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प्रश्न :
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलगाववाद, नक्सलवाद और उग्रवाद की घटनाएँ होती रहती हैं जिनमें भारतीय युवाओं का उपयोग भारत के ही खिलाफ किया जाता है। भारत सरकार उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में युवाओं पर केंद्रित क्या प्रयास कर रही है जिससे कि युवाओं को दिग्भ्रमित होने से रोका जा सके?
04 Jul, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 आंतरिक सुरक्षाउत्तर :
आंकड़ों के अनुसार भारत अगले कुछ वर्षों में युवाओं की सर्वाधिक आबादी वाला देश होगा। यदि इन युवाओं का भारत के आर्थिक विकास में समुचित उपयोग किया जाए तो भारत शीघ्र ही आर्थिक महाशक्ति बन सकता है। किंतु, वर्तमान रूझानों के अनुसार भारत में युवा बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में जब युवाओं के पास काम तथा रोजगार के साधन नहीं होते, वे उग्रवादी विचारधारा से प्रभावित होकर देश के विकास एवं कानून-व्यवस्था में बाधक बन जाते हैं।
अधिकतर उग्रवादी घटनाएँ छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर तथा पूर्वोतर भारत में देखने को मिलती हैं। अतः इन स्थानों पर भारत सरकार ने युवाओं पर केंद्रित अनेक प्रयास किये हैं-
- सरकार ने जम्मू-कश्मीर में 2 नए AIIMS खोलने का निर्णय लिया है।
- भारतीय सेना ने बारामुला में IIT की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिये सुपर-30 संस्थान शुरू किया।
- छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गरीब आदिवासियों के बच्चों को उच्चस्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिये छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ‘प्रयास’ नामक विद्यालय खोले गए।
- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं के कौशल विकास एवं प्रशिक्षण के लिये भारत सरकार ने ‘रोशनी’ नामक योजना प्रारंभ की।
- पूर्वोत्तर राज्यों में रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिये प्रधानमंत्री ने ‘पूर्वोत्तर परिषद’ के तहत कई कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किये हैं जिनमें कक्षा आठ से ऊपर के युवाओं के लिये ब्यूटीशियन, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।
- पूर्वोत्तर में नए व्यवसायों को बढ़ावा देने तथा युवाओं में उद्यमिता विकास के लिये 100 करोड़ के वेंचर कैपिटल की व्यवस्था की है।
- सरकार ने नक्सल प्रभावित बस्तर (छत्तीसगढ़) में तीरंदाजी और शूटिंग की बड़ी अकादमियाँ खोलने का निर्णय लिया है।
- पूर्वोत्तर राज्यों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिये ‘स्वस्थ उत्तर-पूर्व योजना’ शुरू की है।
इस प्रकार, सरकार का यह प्रयास होना चाहिये कि हर युवा केा स्वास्थ्य, रोजगार और मूलभूत सुविधाएँ मिल सकें। संवाद के अभाव के कारण ही अलगाववादी और उग्रवादी तत्त्व युवाओं को भड़काने में कामयाब हो जाते हैं। यदि सरकार और जनता के बीच उचित संवाद बना रहे तो भारत के युवा देश को विश्व शक्ति के रूप में स्थापित कर सकते हैं।
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