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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    इंटरनेट एवं संचार नेटवर्क के बढ़ते उपयोग के इस दौर में आपराधिक संगठनों द्वारा इन नेटवर्कों के व्यापक उपयोग से चिंतित सरकारें इंटरनेट की गुप्त निगरानी (Internet Surveillance) करवाती है। सरकारों द्वारा इस प्रकार की जाने वाली निगरानी के पक्ष-विपक्ष की विवेचना करें।

    30 Jun, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    इंटरनेट डेटा स्थानांतरण एवं सूचना प्रवाह का सबसे सशक्त माध्यम है। इस नेटवर्क का प्रयोग न केवल आम जनता बल्कि आपराधिक संगठनों एवं आतंकवादी समूहों द्वारा भी किया जाता है। इस कारण अनेक देशों की सरकारें इंटरनेट निगरानी (सर्विलांस)करवाती हैं।

    इंटरनेट निगरानी (सर्विलांस) के पक्ष में तर्क-

    • इंटरनेट और संचार नेटवर्क के इस युग में इन संचार तकनीकों के दुरूपयोग के अवसर एवं घटनाएँ बढ़ रही हैं। इसे देखते हुए इंटरनेट सर्विलांस की सख्त आवश्यकता महसूस की जाती है।
    • इंटरनेट का प्रयोग आपराधिक संगठन एवं आतंकवादी अपनी विचारधारा प्रसारित करने के लिये करते हैं। अतः इंटरनेट सर्विलांस के माध्यम से सरकार इनकी रणनीति को विफल कर सकती है।
    • आपराधिक मामलों में फोन, ई-मेल अथवा अन्य इंटरनेट वेबसाइटों से आवश्यक सूचनाएँ प्राप्त होने से कानून-प्रवर्तन एवं जाँच एजेंसियों के लिये केस को हल करना आसान हो जाएगा।

    इंटरनेट संर्विलांस की आलोचनाः

    • इंटरनेट सर्विलांस से व्यक्ति के निजता के अधिकार का हनन होता है। 1994 में सर्वोच्च न्यायालय ने ‘राजगोपाल बनाम तमिलनाडु राज्य’ के मामले में निजता के अधिकार को व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अंतर्गत मूल अधिकार माना है।
    • इस प्रकार की निगरानी को कोई वैधाानिक समर्थन प्राप्त नहीं है।
    • इंटरनेट सर्विलांस का जासूसी और राजनीतिक लाभ के लिये दुरूपयोग किया जा सकता है।
    • इंटरनेट सर्विलांस के कारण आलोचना, व्हिसल-ब्लोइंग और रचनात्मक अभिव्यक्तियों पर रोक के कारण वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है।

    यद्यपि भारत की केंद्रीय निगरानी प्रणाली सरकार को देश के अंदर सभी फोन और ऑन लाइन संचार की निगरानी की संपूर्ण शक्ति प्रदान करती है। लेकिन, इस प्रकार की किसी भी निगरानी में यह सुनिश्चित करना अनिवार्य होना चाहिये कि कहीं सरकार के द्वारा विशाल और नियंत्रित जासूसी तंत्र की ओर लोगों की निजी सूचनाओं के प्रवाह को संस्थागत रूप न दे दिया जाए।

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