विश्व के जलवायु क्षेत्र: भाग- I | 09 Feb 2022
परिचय:
- किसी स्थान पर 30 साल या उससे अधिक समय तक मौसम की औसत स्थिति जलवायु कहलाती है। पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार की जलवायु है।
- उदाहरण के लिये गर्म क्षेत्र आमतौर पर भूमध्य रेखा के सबसे करीब होते हैं।
- वहाँ पर अधिक गर्म जलवायु होती है क्योंकि सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा के ऊपर सीधी पड़ती हैं।
- उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव ठंडे हैं क्योंकि वहाँ सूर्य का प्रकाश और ऊष्मा सबसे कम पहुँचती है।
- मौसम और जलवायु के बीच का अंतर यह है कि मौसम में वातावरण में अल्पकालिक (मिनट से महीने तक) परिवर्तन होते हैं, जबकि जलवायु दीर्घकालिक परिवर्तन को कहते हैं।
- अधिकांश स्थानों पर मौसम मिनट-दर-मिनट, घंटे-दर-घंटे, दिन-प्रतिदिन और मौसम-दर-मौसम बदल सकता है, जबकि जलवायु एक लंबे समयांतराल पर बदलता है।
- जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक हैं- अक्षांश, ऊँचाई, आस-पास का पानी, समुद्री धाराएँ, स्थलाकृति, वनस्पति और पवनें।
वैश्विक जलवायु वर्गीकरण:
- कोपेन वर्गीकरण:
- जलवायु का सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला वर्गीकरण व्लादिमीर कोपेन द्वारा विकसित अनुभवजन्य जलवायु वर्गीकरण योजना है।
- कोपेन ने वनस्पति और जलवायु के वितरण के बीच घनिष्ठ संबंध की पहचान की।
- यह औसत वार्षिक और औसत मासिक तापमान तथा वर्षा के आँकड़ों पर आधारित एक अनुभवजन्य वर्गीकरण है।
- कोपेन ने पाँच प्रमुख जलवायु समूहों को मान्यता दी, उनमें से चार तापमान पर और एक वर्षा पर आधारित हैं।
- उन्होंने जलवायु समूहों और प्रकारों को नामित करने के लिये बड़े अक्षरों और छोटे अक्षरों के उपयोग की शुरुआत की।
- बड़े अक्षर: A, C, D और E नम जलवायु और B शुष्क जलवायु को चित्रित करते हैं।
- शुष्क मौसम छोटे अक्षरों द्वारा इंगित किये जाते हैं: f, m, w और s जहाँ f शुष्क मौसम से मेल नहीं खाता है।
- जलवायु की श्रेणियाँ क्षेत्र के अक्षांश रेखाओं से भी प्रभावित होती हैं।
थॉर्नथवेट वर्गीकरण:
- वर्ष 1931 में अमेरिकी जलवायु विज्ञानी चार्ल्स वारेन थॉर्नथवेट ने वनस्पति की विशेषता के अनुसार जलवायु को समूहों में विभाजित किया।
- वनस्पति वर्षा की प्रभावशीलता द्वारा निर्धारित की जाती है (P/E, जहाँ P कुल मासिक वर्षा है और E कुल मासिक वाष्पीकरण है)।
- मासिक P/E मूल्यों का योग P/E सूचकांक प्रदान करता है, जिसका उपयोग संबद्ध वनस्पति के साथ पाँच आर्द्रता वाले प्रांतों को परिभाषित करने के लिये किया जाता है।
- शुष्क क्षेत्रों में नमी सूचकांक नकारात्मक होता है क्योंकि वर्षा PE से कम होती है।
- P/E सूचकांक के आधार पर थार्नथवेट ने पाँच आर्द्रता क्षेत्रों को वर्गीकृत किया:
- A: (P/E इंडेक्स> 128) - आर्द्र-वर्षावन।
- B: (P/E इंडेक्स 64-127) - आर्द्र-वन।
- C: (P/E इंडेक्स 32-63) - सबह्यूमिड ग्रासलैंड (Subhumid-Grassland)
- D: (P/E इंडेक्स 16-32) - अर्द्ध शुष्क-स्टेपी।
- E: (P/E इंडेक्स 16 से कम) - शुष्क-रेगिस्तान।
मौसमी वर्षा के वितरण के आधार पर उपरोक्त प्रकार के आर्द्रता क्षेत्रों को आगे निम्नलिखित उपखंडों में विभाजित किया गया था:
- Y = सभी मौसमों में भारी वर्षा
- s = ग्रीष्म ऋतु में वर्षा की कमी
- w = शीत ऋतु में वर्षा की कमी
- d = सभी मौसमों में वर्षा की कमी
वैश्विक जलवायु वर्गीकरण:
- गर्म, आर्द्र भूमध्यरेखीय जलवायु:
- स्थान:
- गर्म, आर्द्र भूमध्यरेखीय जलवायु भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण में 5° से 10° के बीच पाई जाती है।
- यह मुख्य रूप से अमेज़ॅन, कांगो, मलेशिया और ईस्ट इंडीज़ के निचले इलाकों में पाई जाती है।
- तापमान:
- पूरे वर्ष तापमान में एकरूपता होती है।
- औसत मासिक तापमान हमेशा 24-27 डिग्री सेल्सियस के आसपास होता है, जिसमें बहुत कम बदलाव होता है।
- सर्दियों का मौसम नहीं होता है।
- वर्षण:
- वर्ष भर भारी वर्षा और समूचे क्षेत्र में अच्छी तरह से वितरित होती है।
- वार्षिक वर्षा का औसत हमेशा 150 सेमी से ऊपर होता है। कुछ क्षेत्रों में वार्षिक औसत 250 - 300 सेमी तक हो सकता है।
- प्रत्येक महीने वर्षा होती है। अधिकांश समय वर्षा का मासिक औसत 6 सेमी से ऊपर होता है।
- बहुत अधिक वाष्पीकरण होता है और संवहनीय पवनों के कारण दोपहर बाद भारी गरज के साथ बौछारें पड़ती हैं।
- प्राकृतिक वनस्पति:
- उच्च तापमान और प्रचुर वर्षा उष्णकटिबंधीय वर्षावन के लिये उपयुक्त होती है।
- अमेज़न तराई में जंगल इतना घना है कि इसे 'सेल्वा' कहा जाता है।
- भूमध्यरेखीय वनस्पति में कई सदाबहार पेड़ शामिल हैं जो उष्णकटिबंधीय कठोर लकड़ी का उत्पादन करते हैं, उदाहरण: महोगनी, आबनूस, डाईवुड आदि।
- तटीय क्षेत्रों और खारे दलदलों में मैंग्रोव वन पनपते हैं।
- अर्थव्यवस्था और विकास:
- प्रमुख जनजातियाँ:
- अमेज़न बेसिन की भारतीय जनजातियाँ
- कांगो बेसिन की पिग्मी जनजाति
- मलेशिया के ओरंग असलाई
- अर्थव्यवस्था:
- इन जंगलों में रहने वाले अधिकांश लोग आदिम शिकारी और संग्रहकर्ता के रूप में हैं और अधिक उन्नत स्थानांतरित खेती का अभ्यास करते हैं।
- कुछ वृक्षारोपण फसलों का भी अभ्यास किया जाता है जैसे- प्राकृतिक रबर, कोको आदि।
- उष्णकटिबंधीय मानसूनी और उष्णकटिबंधीय समुद्री जलवायु:
- स्थान:
- उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु भूमध्य रेखा के दोनों ओर 5º से 30º अक्षांशों के बीच के क्षेत्रों में पाई जाती है।
- यह भारतीय उपमहाद्वीप, बर्मा, थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम के कुछ हिस्सों और दक्षिण चीन तथा उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में विकसित रूप में है।
- उष्णकटिबंधीय समुद्री जलवायु मध्य अमेरिका, वेस्टइंडीज़, फिलीपींस, पूर्वी अफ्रीका के कुछ हिस्सों, मेडागास्कर, गुयाना तट और पूर्वी ब्राज़ील में पाई जाती है।
- स्थान:
- तापमान:
- हालाँकि यहाँ औसत वार्षिक तापमान काफी अधिक रहता है, सूर्य के उत्तर और दक्षिण की ओर गति करने के कारण गर्मी और सर्दियों के मौसम में तेज़ी से भिन्नता देखि जाती है।
- गर्म-शुष्क गर्मी के महीनों का औसत तापमान 27ºC से 32ºC के बीच होता है।
- वर्षण:
- यहाँ अधिकांश वार्षिक वर्षा चक्रवाती और भौगोलिक (Orographic) प्रकार की वर्षा के रूप में होती है।
- औसत वार्षिक वर्षा लगभग 150 सेमी है लेकिन अस्थायी और स्थानिक वितरण में कई भिन्नताएँ हैं।
- अधिकांश वार्षिक मानसूनी वर्षा आर्द्रतायुक्त दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाओं के माध्यम से प्राप्त होती है।
- प्राकृतिक वनस्पति:
- पेड़ आमतौर पर पर्णपाती होते हैं।
- जंगल खुला और कम घना है।
- अधिकांश जंगलों में सागौन जैसी मूल्यवान इमारती लकड़ी का उत्पादन होता है। अन्य प्रकार की लकड़ी साल, बबूल और नीलगिरि है।
- अर्थव्यवस्था:
- लोग मुख्य रूप से कृषि में लगे हुए हैं।
- यहाँ उगाई जाने वाली फसलों में चावल, गेहूँ, दालें, कपास, जूट, गन्ना, तिलहन, कॉफी, चाय और विभिन्न प्रकार के फल एवं सब्जियाँ शामिल हैं।
- इस क्षेत्र में सभी प्रकार के घरेलू पशुओं को पाला जाता है।
- यह क्षेत्र कृषि और अन्य कृषि आधारित गतिविधियों में अत्यधिक विकसित है।
- यह क्षेत्र विभिन्न प्रकार के खनिजों के भंडार से भी समृद्ध है जो आधुनिक औद्योगिक गतिविधियों के लिये आवश्यक तत्व हैं।
सवाना या सूडान जलवायु:
- स्थान:
- सवाना या सूडान जलवायु एक संक्रमणकालीन प्रकार की जलवायु है जो भूमध्यरेखीय जंगल और गर्म रेगिस्तान के मध्य पाई जाती है।
- यह भूमध्य रेखा के दोनों ओर 50-200 अक्षांशों के बीच स्थित है।
- यह सूडान में सबसे विकसित रूप में है जहाँ शुष्क और आर्द्र मौसम सबसे अलग होते हैं, इसलिये इसका नाम सूडान जलवायु है।
- इस बेल्ट में पश्चिम अफ्रीकी देश सूडान शामिल है और फिर दक्षिण की ओर पूर्वी अफ्रीका एवं मकर रेखा के उत्तर में दक्षिणी अफ्रीका की तरफ फैला है।
- दक्षिण अमेरिका में भूमध्य रेखा के उत्तर और दक्षिण में स्थित सवाना के दो अलग-अलग क्षेत्र हैं अर्थात् ओरिनोको बेसिन के लानोस एवं ब्राज़ील के हाइलैंड्स के कैम्पोस।
- तापमान:
- सवाना की जलवायु आर्द्र और सूखे मौसमों में बटी हुई है।
- यहाँ पूरे वर्ष में औसत उच्च तापमान 24ºC से 27ºC के बीच रहता है।
- तापमान की वार्षिक सीमा 3ºC और 8ºC के बीच है।
- तापमान की चरम दैनिक सीमा सूडान प्रकार की जलवायु की विशेषता है।
- वर्षण:
- औसत वार्षिक वर्षा 100 सेमी से 150 सेमी के बीच होती है।
- इस क्षेत्र की प्रचलित पवनें व्यापारिक पवनें हैं जो तटीय क्षेत्रों में वर्षा करती हैं।
- प्राकृतिक वनस्पति:
- इसकी विशेषता लंबे घास और छोटे पेड़ हैं।
- पेड़ पर्णपाती और कठोर होते हैं।
- घास हाथी घास की तरह लंबी और खुरदरी होती है।
- ऑस्ट्रेलिया में कई प्रजातियों जैसे- मैली, मुल्गा, स्पिनफेक्स घास आदि द्वारा स्क्रबलैंड का अच्छी तरह से प्रतिनिधित्व किया जाता है।
- अर्थव्यवस्था:
- सवाना भूमि में कई जनजातियाँ रहती हैं।
- कुछ जनजातियाँ मसाई जैसे चरवाहों होते हैं और अन्य उत्तरी नाइजीरिया के होसा जनजाति जैसे कृषक होते हैं।
- हालाँकि कृषि ज्यादा विकसित नहीं है।
- गर्म मरुस्थल और मध्य अक्षांशीय मरुस्थलीय जलवायु:
- स्थान:
- विश्व के प्रमुख गर्म मरुस्थल महाद्वीपों के पश्चिमी तटों पर 15º और 30º उत्तर और दक्षिण अक्षांश के बीच स्थित हैं।
- इनमें सहारा रेगिस्तान शामिल है, जो रेगिस्तान का सबसे बड़ा एकल खंड है, यह पूर्व से पश्चिम तक 3,200 मील लंबा और कम-से-कम 1,000 मील चौड़ा है।
- ग्रेट ऑस्ट्रेलियन डेज़र्ट महाद्वीप के लगभग आधे हिस्से को कवर करता है।
- अन्य गर्म रेगिस्तान अरब रेगिस्तान, ईरानी रेगिस्तान, थार रेगिस्तान, कालाहारी और नामीब रेगिस्तान हैं।
- उत्तरी अमेरिका में मरुस्थल मेक्सिको से संयुक्त राज्य अमेरिका तक फैला हुआ है और विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है, उदाहरण- मोजावे, सोनोरन, कैलिफॉर्निया तथा मेक्सिको का रेगिस्तान।
- दक्षिण अमेरिका में अटाकामा या पेरू मरुस्थल (वृष्टि छाया प्रभाव और अपतटीय व्यापारिक हवाएँ) सभी रेगिस्तानों में सबसे शुष्क है जहाँ सालाना 2 सेमी से कम वर्षा होती है।
- स्थान:
- तापमान:
- गर्म रेगिस्तानों में ठंड का मौसम नहीं होता है और गर्मी का औसत तापमान लगभग 30ºC होता है।
- रेगिस्तानों में तापमान की दैनिक सीमा बहुत अधिक होती है।
- शुष्क हवा वाले क्षेत्र में दिन में तीव्र सूर्यातप और बादल नहीं होने के कारण सूर्यातप के साथ तापमान में वृद्धि होती है।
- लेकिन जैसे ही सूरज डूबता है विकिरण द्वारा भूमि बहुत जल्दी गर्मी खो देती है और तापमान का स्तर गिर जाता है।
- औसत दैनिक सीमा 14 से 25 डिग्री सेल्सियस तक होती है।
- सर्दियों में रात में पाला पड़ सकता है।
- वर्षण:
- दक्षिण अमेरिका में अटाकामा या पेरू का रेगिस्तान सभी रेगिस्तानों में सबसे शुष्क है, जहाँ सालाना 0.5 इंच से कम वर्षा होती है।
- पेटागोनियन रेगिस्तान एंडीज़ के ऊपरी हिस्से में वृष्टि छाया क्षेत्र में होने के कारण अधिक शुष्क है।
- गर्म रेगिस्तान अश्व अक्षांशों या उपोष्णकटिबंधीय उच्च दबाव बेल्ट के नीचे स्थित है जहाँ हवा नीचे की तरफ उतरती है। यह एक ऐसी स्थिति है जो किसी भी प्रकार की वर्षा के लिये कम-से-कम अनुकूल होती है।
- सापेक्षिक आर्द्रता अत्यंत कम है, तटीय ज़िलों में 60 प्रतिशत से घटकर रेगिस्तानी अंदरूनी इलाकों में 30 प्रतिशत से भी कम हो जाती है।
- बारिश आमतौर पर गरज के साथ होती है।
- मरुस्थल पृथ्वी के सबसे गर्म स्थानों में से हैं और यहाँ पूरे वर्ष उच्च तापमान रहता है।
- वनस्पति:
- सभी रेगिस्तानों में किसी-न-किसी प्रकार की वनस्पति पी जाती है जैसे- घास, झाड़ियाँ, जड़ी-बूटियाँ, खरपतवार या जड़ें।
- गर्म और मध्य-अक्षांश दोनों प्रकार के रेगिस्तानों की प्रमुख वनस्पति ज़िरोफाइटिक या सूखा प्रतिरोधी झाड़ियाँ हैं।
- इसमें बल्बनुमा कैक्टस, कंटीली झाड़ियाँ, लंबी जड़ वाली कँटीली घास और बिखरे हुए बौने बबूल शामिल हैं।
- अर्थव्यवस्था:
- यह आदिम शिकारियों और संग्रहकर्ताओं का घर है जो किसी भी फसल की खेती नहीं करते हैं, या किसी भी जानवर को पालतू नहीं बनाते हैं।
- इनमें कालाहारी रेगिस्तान के बुशमैन, बिंदीबू या ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी शामिल हैं।
- खानाबदोश चरवाहे जल और हरे चरागाहों की तलाश में अपने झुंडों के साथ रेगिस्तान में भटकते हैं और पशुधन केंद्रित अर्थव्यवस्था अपनाते हैं।
- इनमें अरब के बेडौइन, सहारा के तुआरेग, गोबी रेगिस्तान के मंगोल शामिल हैं।
- यहाँ हुए किसान गेहूँ, जौ, गन्ना, फल और सब्जियों जैसी फसलों की खेती करते हैं।
- यह ऑस्ट्रेलिया में सोने की खानों, कालाहारी में हीरे की खानों, चिली में तांबे की खानों, मेक्सिको में चांदी की खानों, फारस की खाड़ी के देशों में तेल के कुओं के लिये प्रसिद्ध है।
विगत वर्ष के प्रश्न
प्र. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
- जो पवनें वर्ष भर में 30 डिग्री उत्तर और 60 डिग्री दक्षिण अक्षांशों के बीच चलती हैं, उन्हें पछुआ पवन कहते हैं।
- भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में सर्दियों में बारिश का कारण बनने वाली नम हवाएँ पछुआ पवन का हिस्सा हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A. केवल 1
B. केवल 2
C. 1 और 2 दोनों
D. न तो 1 और न ही 2
प्र. पवनों का मौसमी उत्क्रमण किसकी विशिष्ट विशेषता है?
A. भूमध्यरेखीय जलवायु
B. भूमध्यसागरीय जलवायु
C. मानसूनी जलवायु
D. उपरोक्त सभी
प्र. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
- उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में व्यापारिक हवाओं के प्रभाव के कारण महासागरों का पश्चिमी भाग पूर्वी भागों की तुलना में गर्म होता है।
- समशीतोष्ण क्षेत्र में पछुआ पवनें महासागरों के पश्चिमी भागों की तुलना में पूर्वी भाग को अधिक गर्म बनाती हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A. केवल 1
B. केवल 2
C. 1 और 2 दोनों
D. न तो 1 और न ही 2
प्र. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
- प्रशांत महासागर में तापमान की वार्षिक सीमा अटलांटिक की तुलना में अधिक है।
- उत्तरी गोलार्द्ध में तापमान की वार्षिक सीमा दक्षिणी गोलार्द्ध की तुलना में अधिक है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A. केवल 1
B. केवल 2
C. 1 और 2 दोनों
D. न तो 1 और न ही 2
प्र. उष्णकटिबंधीय सवाना क्षेत्र की विशिष्ट जलवायु निम्नलिखित में से कौन-सी है?
A. वर्ष भर वर्षा
B. केवल सर्दियों में वर्षा
C. एक अत्यंत छोटा शुष्क मौसम
D. निश्चित तौर पर शुष्क और आर्द्र मौसम
प्र. अफ्रीकी और यूरेशियन मरुस्थलीय पट्टी के बनने का मुख्य कारण क्या हो सकता है?
- यह उपोष्णकटिबंधीय उच्च दबाव सेल्स में स्थित है।
- यह गर्म महासागरीय धाराओं के प्रभाव में है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A. केवल 1
B. केवल 2
C. 1 और 2 दोनों
D. न तो 1 और न ही 2
मुख्य परीक्षा में आने वाले प्रश्न
प्र. उत्तरी गोलार्द्ध में प्रमुख गर्म मरुस्थल 20-30 डिग्री उत्तर और महाद्वीपों के पश्चिमी भाग के बीच स्थित हैं। क्यों?
प्र. "आर्कटिक में बर्फ के पिघलने की बढ़ती दर के संबंध में आर्कटिक परिषद के देशों के हित व्यापक दुनिया के हितों के साथ मेल नहीं खा सकते हैं। चर्चा कीजिये।
प्र. भारत अंटार्कटिका के लिये अभियान क्यों चला रहा है? भारत की जलवायु पर अंटार्कटिक और अंटार्कटिक महासागर का क्या प्रभाव पड़ सकता है?