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UP PCS Mains-2024

  • 12 Apr 2025 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्न

    दिवस-34: “उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022” की मुख्य विशेषताओं का विवेचन कीजिये तथा इसके प्रभावी क्रियान्वयन में आने वाली प्रमुख बाधाओं का मूल्यांकन कीजिये। (200 शब्द)

    उत्तर

    हल करने का दृष्टिकोण:

    • उत्तर प्रदेश की पर्यटन संभावनाओं के बारे में सामान्य परिचय दीजिये।
    • पर्यटन नीति के प्रमुख लक्ष्यों और उद्देश्यों की व्याख्या कीजिये।
    • नीति के कार्यान्वयन में उत्तर प्रदेश के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा कीजिये।
    • संक्षिप्त निष्कर्ष लिखिये।

    परिचय: 

    उत्तर प्रदेश में समृद्ध विरासत और सांस्कृतिक संपदा है, जो न केवल देश भर से बल्कि दुनिया भर से विरासत प्रेमियों को आकर्षित करती है। पर्यटन मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में लगभग 24.87 करोड़ पर्यटकों के रिकॉर्ड आगमन के साथ, इसने सबसे अधिक घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये दूसरा स्थान प्राप्त किया और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने में तीसरा स्थान प्राप्त किया।

    मुख्य भाग: 

    उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022 की मुख्य विशेषताएँ:

    • इस नीति के अंतर्गत लक्ष्य:
      • घरेलू स्तर पर शीर्ष पर्यटन स्थल तथा विदेशी पर्यटकों के आगमन के मामले में भी शीर्ष पर आने का लक्ष्य।
      • 20,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करना।
      • पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र में 10 लाख अतिरिक्त नौकरियाँ सृजित करना।
      • विशेष रूप से उच्च क्षमता वाले कम विकसित पर्यटन क्षेत्रों में मेगा परियोजना निवेश को प्रोत्साहित करके प्रतिवर्ष 10% की क्षेत्रीय वृद्धि और GSDP में 15% की हिस्सेदारी प्राप्त करना।
      • सुरक्षा की दृष्टि से तथा अनुभवात्मक पर्यटन के लिये पर्यटन स्थल के रूप में उत्तर प्रदेश की ब्रांड छवि में सुधार करना।
    • नीति के उद्देश्य:
      • फोकस पर्यटन स्थलों (FTD) का विकास: इसके तहत, उत्तर प्रदेश का पर्यटन विभाग प्राथमिकता के आधार पर विकास, कम ज्ञात क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने और विकसित करने के लिये समय-समय पर फोकस पर्यटन स्थलों (FTD) की सूची अधिसूचित करता है।
      • विषयगत क्षेत्र: विषय-आधारित पर्यटन को विकसित और बढ़ावा देना, उदाहरण के लिये (विरासत, कला और संस्कृति, आध्यात्मिक/धार्मिक पर्यटन, पारिस्थितिकी, प्रकृति और वन्य जीवन, कल्याण और चिकित्सा पर्यटन, साहसिक पर्यटन, कृषि पर्यटन, व्यंजन पर्यटन, ग्रामीण/गाँव/जनजातीय आधारित पर्यटन आदि...)।
      • सर्किट आधारित पर्यटन विकास मॉडल: उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में यात्रा को सुगम और सुविधाजनक बनाने के लिये, पर्यटकों की रुचियों के अनुरूप स्पष्ट रूप से परिभाषित पर्यटन सर्किट विकसित किये गए हैं। इन सर्किटों में प्रमुख आकर्षणों को इस प्रकार शामिल किया गया है कि यात्री एक योजनाबद्ध यात्रा कार्यक्रम के तहत आसानी से इन्हें देख सकें। 
        • सरकार ने वर्तमान में 12 मेगा सर्किट विकसित किये हैं (रामायण सर्किट, कृष्ण/ब्रज सर्किट, बौद्ध सर्किट, महाभारत सर्किट, शक्ति पीठ सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, सूफी/कबीर सर्किट, जैन सर्किट, बुंदेलखंड सर्किट, वन्यजीव और पर्यावरण पर्यटन सर्किट, शिल्प सर्किट और स्वतंत्रता संग्राम सर्किट)।
      • सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल: उच्च गुणवत्ता वाले पर्यटक-केंद्रित पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिये निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के खिलाड़ियों के बीच सहयोग।
      • डिजिटल समन्वयन: सोशल मीडिया हैंडल, वेबसाइट और एप्लिकेशन सहित पर्यटन टचपॉइंट्स से ग्राहक खुफिया डेटा द्वारा संचालित लक्ष्य सेवाएँ एवं पर्यटन आपूर्ति प्रतिक्रिया।
        • कम ज्ञात पर्यटक आकर्षणों पर कारवाँ पर्यटन, जल क्रीड़ा, साहसिक गतिविधियाँ आदि जैसे नए पर्यटन उत्पादों और सेवाओं का विकास करना।
      • विरासत पर्यटन इकाइयाँ: ये वे इकाइयाँ हैं जो किसी विरासत भवन पर संचालित की जा रही हैं, अर्थात् ऐसी इमारत जो 1 जनवरी 1950 से पहले बनी हो।
      • पर्यटन को उद्योग का दर्जा: उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग में पंजीकृत स्टार श्रेणी के होटल और रिसॉर्ट तथा पात्र पर्यटन इकाइयों को उद्योग का दर्जा दिया जाएगा।
      • प्रोत्साहन, सब्सिडी और रियायतें: होटल उद्योग के लिये निवेश आधारित सब्सिडी की व्यवस्था की गई है। 10 करोड़ रुपए तक के निवेश पर 2 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी और 500 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश पर 40 करोड़ रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी।

    नीति के कार्यान्वयन में राज्य के सामने आने वाली चुनौतियाँ:

    • बुनियादी ढाँचे का अभाव: बुनियादी ढाँचे की सुविधाओं को विकसित करने और उन्नत करने के सरकार के प्रयासों के बावजूद, कई पर्यटन स्थलों में अभी भी बुनियादी सुविधाओं जैसे उचित सड़क, स्वच्छ जल तथा आवास का अभाव है।
    • सुरक्षा और संरक्षा: उत्तर प्रदेश में पर्यटकों के लिये यह एक बड़ी चिंता का विषय है, खासकर महिलाओं के लिये। राज्य सरकार को पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके लिये एक दोस्ताना एवं स्वागत करने वाला माहौल बनाने के लिये कदम उठाने की ज़रूरत है।
    • प्रवेश/निकास समस्या: ई-वीज़ा सुविधा की शुरुआत के बावजूद, आगंतुकों को वीज़ा के लिये आवेदन करने की प्रक्रिया बोझिल लगती है।
    • प्रदूषण: उत्तर प्रदेश के अनेक पर्यटन स्थलों, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में, प्रदूषण एक गंभीर चुनौती बनकर उभरा है। राज्य सरकार को प्रदूषण नियंत्रण हेतु प्रभावी कदम उठाने चाहिये ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे और पर्यटकों के अनुभव पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
    • जागरूकता की कमी: उत्तर प्रदेश के कई पर्यटन स्थल अपेक्षाकृत अल्पज्ञात हैं, जिससे राज्य की समग्र पर्यटन क्षमता का पूर्ण दोहन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में सरकार को इन गंतव्यों के प्रभावी प्रचार-प्रसार और ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान केंद्रित करना चाहिये, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक आकर्षित हो सकें तथा पर्यटन क्षेत्र को नई गति मिल सके।

    निष्कर्ष: 

    नीति की परिवर्तनकारी क्षमता को मूर्त रूप देने के लिये आवश्यक है कि हितधारकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए, सतत् विकास को बढ़ावा देने वाली प्रथाओं को अपनाया जाए और नीति का कार्यान्वयन प्रभावी एवं दक्षतापूर्वक किया जाए।

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