भारत में सुरक्षा के समक्ष प्रस्तुत चुनौतियों को देखते हुए विशेषज्ञों ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत’ (National security Doctrine) की स्थापना के पक्ष में अपनी राय दी। राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत वर्तमान परिस्थितियों केा देखते हुए क्यों आवश्यक है? चर्चा करें।
उत्तर :
‘राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत’ एक दस्तावेज है जो सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये रणनीतिक एवं कार्यान्वयन संबंधी मामलों में मार्ग-दर्शन देता है। इस सिद्धांत में ऐसी अनेक परिस्थितियों का उल्लेख किया गया है जिनमें रणनीतियों एवं युक्तियों का संचालन राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत के अनुसार किया जाना है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत की भारत की लिये आवश्यकताः
- भारत को सीमापार आतंकवाद, उग्रवाद, असंतोष एवं सीमा विवाद जैसे अनेक संकटों का समय-समय पर सामना करना पड़ता है। पठानकोट आतंकवादी हमले के दौरान सुरक्षा बलों में समन्वय की कमी देखी गई, जिसके पश्चात् एक एकीकृत राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत की स्थापना की आवश्यकता महसूस की गई।
- तत्काल उचित कार्रवाई के लिये राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत में विशेष रणनीति का प्रावधान है अतः सुरक्षा पर संकट के समय त्वरित निर्णय लेने में यह सहयोगी होगा।
- इसके माध्यम से केंद्रीय और संघीय दोनों स्तरों पर सुरक्षा प्रतिष्ठानों के मध्य समन्वय बनाने में मदद मिलेगी।
- ये सिद्धांत किसी आतंकी घटना को रोकने में हुई विफलता के लिये सुरक्षा प्रतिष्ठानों की जवाबदेहिता सुनिश्चित करेंगे।
- वर्तमान में भारत में केवल रक्षा संस्थानों के लिये ही बाह्य सुरक्षा सिद्धांत स्वीकार किये गए हैं। अतः आंतरिक सुरक्षा के लिये भी ऐसे सिद्धांतों को अपनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
- भारत की खूफिया एजेंसियों के कामकाज में अस्पष्टता है। उनके लिये किसी विश्वसनीय बाह्य लेखा-परीक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है तथा न ही उनके लिये एकीकृत कमांड और नियंत्रक ढांचा स्थापित किया गया है।
इस प्रकार, राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत ऐसी रणनीतियों का एक सेट है जिसके अनुसरण से सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित होने से आंतरिक सुरक्षा के समक्ष प्रस्तुत चुनौतियों से निपटने क लिये एकीकृत कार्रवाई संभव हो सकेगी।