10 Apr 2025 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | साइंस और टेक्नोलॉजी
दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- संक्षेप में DPI और इसके महत्त्व का परिचय दीजिये।
- डिजिटल परिवर्तन को सक्षम करने के लिये DPI की भूमिका की व्याख्या कीजिये।
- बताइये कि DPI किस प्रकार बड़े पैमाने पर सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार कर रहा है।
- उचित निष्कर्ष दीजिये।
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परिचय:
डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) उन मूलभूत डिजिटल प्रणालियों को संदर्भित करता है जो सार्वजनिक वस्तुओं और सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुँच को सक्षम बनाती हैं। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) डिजिटल बदलाव का एक प्रमुख उत्प्रेरक है, जो विशेष रूप से भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में, सेवाओं को बड़े पैमाने पर कुशलता, समावेशिता एवं पारदर्शिता के साथ पहुँचाने में सहायक है।
मुख्य भाग:
DPI के माध्यम से वित्तीय सशक्तीकरण:
- UPI सभी के लिये निर्बाध डिजिटल लेन-देन सुनिश्चित करता है।
- यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने भारत को दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ते डिजिटल भुगतान बाज़ार में बदल दिया है।
- अक्तूबर 2024 में UPI ने सिर्फ एक महीने में 16.58 बिलियन वित्तीय लेन-देन की सुविधा प्रदान करके एक नया रिकॉर्ड बनाया।
- JAM त्रिमूर्ति: जनधन-आधार-मोबाइल (JAM) त्रिमूर्ति ने वित्तीय समावेशन को सक्षम बनाया है।
- JAM संरचना ने 500 मिलियन से अधिक लोगों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाया है, जिससे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) में सहायता मिली है।
कल्याणकारी सेवाओं का बेहतर वितरण:
- DBT से रिसाव कम होता है और लक्षित कल्याणकारी वितरण सुनिश्चित होता है।
- वित्त वर्ष 2023 में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से ₹7.16 लाख करोड़ का रिकॉर्ड लेन-देन हुआ, जिसके तहत नागरिकों को PM-किसान और LPG सब्सिडी जैसी विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे उनके खातों में प्रदान किया गया।
- डिजिलॉकर एक सुरक्षित और पेपरलेस प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।
- डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म वर्तमान में 434.9 मिलियन उपयोगकर्त्ताओं को सेवाएँ प्रदान करता है और 9.4 बिलियन दस्तावेज़ों को जारी करने में सक्षम है।
- यह भौतिक कागज़ी कार्रवाई के बिना प्रमाण-पत्रों, पहचान-पत्रों और शैक्षणिक अभिलेखों तक पहुँच को बेहतर बनाता है।
कुशल एवं पारदर्शी शासन:
- कोविन ने महामारी के दौरान पारदर्शी वैक्सीन वितरण को सक्षम बनाया।
- CoWIN पोर्टल ने 2.2 बिलियन से अधिक वैक्सीन खुराक का प्रबंधन किया, जिससे स्लॉट और टीकाकरण प्रमाण-पत्रों तक वास्तविक समय तक पहुँच की पेशकश की गई।
- GeM ने पारदर्शिता और प्रतिस्पर्द्धा के साथ सार्वजनिक खरीद को सुव्यवस्थित किया।
- सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने अब तक 5 लाख करोड़ रुपए के सकल व्यापारिक मूल्य (GMV) की खरीद को सक्षम बनाया है, जिससे विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) और छोटे आपूर्तिकर्त्ताओं को सशक्त बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है।
समावेशन और डिजिटल समानता को बढ़ावा देना:
- ई-श्रम अनौपचारिक श्रमिकों को औपचारिक सामाजिक प्रणालियों में एकीकृत करता है।
- 30.68 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण के साथ, ई-श्रम असंगठित श्रमिकों के लिये सामाजिक सुरक्षा योजना और आपातकालीन राहत का समर्थन करता है।
- AEPDS आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
- आधार-सक्षम सार्वजनिक वितरण प्रणाली ने डुप्लिकेट राशन कार्डों को समाप्त कर दिया और 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों तक वितरण में सुधार किया।
- ONDC छोटे व्यापारियों के लिये ई-कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण करता है।
- ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) ऑनलाइन व्यापार क्षेत्र में स्थानीय दुकानदारों और किराना स्टोरों को समान अवसर और प्रतिस्पर्द्धात्मक मंच प्रदान करता है, जिससे वे बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के साथ समान स्तर पर व्यापार कर सकें।
निष्कर्ष:
भारत का डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना समावेशी और स्केलेबल शासन की आधारशिला बन गया है। कल्याण और बाज़ार पहुँच के साथ प्रौद्योगिकी को एकीकृत करके, DPI नागरिक सशक्तीकरण को बढ़ाता है। आगे बढ़ते हुए, डिजिटल विभाजन को पाटना, डेटा गोपनीयता सुनिश्चित करना और साइबर-अनुकूलन को मज़बूत करना भारत की डिजिटल परिवर्तन यात्रा को बनाए रखने के लिये महत्त्वपूर्ण होगा।