क्या सूचना-प्रौद्योगिकी (IT) क्षेत्र में चल रही नौकरियों की छंटनी भारत की अर्थव्यवस्था के लिये चिंताजनक है? समालोचनात्मक विश्लेषण करें।
16 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था1991 के आर्थिक सुधारों का अत्यधिक लाभ उठाने वाला आई.टी. क्षेत्र, वर्तमान में कई घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय कारणों से संकट का सामना कर रहा है, जिसके परिणामस्वरुप इसमें नौकरियों की छंटनी जारी है। इसके विभिन्न कारणों में ऑटोमेशन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (artificial intelligence) और संरक्षणवादी कदम जैसे- स्थानीय लोगों की भर्ती का दबाव, H1B वीज़ा नियमों में बदलाव इत्यादि प्रमुख हैं। इस क्षेत्र में छंटनी इसी प्रकार जारी रही तो भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसके निम्नलिखित प्रभाव पड़ सकते हैं –
निश्चित तौर पर यह स्थिति भारत के लिये चिंताजनक है, परंतु नौकरियों में छंटनी, आई.टी. क्षेत्र के लिये कोई नई बात नहीं है। इनमें वार्षिक कार्य निष्पादन मूल्यांकन के आधार पर छंटनी का कार्य हर वर्ष होता है। हालाँकि छंटनी का प्रतिशत इस वर्ष कुछ ज़्यादा रहा है। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों के वार्षिक राजस्व में वृद्धि की संभावना भी है, अतः कहा जा रहा है कि नई भर्तियों की संख्या, छंटनी की तुलना में अधिक होगी। दूसरी चिंता H1B वीज़ा को लेकर है। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार इसका दीर्घकालिक असर भारत की बजाए अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर पड़ने की संभावना है, अतः वीज़ा संबंधी अत्यंत कड़े नियमों के लंबे समय तक लागू रहने की संभावना कम है। अतः भारत के लिये यह समय धैर्य रखने के साथ-साथ रोज़गार निर्माण के अन्य उपायों पर विचार करने का भी है।