नक्सलवाद का नया रूप शहरी नक्सलवाद पुराने स्वरूप से ज्यादा खतरनाक और नुकसानदेह है। कथन के संदर्भ में शहरी नक्सलवाद को स्पष्ट करते हुए इसके विभिन्न आयामों पर चर्चा करें।
उत्तर :
भूमिका में:-
शहरी नक्सलवाद तथा इसकी शुरुआत की स्पष्ट चर्चा के साथ उत्तर प्रारंभ करें।
विषय-वस्तु में:-
नक्सलवाद की उत्पत्ति की संक्षिप्त चर्चा के साथ नक्सलवाद और शहरी नक्सलवाद के अंतर को स्पष्ट करें, जैसे :
उत्पत्ति में:
- भारत में नक्सली हिंसा की शुरुआत 1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी से शुरू हुई। इसके नेतृत्वकर्त्ता चारू मजूमदार तथा कानू सान्याल को माना जाता है।
नक्सलवाद और शहरी नक्सलवाद में अंतर :
- शहरी नक्सलवाद, नक्सलवाद का परिवर्तित रूप है जिसने 80 के दशक में शिक्षा के केंद्रों में अपनी जड़ें जमानी शुरू की और 2004 के आते-आते अपनी गतिविधियों को बदलकर बौद्धिक स्तर पर जंग छेड़ी।
- नक्सलवाद का सीधा संबंध वामपंथ से है जो भारतीय मज़दूरों तथा किसानों की दुर्दशा के लिये सरकारी नीतियों को ज़िम्मेदार मानता हैं। शहरी नक्सली मुख्यतः चरम वामपंथी, माओवादी विचारधारा के लोग हैं जिनका एक ही एजेंडा है, हिंदुस्तान के खिलाफ काम करना।
- नक्सलवाद के मामले जहाँ देश के कुछ राज्यों के कुछ क्षेत्रों ( अधिकांशतः आदिवासी बहुल गाँवों में ) तक सीमित थे वहीं 'शहरी नक्सलवाद' का समर्थन करने वाले अग्रणी संगठन दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चंडीगढ़, रांची, हैदराबाद, विशाखापत्तनम, मदुरै, तिरुवनंतपुरम, नागपुर और पुणे समेत कई शहरों में सक्रिय हैं। इनमें वकील, लेखक, मानवाधिकार और सामाजिक कार्यकर्त्ता शामिल हैं जिनकी समय-समय पर गिरफ्तारियाँ भी हुई हैं।
- नक्सलवादी जहाँ अपने अधिकारों की मांग के नाम पर हिंसा करते थे, वहीं शहरी नक्सली देश के अदृश्य दुश्मन हैं जो बौद्धिकता और विचारों के नाम पर युवाओं को दिशाभ्रमित करते है जो कि नक्सलवाद से भी ज्यादा खतरनाक और नुकसानदेह है।
प्रथम पैराग्राफ से लिंक रखते हुए द्वितीय पैराग्राफ में शहरी नक्सलवाद के आयामों को विश्लेषित करके लिखें, जैसे :
- सामाजिक
- आर्थिक
- राजनैतिक
- बौद्धिक
अंत में प्रश्नानुसार संक्षिप्त, संतुलित एवं सारगर्भित निष्कर्ष प्रस्तुत करें।
नोट: निर्धारित शब्द-सीमा में उत्तर को विश्लेषित करके लिखें।