क्या आप मानते हैं कि भारत में वामपंथी उग्रवाद कमोबेश रूप से अब एक राष्ट्रीय समस्या नहीं है, क्योंकि उग्रवाद संबंधी घटनाओं में महत्त्वपूर्ण गिरावट हुई है? इसे पूरी तरह समाप्त करने के कुछ उपाय सुझाएँ।
उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा-
- देश में वामपंथी हिंसा कम होने के पीछे तर्क प्रस्तुत करें।
- वामपंथी उग्रवाद को पूर्णतः उदासीन करने के लिये उपाय सुझाएँ।
- निष्कर्ष लिखें।
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हाल ही में केंद्र सरकार ने रेड कॉरिडोर का पुनर्निर्धारण किया। जिसके अनुसार नक्सल प्रभावित जिलो की संख्या को लगभग इसके पाँचवे भाग तक कम करने का निर्णय लिया है। इन 'LWE' जिलों की संख्या में कमी करने के पीछे सरकार के निहित तर्क अग्रलिखित हैं-
- उन जिलों में हिंसा में आई कमी।
- वामपंथी उग्रवादियों के समर्थकों और "जमीनी कार्यकर्त्ताओं" द्वारा सशस्त्र माओवादी कैडरों को दी जाने वाली सामग्री व अन्य प्रकार की सहायता का मूल्यांकन और इन जिलों में विकास कार्यों द्वारा लाए गए सकारात्मक परिवर्तन का अवलोकन करना।
निस्संदेह हाल के वर्षों में वामपंथी उग्रवाद के विस्तार में कमी आई है, परंतु इसके वैचारिक मज़बूती और संगठन की एकता द्वारा इसके पुनः आवर्द्धन क्षमता को नकारा नहीं जा सकता है।
अतः इसको पूर्णतयाः उदासीन करने हेतु निम्न प्रयास आवश्क हैं-
- 'LWE' जिलों को उपलब्ध कराई जाने वाली वित्तीय सहायता को अधिक विशेषीकृत बनाने के साथ-साथ सामाजिक अंकेक्षण को क्रियान्वित करना।
- इन क्षेत्रों के क्षेत्रीय विशेषता यथा कलाकृतियों आदि के निर्माण से संबंधित व्यक्तियों के व्यापार को ऑनलाइन मार्केट से जोड़ना। इससे धन के प्रवाह को बढ़ा कर इनके समावेशन को सुनिश्चित किया जा सकता है।
- इन क्षेत्रों में तैनात सुरक्षा बलों को वामपंथी उग्रवादी संगठनों के नेताओं से बातचीत को बढ़ावा देना। इस प्रकार इन नेताओं के अनुनयन द्वारा अधिक संगठनों को उदासीन बनाकर समाज की मुख्य धारा में सम्मिलित किया जा सकता है।
- शिक्षा, रोज़गार, अवसंरचनात्मक विकास और आपसी संवाद को बढ़ाना चाहिये।
- आर्थिक विकास नीतियों के सही क्रियान्वयन के साथ लचीली परंतु कठोर सुरक्षा नीति को अपनाने की आवश्यकता है।
- पिछले वर्ष किये गए विमुद्रीकरण ने निश्चित तौर पर नक्सलियों को पहुँचने वाली वित्तीय सहायता पर लगाम लगायी है। माओवाद से निपटने की गृह मंत्रालय की हालिया पहल SAMADHAN भी एक उल्लेखनीय कदम है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में बढ़े माओवादी विरोधी ऑपरेशन में बड़ी संख्या में उग्रवादी मारे गए हैं। अतः अपनी नीतियों में कठोरता व क्षेत्रीय विकास की रणनीति को अधिक प्रखर बनाने की आवश्यकता है।