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13 Mar 2025
सामान्य अध्ययन पेपर 1
कर्रेंट अफेयर्स
दिवस- 10: PM गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान भारत के लॉजिस्टिक्स, औद्योगिक गलियारों और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को कैसे प्रभावित करता है? साथ ही, इसका आर्थिक विकास और बुनियादी ढाँचे के विस्तार में योगदान का मूल्यांकन कीजिये।
उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स में PM गतिशक्ति की भूमिका को परिभाषित कीजिये।
- लागत में कमी, दक्षता और निवेश प्रभाव पर प्रकाश डालिये।
- उचित निष्कर्ष दीजिये।
परिचय:
13 अक्तूबर, 2021 को लॉन्च किये गए PM गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (NMP) का उद्देश्य बुनियादी ढाँचे के विकास को एकीकृत करना, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी में सुधार करना है। यह पहल 16 मंत्रालयों को एकीकृत करके बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं की प्रभावी योजना और निष्पादन सुनिश्चित करती है, जिससे आर्थिक वृद्धि एवं औद्योगिक प्रतिस्पर्द्धात्मकता में वृद्धि होती है।
मुख्य भाग:
रसद दक्षता पर प्रभाव
- भारत की लॉजिस्टिक्स लागत (GDP का 13-14%) वैश्विक औसत (8-9%) से अधिक है। गतिशक्ति का लक्ष्य लागत को कम करना है:
- मंत्रालयों के लिये एक एकीकृत डिजिटल मंच, जो बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के समन्वय को सुगम बनाता है और संसाधनों के अनावश्यक दोहराव को रोकता है।
- GIS आधारित मार्ग अनुकूलन, माल की तीव्र और लागत-कुशल आवाजाही सुनिश्चित करना
- बंदरगाह दक्षता में सुधार:
- कंटेनर का ठहराव समय घटाकर 3 दिन कर दिया गया (बनाम अमेरिका: 7 दिन, जर्मनी: 10 दिन)।
- भारतीय बंदरगाहों पर टर्नअराउंड समय में सुधार होकर यह 0.9 दिन हो गया (बनाम अमेरिका: 1.5 दिन, ऑस्ट्रेलिया: 1.7 दिन)।
- लॉजिस्टिक्स को सुव्यवस्थित करने और व्यापार सुविधा को बढ़ाने से निर्यात में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्द्धात्मकता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
औद्योगिक गलियारों और आर्थिक क्षेत्रों को मज़बूत बनाना
- PM गतिशक्ति निवेश आकर्षित करने और उत्पादकता बढ़ाने के लिये औद्योगिक गलियारों और आर्थिक क्लस्टरों को एकीकृत करती है।
- बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को प्राथमिकता देने और वित्तपोषित करने के लिये राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP) के साथ संरेखित।
- समर्थित प्रमुख औद्योगिक समूह:
- वस्त्र केंद्र
- फार्मास्युटिकल क्षेत्र
- रक्षा गलियारे
- इलेक्ट्रॉनिक पार्क
- कृषि एवं मत्स्य पालन क्षेत्र
- बेहतर बुनियादी ढाँचे से उत्पादन लागत कम हो जाती है, जिससे भारतीय व्यवसाय अधिक प्रतिस्पर्द्धा बन जाते हैं।
- विश्व स्तरीय औद्योगिक गलियारे विकसित करके भारत FDI को बढ़ावा दे सकता है, विनिर्माण का विस्तार कर सकता है और 'मेक इन इंडिया' पहल को आगे बढ़ा सकता है।
मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ाना
- मल्टीमॉडल एकीकरण सड़क, रेल, वायु और जल नेटवर्क पर माल की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करता है:
- रेलवे: सड़कों पर निर्भरता कम करने के लिये समर्पित माल गलियारों (DFC) का विस्तार करना।
- सड़क मार्ग: भारतमाला परियोजना औद्योगिक केंद्रों तक कुशल राजमार्ग संपर्क सुनिश्चित करती है।
- बंदरगाह एवं जलमार्ग: सागरमाला और अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाएँ निर्बाध माल आवागमन के लिये लॉजिस्टिक्स केंद्रों के साथ संरेखित हैं।
- वायु परिवहन: उड़ान योजना वायु माल को आपूर्ति शृंखला में एकीकृत करती है, जिससे उच्च मूल्य और शीघ्र खराब होने वाले सामानों को लाभ मिलता है।
- परिवहन साधनों में कनेक्टिविटी को बढ़ाकर, रसद संबंधी बाधाओं को कम किया जाता है, जिससे तेज़, लागत प्रभावी माल ढुलाई संभव होती है।
आर्थिक वृद्धि एवं बुनियादी ढाँचे के विकास में तेज़ी लाना
- निवेश एवं रोज़गार सृजन को बढ़ावा
- बेहतर लॉजिस्टिक्स निजी और विदेशी निवेश को आकर्षित करता है।
- बुनियादी ढाँचे के विस्तार से निर्माण, परिवहन और भंडारण में रोज़गार उत्पन्न होते हैं।
- कार्बन फुटप्रिंट कम करना
- माल ढुलाई को सड़क से रेल और जलमार्ग पर स्थानांतरित करने से कार्बन उत्सर्जन कम होता है।
- GIS मानचित्रण इष्टतम संसाधन उपयोग और सतत् विकास सुनिश्चित करता है।
- तेज़ परियोजना निष्पादन
- 62 से अधिक नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) बैठकों ने अनुमोदन प्रक्रिया को तेज़ किया है और परियोजनाओं में देरी को कम किया है।
- उपग्रह आधारित वास्तविक समय निगरानी समय पर पूरा होने को सुनिश्चित करती है ।
- 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में योगदान
- आपूर्ति शृंखला की अकुशलता को कम करता है, जिससे भारत एक आकर्षक वैश्विक निवेश गंतव्य बन जाता है।
- अनुमोदन प्रक्रिया और बुनियादी ढाँचा योजना के सरलीकरण से व्यापार करने में आसानी में सुधार होता है।
निष्कर्ष:
PM गतिशक्ति इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग, लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक विकास में एक बड़ा बदलाव लाने वाली योजना है। लागत कम करके, कनेक्टिविटी में सुधार करके और परियोजना निष्पादन को बढ़ाकर, यह भारतीय व्यवसायों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी बनाती है। जैसे-जैसे भारत अपने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है, गतिशक्ति नए आर्थिक अवसरों को खोलने और दीर्घकालिक सतत् विकास सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।