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प्रश्न :
वित्तीय सुधार के लिये गठित विभिन्न समितियों ने बैंकों के विलय का सुझाव दिया है। बैंकों के विलय के क्या लाभ हैं ? विलय के दौरान आने वाली चुनौतियों को भी रेखांकित करें।
06 Sep, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा –
- शुरुआत में उन समितियों का उल्लेख करें जिन्होंने बैंकों के विलय का सुझाव दिया है।
- बैंकों के विलय से होने वाले लाभों को लिखें।
- विलय के समक्ष आने वाली चुनौतियों का उल्लेख करें।
- निष्कर्ष
वित्तीय सुधार के उद्देश्य से गठित कुछ समितियों जैसे वर्मा समिति ने दो या अधिक बैंकों के विलय का सुझाव दिया है। वहीं अन्य समितियों जैसे- नरसिम्हम समिति ने बैंकों का विलय गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और विकास वित्त संस्थाओं के साथ किये जाने का भी सुझाव दिया है। ध्यातव्य है कि इस वर्ष स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कुल 6 बैंकों का विलय कर दिया गया है।
बैंकों के विलय से लाभ-
- विलय के पश्चात इन विशाल बैंकों की पूंजी दक्षता और परिसंपत्ति में वृद्धि होगी और बैंक की कोष लागत और परिचालन लागत घटेगी।
- बैंकों की पूंजी दक्षता वृद्धि का सीधा लाभ देश के सामाजिक तथा भौतिक आधारभूत ढाँचे में निवेश के रूप में देखने को मिलेगा।
- पूंजी दक्षता में होने वाली वृद्धि से वर्तमान समय में बैंकिंग तंत्र की गैर-निष्पादनकारी परिसंपत्तियों (NPA) की सबसे बड़ी समस्या को कुछ सीमा तक सुलझाया जा सकेगा।
- विलय के पश्चात बैंक अंतर्राष्ट्रीय मानकों की ओर अग्रसर होकर आधुनिकीकरण एवं नवाचार पर ज़्यादा जोर देंगे। इसके साथ ही बैंक अपनी सेवाओं के भौगोलिक विस्तार पर अधिकाधिक ध्यान देंगे।
- पूंजी उपलब्धता अधिक होने से बैंक अपने तकनीकी उन्नयन पर अधिक निवेश कर सकेंगे और निवेश के अनुपात में ही उनकी परिचालन लागत में कमी आएगी।
विलय के समक्ष चुनौतियाँ –
- यह निश्चित नहीं है कि विशाल बैंक अच्छे बैंक भी साबित हों। यदि विशाल बैंक भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए, तो देश की अर्थव्यवस्था को गंभीर क्षति पहुँचेगी।
- NPA व पूंजी अपर्याप्तता के कारण निर्मित अस्थिर माहौल में बैंकों के विलय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना जोखिम भरा हो सकता है।
- देश में कुछ बड़े बैंकों को छोड़कर ज़्यादातर बैंक किसी क्षेत्र विशेष में अपना विस्तार किये हुए हैं। वे बैंक ही उस क्षेत्र की वित्तीय आवश्यकताओं को अच्छी तरह समझते हैं। विलय के पश्चात इन बैंकों की क्षेत्रीय विशेषज्ञता का फायदा नहीं उठाया जा सकेगा।
- विलय के परिणाम स्वरुप खराब प्रदर्शन कर रहे बैंकों की खामियों का भार अच्छा प्रदर्शन कर रहे बैंकों को उठाना पड़ेगा।
- विलय के कारण बैंक कर्मचारियों के वेतन-भत्तों, सेवानिवृत्ति व पेंशन आदि से संबंधित कार्मिक विवादों के उभरने की संभावना है।
बैंक छोटे हों या विशाल, यह सुनिश्चित किया जाना ज़्यादा ज़रूरी है कि बैंक अच्छी स्थिति में हों। इसके बाद भी सरकार को लगता है कि विलय अपरिहार्य है, तो इससे जुड़ी अन्य समस्याओं का निराकरण करते हुए विलय की नीति पर आगे बढ़ा जा सकता है।
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