20 Mar 2025 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | राजव्यवस्था
दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- नागरिक चार्टर को परिभाषित कीजिये।
- सुशासन में नागरिक चार्टर की भूमिका को समझाइये।
- इसके कार्यान्वयन में आने वाली समस्याओं के साथ सकारात्मक निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
नागरिक चार्टर मानक, गुणवत्ता और समय पर सेवा प्रदान करने, शिकायत निवारण तंत्र, पारदर्शिता एवं जवाबदेही के प्रति संगठन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह नागरिकों को सेवाओं के प्रतिबद्ध मानक की मांग करने का अधिकार देता है। हालाँकि यह कानूनी रूप से लागू करने योग्य नहीं है, इसलिये यह न्यायोचित नहीं है।
नागरिक चार्टर का उद्देश्य नागरिकों और प्रशासन के बीच की खाई को पाटना तथा प्रशासनिक कार्यबल को नागरिकों की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना है।
मुख्य भाग:
सुशासन में भूमिका:
- पारदर्शिता: नागरिक चार्टर सरकारी विभागों की सेवाओं, प्रक्रियाओं और सेवा वितरण की समय-सीमा को स्पष्ट रूप से परिभाषित करके पारदर्शिता को बढ़ावा देता है। यह नागरिकों को उनके अधिकारों और सुविधाओं की जानकारी देकर उन्हें सशक्त बनाने में मदद करता है।
- जवाबदेही: यह नागरिकों को सेवा वितरण में किसी भी चूक या देरी के लिये लोक सेवकों को जवाबदेह ठहराने के लिये एक तंत्र प्रदान करता है।
- बेहतर सेवा वितरण: यह सेवा वितरण के लिये मानक और समय-सीमा स्थापित करता है तथा यह सुनिश्चित करता है कि सेवाएँ समय पर प्रदान की जाएँ।
- जन भागीदारी: नागरिक चार्टर नागरिकों से फीडबैक और सुझाव मांगकर जन भागीदारी को प्रोत्साहित करते हैं। इससे जनता में स्वामित्व की भावना उत्पन्न होती है और वे सरकारी सेवाओं के सुधार में योगदान करने में सक्षम होते हैं।
- निवारण तंत्र: नागरिक चार्टर में अक्सर शिकायत निवारण तंत्र के प्रावधान शामिल होते हैं। यह नागरिकों को समाधान खोजने और प्रदान की गई सेवाओं से असंतुष्ट होने पर शिकायत दर्ज करने का एक अवसर प्रदान करता है।
- भरोसा और विश्वसनीयता: नागरिक चार्टर का प्रभावी कार्यान्वयन सरकार और नागरिकों के बीच विश्वास एवं विश्वसनीयता को मज़बूत करता है। जब सरकारें इसमें उल्लेखित अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करती हैं, तो इससे सार्वजनिक संस्थाओं में जनता का विश्वास बढ़ता है।
निष्कर्ष:
सुशासन पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और जवाबदेही पर आधारित होता है, जो प्रभावी एवं कुशल सार्वजनिक सेवा प्रदान करने में सहायक होता है। इस प्रयास में, नागरिक चार्टर पहल नागरिकों और सेवा प्रदाताओं के बीच की खाई को पाटने के लिये एक महत्त्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करती है, जो सार्वजनिक सेवाओं तक पहुँचने में लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करती है।
यद्यपि नागरिक चार्टर में कुछ समस्याएँ हैं, जैसे कि इसमें भागीदारी तंत्र का अभाव है, इसका डिज़ाइन और विषय-वस्तु खराब है तथा आम लोगों को इसके बारे में जानकारी का अभाव है, फिर भी सरकार सेवोत्तम मॉडल को लागू कर सकती है, साथ ही अन्य सिफारिशें जैसे कि नागरिक चार्टर तैयार करते समय व्यापक परामर्श प्रक्रिया, शिकायत निवारण तंत्र, नागरिक चार्टर का आवधिक मूल्यांकन इसे और अधिक कुशल बनाने में बहुत सहायक होगा।