"पी-नोट्स (P-notes) अवश्य ही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये निवेश का एक माध्यम है किंतु यह भारत के लिये चिंता का विषय भी है।" पी-नोट्स से संबंधित सरकार की चिंताओं को स्पष्ट करते हुए इन चिंताओं को दूर करने के लिये सरकार द्वारा किये गए प्रयासों का उल्लेख करें?
28 Jun, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थापी-नोट्स (Participatory Notes) एक वित्तीय उपकरण है जिसके माध्यम से विदेशी निवेशकों को बिना पंजीकरण के ही भारतीय बाजारों में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर खरीदने की अनुमति प्राप्त होती है। इसे विदेशी संस्थागत निवेश (FII) का दर्जा प्राप्त है।
पी-नोट्स से संबंधित चिंताएँ
काले धन पर गठित ‘विशेष जाँच दल’ (Special Investigation Team: SIT) ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से पी-नोट्स के माध्यम से निवेश करने वाले सभी व्यक्तियों से संबंधित संपूर्ण विवरण प्रस्तुत करने को कहा है। इसमें पी-नोट्स के माध्यम से काले धन का निवेश करने वाले निवेशकों द्वारा प्रयुक्त अंतरण मार्ग तथा सभी लाभ प्राप्तकर्ताओं की जानकारी शामिल है। SIT को संदेह है कि इन व्यक्तियों का पनामा की कानूनी फर्म ‘मोजैक फोंसेका’ द्वारा संचालित कंपनियों के साथ संबंध हो सकता है जिनकी सहायता से राउंड ट्रिपिंग के माध्यम से अनेक भारतीय निवेशकों ने ‘टैक्स इवेजन’ (Tax evasion) किया।
इन चिंताओं को देखते हुए SEBI ने 2011 में पी-नोट्स के लिये भी ‘अपने ग्राहक को जानो (KYC)’ मानदंडों को लागू करने तथा पी-नोट्स के माध्यम से किये जाने वाले समस्त लेनदेन का वितरण जमा कराने को अनिवार्य कर दिया है। वर्ष 2014 में SEBI ने नए नियमों में उन विदेशी पोर्टफोलियों निवेशकों (FPIs) के लिये अपने पोर्टफोलियों का खुलासा करते हुए मासिक रिपोर्ट जमा कराना अनिवार्य कर दिया जो पी-नोट्स जारी करते हैं। हाल ही में SEBI ने यह भी अनिवार्य कर दिया कि पी-नोट्स पर मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानून (PMLA) भी लागू होगा।