नई राष्ट्रीय इस्पात नीति-2017 कौन-से उद्देश्यों पर केंद्रित है? इसकी विशेषताओं पर भी प्रकाश डालें।
17 Nov, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाइस्पात आधुनिक समय के सबसे महत्त्वपूर्ण उत्पादों में से एक है और यह किसी भी औद्योगिक अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। भारत दुनिया में सबसे तेज़ी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और निर्माण, बुनियादी ढाँचा, बिजली, अंतरिक्ष एवं औद्योगिक मशीनरी से लेकर उपभोक्ता उत्पादों तक इस्पात के उपयोग का दायरा काफी व्यापक है। ऐसे में यह क्षेत्र देश के लिये सामरिक महत्त्व का है। भारतीय इस्पात क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों के दौरान तेज़ी से विकास कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक बन गया है। यह जीडीपी में करीब 2 प्रतिशत का योगदान करता है और करीब 5 लाख लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर ,जबकि करीब 20 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोज़गार के अवसर प्रदान कर रहा है। क्षमताओं का पर्याप्त दोहन न होने और दमदार नीतिगत मदद से यह विकास के लिये एक आदर्श प्लेटफॉर्म बन गया है।
उद्देश्य
वर्तमान परिदृश्य में इस क्षेत्र के सामरिक महत्त्व और एक दमदार एवं पुनर्गठित नीति की आवश्यकता के मद्देनजर नई एनएसपी 2017 जरूरी हो गई थी। हालाँकि राष्ट्रीय इस्पात नीति 2005 (एनएसपी 2005) के तहत भारतीय इस्पात उद्योग के कुशल एवं निरंतर विकास के लिये एक रूपरेखा तैयार की गई और तत्कालीन आर्थिक आपूर्ति प्रवाह को सुदृढ़ करने के तरीके सुझाए गए, लेकिन भारत एवं दुनियाभर की हालिया घटनाओं के मद्देनज़र इस्पात बाज़ार में मांग एवं आपूर्ति में संतुलन स्थापित करने के लिये इसे लागू करने की ज़रूरत महसूस की गई है।