महासागरीय प्रदूषण समूची मानव जाति के लिये चिंता का विषय है। महासागरों के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए इनके संरक्षण के उपाय सुझाएँ।
उत्तर :
महासागर जीवन के विभिन्न रूपों को संजोकर रखने वाले निकाय हैं। सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण होने के कारण महासागर अत्यंत उपयोगी हैं। पर्यावरण और मानवीय उपभोग की दृष्टि से महासागरों के महत्त्व को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:-
- महासागर कई छोटे-छोटे पारितंत्रों की शरणस्थली हैं, जहाँ विशिष्ट तथा विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों तथा जीव-जंतुओं का अस्तित्व बना रहता है। उदाहारण- प्रवाल-भित्तियाँ, जो असीम जैव-विविधता का प्रतीक हैं।
- महासागर पृथ्वी के मौसम को निर्धारित करने वाले प्रमुख कारक हैं। महासागरीय जल की लवणता और विशिष्ट ऊष्माधारिता का गुण पृथ्वी के मौसम को प्रभावित करता है।
- यदि महासागरीय धाराएँ सक्रिय न रहें, तो ठंडे प्रदेश बहुत ठंडे रहेंगे और गर्म प्रदेश बहुत गर्म हो जाएंगे।
- महासागर, तटीय क्षेत्रों में वास करने वाली विश्व की कुल 30% आबादी के लिये खाद्य पदार्थों और आजीविका के प्रमुख स्रोत हैं।
- पेट्रोलियम, गैस तथा खनिजों के अकूत भंडार होने के कारण महासागर, वैश्विक अर्थव्यवस्था की धुरी हैं। महासागर ऊर्जा के बड़े स्रोत होने के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय व्यापार हेतु प्रमुख मार्ग प्रदान करते हैं।
वर्तमान में महासागरों में बढ़ता प्रदूषण चिंता का विषय है। अरबों टन प्लास्टिक कचरा प्रतिवर्ष महासागरों में जमा हो जाता है। विषैले रसायनों के रोज़ाना मिलने से समुद्री जैव-विविधता भी प्रभावित हो रही है। वैश्विक समुदाय महासागरों के संरक्षण के लिये निम्नलिखित उपायों पर अमल कर सकता है:-
- महासागरों पर से दबाव घटाने के लिये कार्बन उत्सर्जन को कम करके कार्बन-फुटप्रिंट को नियंत्रित किया जा सकता है।
- महासागरीय तथा तटीय पारिस्थितिक तंत्र का सशक्त प्रबंधन और संरक्षण किया जाना चाहिये।
- मत्स्यन को प्रभावी ढंग से विनियमित करके अतिमत्स्यन और अवैध मत्स्यन पर पाबंदी लगनी चाहिये।
- सागर के कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCLOS) का कार्यान्वयन करके महासागरों और उनके संसाधनों के संरक्षण को बढ़ावा दिया जाना चाहिये।
- वैश्विक समाज को प्लास्टिक रहित जीवन शैली को अपनाना चाहिये। समुद्री जीवन को हानि पहुंचाकर निर्मित की गई वस्तुओं का बहिष्कार कर उनके निर्माण को हतोत्साहित किया जाना चाहिये।
- महासागरों से संबंधित वैज्ञानिक ज्ञान और अनुसंधान क्षमता को विकसित किया जाना चाहिये।