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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    वर्ष के मध्य में जारी की गई आर्थिक समीक्षा का दूसरा भाग भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में क्या संकेत देता है? समालोचनात्मक विश्लेषण करें।

    29 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा –

    • पहली व दूसरी आर्थिक समीक्षा का संक्षिप्त विवरण।
    • दूसरी आर्थिक समीक्षा में शामिल सकारात्मक प्रवृत्तियाँ बिंदुवार लिखें।
    • नकारात्मक प्रवृत्तियों का उल्लेख करें। 
    • भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर संक्षिप्त सकारात्मक निष्कर्ष।

    हाल ही में आर्थिक समीक्षा का दूसरा भाग प्रस्तुत किया गया है। यह पहला अवसर है कि जब सरकार ने किसी वित्तीय वर्ष के लिये आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट दो बार प्रस्तुत की है। पहली आर्थिक समीक्षा 31 जनवरी, 2017 को लोकसभा में पेश की गई थी। इसके दूसरे भाग में फरवरी के बाद अर्थव्यवस्था में उत्पन्न नई चुनौतियों को शामिल किया गया है। इस दस्तावेज़ में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रवृत्तियाँ शामिल हैं।

    दूसरी आर्थिक समीक्षा में सकारात्मक प्रवृत्तियाँ-

    • देश की अर्थव्यवस्था डिजिटलीकरण की ओर बढ़ी है और नकद पर लोगों की निर्भरता कम हुई है। 
    • विमुद्रीकरण से भ्रष्टाचार की रोकथाम के साथ-साथ देश का कर आधार भी बढ़ा है।
    • खुदरा मुद्रास्फीति व खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी बनी हुई है। 
    • कृषि क्षेत्र में भी मामूली सुधार दिखाई पड़ रहा है। 
    • वस्तु एवं सेवा कर (GST), एयर इंडिया के निजीकरण को सैद्धांतिक मंज़ूरी, तेल सब्सिडी को तार्किक बनाने और बैंकों की बैलेंस शीट में सुधार आदि कदमों से अर्थव्यवस्था में निकट भविष्य में सकारात्मक परिणाम आने की संभावना दिखाई दे रही है।

    दूसरी आर्थिक समीक्षा में नकारात्मक प्रवृत्तियाँ-

    • चालू वित्त वर्ष में देश की GDP दर घटने की आशंका जताई गई है। यह 6.75% से 7.5% के बीच रह सकती है।
    • महत्त्वपूर्ण आर्थिक संकेतकों, जैसे-GDP, सकल मूल्य वर्धित (GVA) व औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) आदि में गिरावट दर्ज़ की गई है।
    • रोज़गार में वृद्धि दर लगभग नगण्य है, जिसके कारण बेरोज़गारी लगातर बढ़ रही है।
    • विमुद्रीकरण के कारण किसानों और असंगठित क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

    इस प्रकार भारतीय अर्थव्यवस्था में वर्तमान में मिश्रित प्रवृत्तियाँ  दिखाई पड़ रही हैं। कृषि ऋण माफी, GST का लागू होना आदि के कारण निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ा है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आर्थिक सुधारों के लिये किये गए विभिन्न उपायों के सकारात्मक परिणाम जल्दी ही देखने को मिलेंगे।

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