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12 Mar 2025
सामान्य अध्ययन पेपर 1
कर्रेंट अफेयर्स
दिवस- 9: भारत की विदेश नीति प्राथमिकताओं को निर्धारित करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में क्वाड की भूमिका पर चर्चा कीजिये। (38 अंक)
उत्तर
हल करने का दृष्टिकोण:
- भारत की विदेश नीति और हिंद-प्रशांत सुरक्षा में क्वाड की भूमिका को परिभाषित कीजिये।
- रक्षा, अर्थव्यवस्था और समुद्री सुरक्षा पर इसके प्रभाव का विश्लेषण कीजिये।
- चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा कीजिये।
- उचित निष्कर्ष लिखिये।
परिचय:
भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया से मिलकर बना चतुर्भुज सुरक्षा संवाद (QUAD) हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारी के रूप में उभरा है। QUAD में भारत की भागीदारी, विशेष रूप से चीन की मुखरता के मद्देनज़र क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं को संबोधित करते हुए एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत को सुरक्षित करने के अपने विदेश नीति उद्देश्यों के अनुरूप है।
मुख्य भाग:
भारत की विदेश नीति प्राथमिकताओं में क्वाड का महत्त्व
- भारत की सामरिक स्वायत्तता को मज़बूत करना:
- भारत ने पारंपरिक रूप से गुटनिरपेक्ष नीति अपनाई है, लेकिन क्वाड समान विचारधारा वाले लोकतांत्रिक देशों के साथ बहु-गठबंधन की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण मंच प्रदान करता है।
- नाटो जैसे सैन्य गठबंधनों के विपरीत, क्वाड का अनुकूल और मुद्दा-आधारित सहयोग भारत को क्षेत्रीय सुरक्षा पहलों में संलग्न रहते हुए अपनी रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखने की अनुमति देता है।
- भारत की हिंद-प्रशांत रणनीति को बढ़ाना:
- भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल (IPOI) समुद्री सुरक्षा, संपर्क और सतत् विकास के क्वाड के उद्देश्यों के अनुरूप है।
- भारत की 'एक्ट ईस्ट नीति' को मज़बूती मिलेगी, आसियान, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ संबंध प्रगाढ़ होंगे।
- चीन की विस्तारवादी नीतियों का मुकाबला:
- क्वाड दक्षिण चीन सागर में चीन के आक्रामक समुद्री दावों और हिंद महासागर में सैन्य उपस्थिति के लिये एक कूटनीतिक और रणनीतिक प्रतिसंतुलन के रूप में कार्य करता है।
- मालाबार नौसैनिक अभ्यास और समुद्री सुरक्षा वार्ता में भाग लेकर भारत चीन के नौसैनिक विस्तार के खिलाफ अपनी निवारक क्षमताओं को बढ़ा रहा है।
- रक्षा एवं तकनीकी सहयोग:
- उन्नत सैन्य प्रौद्योगिकियों तक पहुँच, खुफिया जानकारी साझा करना और क्वाड साझेदारों के साथ साइबर सुरक्षा सहयोग भारत के रक्षा आधुनिकीकरण को मज़बूत करता है।
- क्वाड की आपूर्ति शृंखला अनुकूलन पहल (SCRI) भारत को महत्त्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों और अर्द्धचालक आयात के लिये चीन पर निर्भरता कम करने में मदद करती है।
- आर्थिक एवं व्यापारिक लाभ:
- बुनियादी ढाँचे के विकास और कनेक्टिविटी में क्वाड का आर्थिक सहयोग क्षेत्रीय आर्थिक शक्ति के रूप में भारत की भूमिका का समर्थन करता है।
- क्वाड इन्फ्रास्ट्रक्चर इनिशिएटिव चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का विकल्प प्रदान करता है, जो पारदर्शी और सतत् निवेश सुनिश्चित करता है।
भारत की क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में क्वाड की भूमिका
- समुद्री सुरक्षा एवं नौवहन की स्वतंत्रता:
- क्वाड हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर में संचार के समुद्री मार्गों (SLOC की सुरक्षा करने की भारत की क्षमता को मज़बूत करता है।
- इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPMDA) पहल अवैध मछली पकड़ने और नौसैनिक खतरों का मुकाबला करने के लिये वास्तविक समय की समुद्री निगरानी प्रदान करती है।
- हिंद महासागर में भारत की स्थिति मज़बूत करना:
- चीन की "स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स" रणनीति के तहत श्रीलंका, मालदीव और पाकिस्तान में सैन्य ठिकानों की स्थापना के माध्यम से भारत की घेराबंदी करने का प्रयास किया जाता है।
- हिंद महासागर में क्वाड की बढ़ी हुई नौसैनिक उपस्थिति क्षेत्रीय समुद्री मामलों में भारत का प्रभुत्व सुनिश्चित करती है।
- उभरते सुरक्षा खतरों पर प्रतिक्रिया:
- क्वाड सहयोग भारत को साइबर युद्ध, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन एवं महामारी प्रतिक्रिया जैसे गैर-पारंपरिक सुरक्षा चिंताओं से निपटने में मदद करता है।
- क्वाड साइबर सुरक्षा साझेदारी जैसी पहल सुरक्षित 5G बुनियादी ढाँचे और AI सहयोग सुनिश्चित करती है।
- मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR):
- क्वाड की HADR पहल भारत को दक्षिण एशिया में आपदा प्रतिक्रिया प्रयासों का नेतृत्व करने में सक्षम बनाती है, जिससे क्षेत्रीय सद्भावना मज़बूत होती है।
- जलवायु अनुकूलन और सतत् विकास में भारत के नेतृत्व को मज़बूत करता है।
क्वाड के अंतर्गत भारत के लिये चुनौतियाँ
- चीन के साथ संबंधों का प्रबंधन:
- भारत को चीन के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों , विशेष रूप से सीमा विवादों और व्यापार निर्भरताओं के संबंध में, क्वाड प्रतिबद्धताओं को संतुलित करना होगा।
- क्वाड की बढ़ती सक्रियता से एलएसी पर चीन की सैन्य गतिविधियां बढ़ सकती हैं ।
- क्वाड और अन्य गठबंधनों के बीच संतुलन:
- भारत ब्रिक्स और SCO का भी सदस्य है, जिसमें चीन और रूस भी शामिल हैं।
- क्वाड पर अत्यधिक निर्भरता भारत के प्रमुख रक्षा आपूर्तिकर्त्ता रूस के साथ संबंधों में तनाव उत्पन्न कर सकती है।
- क्वाड में औपचारिक संरचना का अभाव:
- नाटो के विपरीत, क्वाड में स्थायी सचिवालय और आपसी रक्षा संधि का अभाव है, जो संकट की स्थितियों में इसकी प्रभावशीलता को सीमित करता है।
क्वाड में भारत के लिये भविष्य की संभावनाएँ
- दक्षिण कोरिया, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों को शामिल करके क्वाड को क्वाड प्लस ढाँचे में विस्तारित करने चाहिये।
- अर्द्धचालक, AI और साइबर सुरक्षा में आर्थिक एवं तकनीकी सहयोग को मज़बूत करना चाहिये।
- समावेशी क्षेत्रीय सहयोग के लिये आसियान और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) के साथ क्वाड की सहभागिता बढ़ाना चाहिये।
निष्कर्ष:
क्वाड भारत की विदेश नीति को आकार देने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। समुद्री सुरक्षा को सुदृढ़ करके, चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करके और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देकर, क्वाड भारत की भू-राजनीतिक स्थिति को मजबूती प्रदान करता है। हालाँकि भारत को अपनी रणनीतिक स्वायत्तता और अन्य वैश्विक शक्तियों के साथ संबंधों को बनाए रखते हुए अपनी क्वाड प्रतिबद्धताओं को सावधानीपूर्वक संतुलित करना चाहिये।