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अजंता के गुफा चित्र बौद्ध धार्मिक कला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं, जिन्होंने आगामी समय की भारतीय कला को व्यापक रूप में प्रभावित किया। विवेचना कीजिये।
17 Jun, 2020उत्तर :
महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले में स्थित अजंता गुफाओं में ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी से सातवीं शताब्दी तक के चित्र पाए जाते हैं। बौद्ध भिक्षुओं के निवास स्थान के रूप में निर्माण होने के कारण इन चित्रों की प्रकृति मुख्यत: धार्मिक है।
अजंता चित्रकारी की प्रमुख विशेषताएँ
- धार्मिक प्रकृति होने के कारण अजंता गुफाओं के चित्रों के प्रमुख विषय भगवान बुद्ध के जीवन की घटनाएँ, जातक और अवदान कथाओं के प्रसंग, जैसे- सिंहल अवदान, महाजनक जातक और विधुर पंडित जातक है। दंत जातक कथा आरंभिक काल की गुफा संख्या-10 पर विस्तारपूर्वक चित्रित की गई है।
- अजंता के चित्रों में अनेक शैली तथा प्रकारगत अंतर विद्यमान हैं, जैसे- गुफा संख्या-17 के चित्र। ईसा की पाँचवीं शताब्दी के अजंता चित्रों में बाहर की ओर प्रक्षेप दिखलाया गया है। इनमें स्पष्ट रेखांकन एवं लयबद्धता देखने को मिलती है।
- अजंता गुफा के चित्रों में विभिन्न रंगों के मिश्रण से त्वचा के लिये विभिन्न रंगों, जैसे- भूरा, पीलापन लिये भूरा, हरा एवं पीला आदि का प्रयोग किया गया है। इस प्रकार के उदाहरण गुफा संख्या 16, 17, 1 एवं 2 के चित्रों में आसानी से देखे जा सकते हैं।
- त्रिआयामी प्रभाव अंजता के चित्रों की अन्य प्रमुख विशेषता है। गुफा संख्या 1 और 2 में आकृतियों को त्रिआयामी बनाने हेतु एवं विशेष प्रभाव लाने के लिये गोलाकार संयोजन का प्रयोग किया गया है।
- गुफा संख्या-9 और 10 में भौगोलिक स्थान के अनुसार घटनाओं को समूहबद्ध किया गया है, जैसे- जंगल में घटित घटनाओं को राजमहल की घटनाओं से पृथक् दिखाना।
- अजंता के चित्रों की साँची की मूर्तिकला से समानता दिखती है। मूर्तिकला एवं चित्रकला की प्रक्रिया का साथ-साथ चलना इन चित्रों की प्रमुख विशेषता है, जैसे- पगड़ियों की आगे की गाँठ का मूर्तियों के समान ही चित्रण है।
भारतीय चित्रकला पर प्रभाव
- अजंता में ‘शुष्क फ्रेस्को’ तकनीक से धार्मिक विषयों पर चित्रकारी की गई, जो आगामी समय में एलोरा, ऐलिफेंटा एवं बादामी की गुहा स्थापत्य; पल्लव, चोल, विजयनगर शासकों के मंदिर स्थापत्य और केरल के भित्ति चित्रों में देखी जा सकती है। इनमें व्यापक रूप में बौद्ध, जैन तथा हिंदू पौराणिक विषयों पर आधारित भित्ति चित्रों का चित्रण किया गया।
- अजंता गुहा भित्ति चित्रों ने आधुनिक काल के भारतीय चित्रकारों को भी प्रभावित किया, जैसे- अवनींद्रनाथ टैगोर, अमृता शेरगिल और नंदलाल बसु ने अजंता चित्रकारी से पर्याप्त प्रेरणा ग्रहण की।
इस प्रकार अजंता गुफा के भित्ति चित्र अपनी तकनीक, संयोजन एवं विषयों के आधार पर भारतीय चित्रकला का प्रारंभिक स्वरूप प्रस्तुत करते हैं। इसने आगामी समय में होने वाले भारतीय चित्रकला के विकास को प्रेरणा प्रदान कर, उसे व्यापक रूप में प्रभावित किया।