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प्रश्न :
भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार और भारी लीकेज को देखते हुए क्या इसमें प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefit Transfer) व्यवस्था लागू कर देनी चाहिये? तर्क संगत उत्तर दें।
01 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में सुधार पर बनी शांता कुमार समिति ने यह सिफारिश की है कि भारत में PDS में रिसाव के उच्च स्तर को देखते हुए खाद्यान्नों के भौतिक वितरण की बजाय लाभार्थियों के बैंक खातों में नगद हस्तांतरण किया जाना चाहिये। इस परिवर्तन से संभावित लाभ निम्नलिखित होंगे-
- PDS में व्याप्त भ्रष्टचार में कमी आएगी और लीकेज कम होगा। शांता कुमार समिति के अनुसार इससे सरकार को प्रतिवर्ष लगभग 30 हजार करोड़ रुपए की बचत होगी।
- भौतिक वितरण के दौरान होने वाले खर्च में कमी आएगी तथा समय भी कम लगेगा।
- लोग अपनी पसंद के खाद्य खुले बाज़ार से खरीद सकेंगे जिससे उन्हें अपनी रुचियों से समझौता नहीं करना पड़ेगा।
किंतु PDS में नकद हस्तांतरण व्यवस्था लागू करने के समक्ष अनेक चुनौतियाँ हैं-
- नकद हस्तांतरण के फलस्वरूप प्राप्त नकदी का प्रयोग खाद्यान्न खरीदने के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिये किया जा सकता है जिससे सरकार का खाद्य सुरक्षा का लक्ष्य अधूरा रह सकता है।
- मुद्रास्फीति के कारण नकदी की क्रय शक्ति कम हो जाती है तथा कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव के कारण भी लाभार्थियों को अपेक्षित मात्रा से कम खाद्यान्न मिलने की आशंका बनी रहती है।
- आज भी वंचित वर्गों के अनेक परिवार बैंक ढाँचे से नहीं जुड़ पाए हैं तथा ग्रामीण क्षेत्रों एवं दुर्गम इलाकों में बैंक शाखाओं की अनुपलब्धता भी इस कदम को और चुनौतीपूर्ण बना देती है।
यद्यपि PDS में नकद हस्तांतरण पर पुदुच्चेरी और चंडीगढ़ में एक पायलट प्रोजक्ट प्रारंभ किया गया है, जिसके परिणाम सकारात्मक रहे हैं। इससे प्रेरणा लेते हुए भारत सरकार सभी राज्यों में नकद हस्तांतरण पर विचार कर रही है। इस संदर्भ में पहले उपर्युक्त चुनौतियों पर विचार करना आवश्यक है, साथ ही लाभार्थियों को अनाज और नकदी में से किसी एक के चुनाव का विकल्प भी दिया जा सकता है।
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