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प्रश्न :
क्या 2022 तक भारत विकसित देशों की श्रेणी में शामिल हो पाएगा? अपने विचार प्रस्तुत करें।
11 Nov, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
2022 तक भारत को नव-भारत (न्यू इंडिया) के रूप में परिवर्तित करने के उद्देश्य में भारत को विकासशील देश से विकसित देशों की श्रेणी में लाने की मंशा छिपी हुई है। इसकी संभावना को हम निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर तलाश सकते हैं-
- विकसित देशों में प्राय: सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में औद्योगिक और सेवा क्षेत्र का दखल रहता है। भारत में सेवा क्षेत्र का दबदबा है लेकिन इसका बड़ा हिस्सा जहाँ से आता है उसे अर्थव्यवस्था का ‘आधुनिक’ भाग नहीं कहा जा सकता।
- भारत का विनिर्माण क्षेत्र पूर्वी एशिया के देशों की तुलना में भी काफी छोटा है। विकसित देशों के विनिर्माण क्षेत्र के साथ इसकी तुलना निरर्थक है।
- देश की लगभग आधी आबादी अभी भी कृषि कार्य में रत है और कृषकों की स्थिति काफी दयनीय है।
- मोबाइल फोन की पहुँच और मंगलयान अभियान की सफलता के बावजूद भी आम भारतीय के जीवन में प्रौद्योगिकी का प्रवेश बहुत न्यूनतम स्तर पर है।
- विकसित देशों की तुलना में भारत में सुविकसित वित्तीय तंत्र भी मौजूद नहीं है। अर्थव्यवस्था में इसकी पहुँच बनाने पर काम अभी चल ही रहा है।
- वार्षिक मानव विकास रिपोर्ट बताती है कि भारत लगभग एक दशक पहले मानव विकास के क्षेत्र में निम्र से मध्यम देशों की श्रेणी में आ गया है। प्रगति की मौजूदा दर के आधार पर उच्च विकास की श्रेणी (जहाँ चीन अभी है) में आने में अभी करीब एक दशक का वक्त लगेगा। इसके अलावा एक अन्य श्रेणी ‘अति उच्च विकसित’ नामक भी है।
- देश की प्रति व्यक्ति आय 1,850 डॉलर है और यह निम्र-मध्य आय की श्रेणी में आती है। विश्व बैंक के मानकों के अनुसार उच्च-मध्य आय की श्रेणी में शामिल होने के लिये प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करना होगा। इस काम में कम से कम अगला एक दशक या उससे ज्यादा वक्त लग जाएगा।
- साक्षरता के क्षेत्र में 160 देशों की सूची में भारत को 124वां स्थान हासिल है और वह कंबोडिया, कैमरून और पूर्वोत्तर अफ्रीका के देश एरिट्रिया से भी नीचे है। हमारे देश की साक्षरता दर अभी भी 75 फीसदी से कम है।
अगर विकसित देश के निर्धारण के इन तार्किक संकेतकों के आधार पर परखा जाए तो भारत का अगले पाँच सालों में इस स्थिति तक पहुँचना कठिन लग रहा है। परंतु जिस प्रकार से प्रत्येक क्षेत्र में विकास और सुधार के प्रयास जारी हैं, उसके आधार पर कहा जा सकता है भारत लगभग एक दशक के बाद विकसित देशों की श्रेणी में प्रवेश करने की स्थिति में होगा।
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