डिज़िटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP) भूमि अभिलेखों के प्रबंधन को आधुनिकृत करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है, परंतु इसकी राह में अनेक चुनौतियाँ भी विद्यमान हैं। स्पष्ट कीजिये।
उत्तर :
भूमिका में:-
डिज़िटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम को स्पष्ट करते हुए इसकी शुरुआत पर चर्चा के साथ उत्तर प्रारंभ करें।
विषय-वस्तु में:-
भूमिका से लिंक रखते हुए प्रथम पैराग्राफ में कार्यक्रम की महत्ता पर चर्चा करें, जैसे :
- भूमि अभिलेखों के प्रबंधन को आधुनिकृत कर, भूमि/संपत्ति विवादों के दायरे को कम करने, भूमि अभिलेख रखरखाव प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाने और देश में अचल संपत्तियों के लिये अंततः गारंटीकृत निर्णायक अधिकार की ओर बढ़ने में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
- भूमि स्वामित्त्व का फेर-बदल, मानचित्रों का डिजिटलीकरण तथा पाठ्यचर्या और स्थानिक डेटा के एकीकरण, सर्वेक्षण/पुन: सर्वेक्षण और मूल भूमि के रिकॉर्ड सहित सभी भूमि अभिलेखों को कंप्यूटरीकृत करना।
प्रथम पैराग्राफ से लिंक रखते हुए द्वितीय पैराग्राफ में इस कार्यक्रम की चुनौतियों पर चर्चा करें, जैसे :
- इस योजना के अंतर्गत भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण तो किया गया है, लेकिन भूमि स्वामित्त्व संबंधित समस्यायों का कोई उल्लेख नहीं किया है।
- सर्वविदित है कि भारत में भूमि अभिलेख अस्पष्ट हैं और वे स्वामित्त्व की गारंटी नहीं देते हैं, इस तरह के अस्पष्ट भूमि विवाद के कई कारण हैं।
- कई बार संपत्ति के बँटबारे को दर्ज नहीं किया जाता है, अतः यह संपत्ति के स्वामित्त्व को सही ढंग से प्रतिबिंबित नहीं करता है साथ ही यह अक्सर स्वामित्त्व से संबंधित मुकदमेबाज़ी में फँस जाता है।
- अस्पष्ट भू-स्वामित्त्व अधिकार कई मोर्चों पर विकास में बाधा डालते हैं। उदाहरण के लिये ग्रामीण इलाकों में छोटे और सीमांत किसान, जो औपचारिक भूमि अधिकार नहीं रख सकते हैं, वे संस्थागत क्रेडिट तक पहुँचने में असमर्थ रहते हैं।
- शहरी क्षेत्रों में विवादित भू-स्वामित्त्व अधिकार, अचल संपत्ति लेन-देन में पारदर्शिता की कमी का कारण बनता है। इस आधार पर ज़मीन पर बनाए गए किसी भी आधारभूत ढाँचे को भविष्य में संभावित रूप से चुनौती दी जा सकती है, जिसने निवेश को जोखिम भरा बना दिया।
- इसके अलावा, स्मार्ट शहरों और AMRUT मिशन के अंतर्गत शहर संपत्ति करों और भूमि आधारित वित्त पोषण के माध्यम से अपना राजस्व बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। अतः इसके लिये स्पष्ट भू-स्वामित्त्व अधिकार की व्यवस्था प्रदान करने की ज़रुरत है।
अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष प्रस्तुत करें।
नोट: निर्धारित शब्द-सीमा में उत्तर को विश्लेषित करके लिखें।