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31 Mar 2025
सामान्य अध्ययन पेपर 2
भूगोल और इकॉनमी
दिवस- 25: बिहार में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने के लिये कौन-कौन सी औद्योगिक प्रोत्साहन पहल लागू की गई हैं? राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के लिये अपनाई गई प्रमुख रणनीतियों और कार्यक्रमों की चर्चा कीजिये। (38 अंक)
उत्तर
परिचय:
बिहार, जो परंपरागत रूप से एक कृषि प्रधान राज्य है, ने अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाने, रोज़गार उत्पन्न करने और विकास को बढ़ावा देने के लिये औद्योगीकरण की अनिवार्यता को पहचाना है। हाल के वर्षों में, राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास को गति देने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न पहलें लागू की हैं।
मुख्य भाग:
- बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति (BIIPP) 2016:
- औद्योगिक विकास के लिये एक संरचित ढाँचा प्रदान करने के लिये इसे प्रस्तुत किया गया है, जिसमें निवेशकों को कर छूट और पूंजी सब्सिडी जैसे प्रोत्साहन प्रदान किये गए हैं।
- निवेशक-मित्रता बढ़ाने और उभरती औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये वर्ष 2020 में संशोधित किया गया तथा वर्ष 2025 तक बढ़ाया गया।
- क्षेत्र-विशिष्ट नीतियाँ:
- इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति 2021: इसका उद्देश्य इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये बिहार के कृषि आधार का लाभ उठाना और मुज़फ्फरपुर में राज्य का पहला इथेनॉल संयंत्र स्थापित करने वाली कंपनियों को आकर्षित करना है।
- निर्यात प्रोत्साहन नीति 2024: विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) और निर्यात पैकहाउस जैसे बुनियादी ढाँचे का विकास करके राज्य की निर्यात क्षमता को बढ़ाने के लिये तैयार की गई है ।
- IT नीति 2024: बुनियादी ढाँचे के विकास और कौशल संवर्द्धन के लिये प्रोत्साहन प्रदान करके IT/ITES क्षेत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित करती है।
- बुनियादी ढाँचा विकास:
- गया में एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर: इस क्लस्टर को विकसित करने के लिये एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV), बिहार एकीकृत विनिर्माण शहर गया लिमिटेड (BIMCGL) का गठन किया गया, जिसका लक्ष्य लगभग 16,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित करना है।
- बिहटा ड्राई पोर्ट: अक्तूबर 2024 में उद्घाटन किया जाने वाला यह अंतर्देशीय कंटेनर डिपो निर्यात को सुविधाजनक बनाएगा और रसद लागत को कम करेगा, जिससे राज्य की व्यापार क्षमताओं में वृद्धि होगी।
- निवेश शिखर सम्मेलन और संवर्द्धन:
- बिहार बिज़नेस कनेक्ट 2024: बिहार को एक जीवंत निवेश गंतव्य के रूप में प्रदर्शित करने के लिये एक वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें विनिर्माण, बुनियादी ढाँचे और निर्यात जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- निवेशक अनुमोदन: राज्य निवेश संवर्द्धन बोर्ड (SIPB) ने ₹844 करोड़ मूल्य के 41 औद्योगिक प्रस्तावों को मंज़ूरी दी, जो निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
- निकास नीति 2025:
- गैर-निष्पादित इकाइयों को सुचारु रूप से बाहर निकालने की सुविधा प्रदान करने तथा औद्योगिक भूमि और संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिये इसे शुरू किया गया है।
- परिणाम और प्रभाव:
- वर्ष 2017 और 2022 के बीच, बिहार ने लगभग ₹304.36 बिलियन का निजी क्षेत्र का निवेश आकर्षित किया, जो इसकी औद्योगिक नीतियों के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया को दर्शाता है।
- अडानी समूह और कोका-कोला सहित प्रमुख निगमों ने राज्य में निवेश किया है, इसके संसाधनों का लाभ उठाया है एवं बुनियादी ढाँचे में सुधार किया है।
निष्कर्ष:
बिहार में औद्योगिक प्रोत्साहन के लिये नीतिगत सुधार, बुनियादी ढाँचे का विकास और सक्रिय निवेश सुविधा सहित बहुआयामी दृष्टिकोण ने इसके औद्योगिक परिदृश्य को काफी हद तक बेहतर बनाया है। इन दिशाओं में निरंतर प्रयास राज्य में आर्थिक वृद्धि और विकास को और तेज़ करने के लिये तैयार हैं।
- बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति (BIIPP) 2016: