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14 Mar 2025
सामान्य अध्ययन पेपर 1
कर्रेंट अफेयर्स
दिवस- 11: सतत् परिवहन को बढ़ावा देने में PM ई-ड्राइव योजना की क्या भूमिका है? साथ ही, भारत के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूत करने में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के योगदान का विश्लेषण कीजिये।
उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- परिचय में PM ई-ड्राइव योजना को परिभाषित कीजिये।
- भारत के कार्बन उत्सर्जन को कम करने में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की भूमिका पर प्रकाश डालिये।
- उचित निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
अक्तूबर 2024 में ₹10,900 करोड़ के परिव्यय के साथ शुरू की गई PM ई-ड्राइव योजना का उद्देश्य EV अपनाने को बढ़ावा देना, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करना और घरेलू विनिर्माण को मज़बूत करना है। मार्च 2026 तक चलने वाली यह योजना सतत् परिवहन का समर्थन करती है, कार्बन फुटप्रिंट को कम करती है और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाती है।
मुख्य भाग:
PM ई-ड्राइव के माध्यम से सतत् परिवहन को बढ़ावा देना
- शून्य-उत्सर्जन वाहनों की ओर संक्रमण:
- जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता के कारण परिवहन क्षेत्र वायु प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन का एक प्रमुख स्रोत बना हुआ है।
- PM ई-ड्राइव योजना का उद्देश्य पेट्रोल और डीज़ल वाहनों को इलेक्ट्रिक विकल्पों से प्रतिस्थापित करना है, जिससे सतत् गतिशीलता को बढ़ावा मिले।
- ई-बसों और ई-ट्रकों को शामिल करने का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को कार्बन मुक्त करना है, जो उत्सर्जन का एक प्रमुख स्रोत है।
- EV चार्जिंग अवसंरचना का विकास:
- EV अपनाने में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक व्यापक चार्जिंग बुनियादी ढाँचे की कमी है।
- इस समस्या के समाधान के लिये, PM ई-ड्राइव योजना प्रमुख शहरों और राजमार्गों पर फास्ट-चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिये धन आवंटित करती है।
- चार पहिया वाहनों (E-4W) के लिये 22,100 चार्जर, ई-बसों के लिये 1,800 और दोपहिया व तिपहिया वाहनों के लिये 48,400 चार्जर लगाए जाएंगे।
- सुविधाजनक चार्जिंग पहुँच सुनिश्चित करके, यह योजना उपभोक्ता विश्वास बढ़ाती है और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करती है।
- घरेलू विनिर्माण को मज़बूत करना एवं रोज़गार सृजन:
- योजना के अंतर्गत चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (PMP) यह सुनिश्चित करता है कि EV घटक स्थानीय निर्माताओं से प्राप्त किये जाएँ, जिससे:
- आयात पर निर्भरता कम करना।
- मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देना।
- EV विनिर्माण क्षेत्र, बैटरी उत्पादन और चार्जिंग अवसंरचना की तैनाती में रोज़गार के अवसर उत्पन्न करना।
- योजना के अंतर्गत चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (PMP) यह सुनिश्चित करता है कि EV घटक स्थानीय निर्माताओं से प्राप्त किये जाएँ, जिससे:
भारत के कार्बन उत्सर्जन को कम करने में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की भूमिका
- ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन कम करना:
- भारत के कुल CO2 उत्सर्जन में परिवहन क्षेत्र का योगदान लगभग 13% है, जो मुख्य रूप से जीवाश्म ईंधन आधारित वाहनों से होता है।
- EV शून्य टेलपाइप उत्सर्जन उत्पन्न करते हैं, जिससे शहरी वायु प्रदूषण और GHG स्तर में काफी कमी आती है।
- PM ई-ड्राइव के तहत व्यापक रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने से भारत को अपना नेट ज़ीरो 2070 लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
- तेल की खपत में कमी:
- भारत अपनी आवश्यकता का लगभग 85% कच्चा तेल आयात करता है, जिसके कारण आयात बिल अधिक होता है और आर्थिक कमज़ोरियाँ उत्पन्न होती हैं।
- विद्युत गतिशीलता की ओर बदलाव से तेल पर निर्भरता कम होगी, ईंधन आयात लागत में कटौती होगी और व्यापार संतुलन में सुधार होगा।
- नवीकरणीय ऊर्जा आधारित चार्जिंग स्टेशनों को बढ़ावा देने से इलेक्ट्रिक वाहनों का संचालन स्वच्छ और हरित ऊर्जा स्रोतों पर सुनिश्चित किया जा सकता है।
- सार्वजनिक परिवहन विद्युतीकरण:
- इस योजना का फोकस ई-बसों (₹4,391 करोड़ आवंटन) पर है, जिससे स्वच्छ सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।
- दिल्ली, मुंबई, बंगलूरू और चेन्नई जैसे शहरों को हज़ारों ई-बसों से लाभ मिलेगा, जिससे डीज़ल-चालित सार्वजनिक परिवहन से होने वाले उत्सर्जन में कमी आएगी।
विद्युत गतिशीलता के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाना
- जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता में कमी:
- यह योजना जीवाश्म ईंधन से बिजली की ओर संक्रमण को गति प्रदान करती है, जिससे वैश्विक तेल मूल्य में उतार-चढ़ाव के प्रति भारत की संवेदनशीलता कम होती है।
- सौर और पवन ऊर्जा सहित घरेलू ऊर्जा स्रोत EV चार्जिंग को समर्थन दे सकते हैं, जिससे भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के मामले में अधिक आत्मनिर्भर बन सकेगा।
- EV पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करना:
- बैटरी प्रौद्योगिकी और चार्जिंग बुनियादी ढाँचे में निवेश दीर्घकालिक ऊर्जा स्थिरता सुनिश्चित करता है।
- स्थानीय बैटरी उत्पादन और बैटरी रीसाइक्लिंग सुविधाएँ संसाधन निर्भरता को और कम कर देंगी।
- स्मार्ट मोबिलिटी समाधान को प्रोत्साहित करना:
- स्मार्ट ग्रिड के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के एकीकरण से ऊर्जा खपत को अनुकूलित किया जा सकता है।
- टियर-2 और टियर-3 शहरों में चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार सतत् परिवहन को समावेशी रूप से अपनाना सुनिश्चित करेगा।
निष्कर्ष:
PM ई-ड्राइव योजना भारत के जलवायु लक्ष्यों, आत्मनिर्भरता और स्वच्छ गतिशीलता आकांक्षाओं के अनुरूप है। EV अपनाने को बढ़ावा देकर, उत्सर्जन को कम करके और EV उद्योग को मज़बूत करके, यह सतत् परिवहन को बढ़ावा देता है। प्रभावी कार्यान्वयन भारत के हरित, ऊर्जा-सुरक्षित भविष्य की ओर संक्रमण को गति देगा।