UP PCS Mains-2024

दिवस- 32: उत्तर प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा के समक्ष बाहरी राज्यीय तत्त्वों द्वारा उत्पन्न विशिष्ट खतरे कौन-कौन से हैं? इनसे निपटने के लिये राज्य को क्या रणनीतियाँ अपनानी चाहिये, विवेचना कीजिये। (200 शब्द)

10 Apr 2025 | सामान्य अध्ययन पेपर 4 | सैद्धांतिक प्रश्न

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

हल करने का दृष्टिकोण:

  • उत्तर प्रदेश में सुरक्षा चुनौतियों का संक्षिप्त परिचय दीजिये।
  • बाह्य राज्य द्वारा उत्पन्न चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा कीजिये।
  • उपयुक्त निष्कर्ष दीजिये।

परिचय:

आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को बाहरी राज्यों और गैर-राज्य तत्त्वों से अनेक प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। राज्य-स्तरीय खतरों में विदेशी सरकारों और उनकी एजेंसियों की भूमिका शामिल हो सकती है, जबकि गैर-राज्य तत्त्वों में गैर-सरकारी संगठन (NGO), बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ, आतंकवादी संगठन, धार्मिक समूह एवं साइबर हमलावर (हैकर) जैसे कारक राज्य की सुरक्षा के लिये गंभीर खतरा बन सकते हैं।

मुख्य भाग:

उत्तर प्रदेश के सामने प्रमुख चुनौतियाँ:

  • सीमा पार से घुसपैठ: उत्तर प्रदेश की सीमा नेपाल से लगती है, जिससे यह बाहरी राज्य अभिनेताओं या उनके प्रतिनिधियों द्वारा घुसपैठ के लिये अतिसंवेदनशील है। घुसपैठियों में आतंकवादी, तस्कर या संगठित अपराध में शामिल व्यक्ति शामिल हो सकते हैं।
  • कट्टरपंथ और उग्रवाद: बाहरी सरकारी तत्त्व उत्तर प्रदेश की सामाजिक-राजनीतिक विभाजनों का उपयोग कर कट्टरपंथी विचारधाराओं को बढ़ावा देने का प्रयास कर सकते हैं। इससे व्यक्तियों के कट्टरपंथ की ओर आकर्षित होने की संभावना बढ़ जाती है, जो आगे चलकर सांप्रदायिक तनाव, आतंकवादी घटनाओं या उग्रवादी गतिविधियों के रूप में प्रकट हो सकता है।
  • साइबर खतरे: इन खतरों में हैकिंग के प्रयास, डेटा उल्लंघन, रैनसमवेयर हमले या राज्य को अस्थिर करने के उद्देश्य से गलत सूचना अभियान शामिल हो सकते हैं।
  • तस्करी और अवैध गतिविधियाँ: उत्तर प्रदेश की भौगोलिक स्थिति और विशाल सीमा क्षेत्र इसे प्रतिबंधित वस्तुओं, ड्रग्स, हथियारों एवं नकली मुद्रा की तस्करी के लिये संवेदनशील बनाता है। बाहरी राज्य अभिनेता उत्तर प्रदेश की कमज़ोरियों का लाभ उठाकर अवैध गतिविधियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर सकते हैं या राज्य की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का प्रयास कर सकते हैं। इस खतरे से निपटने के लिये सीमा सुरक्षा को मज़बूत बनाना, खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान सुनिश्चित करना और पड़ोसी राज्यों व केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वित कार्रवाई करना अत्यंत आवश्यक है।
  • छद्म युद्ध: भारत में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश का महत्त्व इसे बाहरी राज्य अभिनेताओं द्वारा छद्म युद्धों के लिये संभावित लक्ष्य बनाता है। ये अभिनेता स्थानीय राजनीति में हेरफेर करने, अंतर-सामुदायिक तनाव को भड़काने या अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिये चुनावी प्रक्रियाओं को प्रभावित करने का प्रयास कर सकते हैं। इस तरह के हस्तक्षेप का पता लगाने और उसका मुकाबला करने के लिये एक मज़बूत खुफिया तंत्र और राज्य एवं केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के बीच प्रभावी समन्वय की आवश्यकता होती है।

निष्कर्ष:

इन चुनौतियों से निपटने के लिये, उत्तर प्रदेश को एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है जिसमें मज़बूत सीमा सुरक्षा, केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ खुफिया जानकारी साझा करना और समन्वय, कट्टरपंथ का मुकाबला करने के लिये सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम, साइबर सुरक्षा बुनियादी ढाँचे में निवेश, कानून प्रवर्तन क्षमताओं में वृद्धि शामिल है।