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02 Apr 2025
सामान्य अध्ययन पेपर 4
सैद्धांतिक प्रश्न
दिवस- 24: भावनात्मक बुद्धिमत्ता (EI) से क्या तात्पर्य है? नौकरशाही में प्रभावी शासन, निर्णय-निर्माण और नागरिक केंद्रित प्रशासन सुनिश्चित करने में इसकी क्या भूमिका एवं आवश्यकता है? (125 शब्द)
उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- भावनात्मक बुद्धि के बारे में संक्षिप्त जानकारी दीजिये।
- कल्याणकारी राज्य के लक्ष्यों को प्राप्त करने में इसकी भूमिका की व्याख्या कीजिये।
- तद्नुसार निष्कर्ष निकालिये।
परिचय:
भावनात्मक बुद्धिमत्ता (AI) किसी व्यक्ति की भावनाओं के प्रति जागरूक होने, उन्हें नियंत्रित करने और व्यक्त करने तथा पारस्परिक संबंधों को विवेकपूर्ण एवं सहानुभूतिपूर्वक संभालने की क्षमता है। प्रशासन की नागरिक केंद्रित प्रकृति के लिये जनसंख्या के साथ अधिक भावनात्मक जुड़ाव की आवश्यकता होती है।
यह शब्द वर्ष 1990 में दो शोधकर्ताओं - पीटर सलोवी और जॉन मेयर द्वारा गढ़ा गया था, लेकिन यह वर्ष 1996 में डैनियल गोलेमैन की पुस्तक ' इमोशनल इंटेलिजेंस: व्हाई इट कैन मैटर मोर देन आईक्यू' से लोकप्रिय हुआ।
आज सिविल सेवकों को कार्य वातावरण में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे: क्षेत्रीय, आर्थिक और डिजिटल विभाजन में वृद्धि, आईटी का व्यापक अनुप्रयोग, बेहतर प्रशासन की मांग, मुद्दों का आसानी से राजनीतिकरण हो जाना, राजनीतिक दबाव एवं व्यापक भ्रष्टाचार, शासन का जमीनी स्तर तक विकेन्द्रीकरण, जिसके कारण उत्तरदायित्वों में वृद्धि व वैश्वीकरण, प्रवासन, आतंकवाद, साइबर अपराध, सूचना प्रौद्योगिकी आदि के मुद्दे।
मुख्य भाग :
सिविल सेवाओं में AI की भूमिका:
- नीतियों को बेहतर ढंग से लक्षित करने के लिये: नौकरशाहों को उन व्यक्तियों की भावनाओं, मनोदशाओं और प्रेरणाओं को जानने की आवश्यकता होती है, जिन पर सार्वजनिक नीति लक्षित होती है, ताकि समाज में समस्याओं की प्रकृति एवं उनके संभावित समाधानों से बेहतर परिचित हो सकें।
- अधीनस्थों को प्रेरित करने के लिये: भावनात्मक बुद्धिमत्ता एक व्यक्ति को दूसरों की भावनाओं को समझने में मदद करती है, इस प्रकार एक भावनात्मक रूप से बुद्धिमान सिविल सेवक अपने अधीनस्थों को एक विशेष लक्ष्य के लिये प्रेरित कर सकता है।
- तनाव प्रबंधन: AI व्यक्ति को चिंताजनक स्थितियों में भावनाओं को प्रबंधित करने में सक्षम बनाता है और इस प्रकार व्यक्ति को अपनी शारीरिक व मानसिक भलाई बनाए रखने में मदद करता है।
- बदलाव के लिये: भावनात्मक रूप से बुद्धिमान व्यक्ति नई चीजों को आजमाने, जोखिम उठाने और बिना किसी डर के नई चुनौतियों का सामना करने की अधिक संभावना रखता है। इससे विभिन्न समस्याओं के लिये अभिनव समाधान खोजने में मदद मिलेगी।
- निर्णय लेने के लिये: भावनात्मक बुद्धिमत्ता ऐसी भावनाओं को पहचानने में मदद करती है जो किसी विशिष्ट समस्या से संबंधित नहीं होती हैं तथा उन्हें परिणाम पर प्रभाव डालने से रोकती है।
- बेहतर संचार के लिये: भावनात्मक रूप से बुद्धिमान सिविल सेवक नीतियों को बेहतर ढंग से संप्रेषित करने में सक्षम होगा। साथ ही, वह व्यक्ति अधीनस्थों के साथ स्वस्थ संबंध विकसित करने में सक्षम होगा।
- जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिये: AI एक सिविल सेवक को अपने व्यक्तिगत जीवन के साथ-साथ पेशेवर जीवन को प्रबंधित करने में मदद करता है।
- व्यक्तिगत मोर्चे पर: भावनात्मक बुद्धिमत्ता व्यक्ति को अधिक लचीला, सहानुभूतिपूर्ण और स्पष्ट अभिव्यक्ति वाला बनाती है।
निष्कर्ष:
AI संघर्ष प्रबंधन में मदद करता है, विविधता के प्रति सहिष्णुता का निर्माण करता है, विश्वास का निर्माण करता है और तनाव को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करता है। जिस नौकरशाह के पास AI है वह बेहतर निर्णय लेने वाला और अधीनस्थों के लिये अधिक प्रेरक होता है