स्वचालित कारें (self-driving cars) किस तकनीक पर आधारित हैं? भारत में इनके संचालन को लेकर क्या चुनौतियाँ हो सकती हैं ? चर्चा करें।
30 Aug, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी
उत्तर की रूपरेखा –
|
स्वचालित अर्थात् ड्राइवर रहित कारें सामान्यतः LIDAR तकनीक (Light detection and ranging) पर आधारित होती हैं, जिनमें LIDAR-सेंसर, GPS से प्राप्त उन्नत इनपुट सिग्नल, इंफ्रारेड किरणों व कंप्यूटर विज़न तकनीक आदि का इस्तेमाल कर कारों को बिना चालक के चलाना संभव होता है।
गूगल, टेस्ला व एप्पल जैसी विश्वस्तरीय कंपनियाँ अरबों डॉलर के निवेश के साथ स्वचालित वाहनों के विकास की दिशा में काम कर रही हैं। उम्मीद की जा रही है कि ये कारें न सिर्फ यातायात नियंत्रण में सहायक होंगी, बल्कि ये दुर्घटनाओं को कम करने में भी कारगर सिद्ध होंगी।
भारत में स्वचालित कारों के संचालन के समक्ष निम्नलिखित चुनौतियाँ हैं –
स्वचालित कारों की तकनीक को व्यावसायिक मुख्य धारा में आने में अभी समय है। लेकिन इनके आने के बाद भी भारतीय सड़क व्यवस्था में निहित अवसंरचनात्मक कमियाँ और देश की जनसांख्यिकीय स्थिति इसकी स्वीकारोक्ति की राह में बाधा हैं। हालाँकि विधायिका में स्वचालित कारों के परीक्षण की अनुमति सबंधी विधेयक लंबित पड़ा है। परंतु फिर भी संभावना है कि भारतीय सड़कों पर स्वचालित कारें निकट भविष्य में तो चलती दिखाई नहीं देने वाली हैं।