्रशांत भू-राजनीतिक कल्पना के ठीक केंद्र में स्थित है, एक 'वृहत्तर एशिया' की परिकल्पना को साकार कर सकता है, जो भौगोलिक सीमाओं से परे अपना प्रभाव बढ़ा सकता है।
    • भारत मानवीय सहायता और आपदा राहत, खोज तथा बचाव या समुद्री डकैती विरोधी कार्रवाइयों के लिये नौवहन की निगरानी, ​​जलवायु की दृष्टि से संवेदनशील राज्यों को बुनियादी ढाँचा सहायता, संपर्क पहल और इसी तरह की गतिविधियों में सामूहिक कार्रवाई कर सकता है।
    • क्वाड देशों के साथ मिलकर भारत हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की साम्राज्यवादी नीतियों पर अंकुश लगा सकता है तथा क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास सुनिश्चित कर सकता है।

निष्कर्ष: 

क्वाड देशों को इंडो-पैसिफिक विज़न को अधिक स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने की आवश्यकता है, जिसमें सभी के आर्थिक और सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से एक व्यापक रूपरेखा हो। भारत के पास इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में इंडोनेशिया और सिंगापुर जैसे कई अन्य महत्त्वपूर्ण साझेदार हैं, इसलिये उसे भविष्य में इन देशों को क्वाड में शामिल करने के लिये प्रेरित करना चाहिये।

क्षेत्र के सामरिक महत्त्व को ध्यान में रखते हुए, क्वाड सदस्यों को अपने सैन्य सहयोग को मज़बूत बनाने के लिये वृद्धिशील कदम उठाने चाहिये, ताकि चीन को बेवजह उकसाया न जाए, साथ ही ज़रूरत पड़ने पर चुनौतियों का सामना करने के लिये एक साथ मिलकर कार्य करने की क्षमता विकसित करनी चाहिये।