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प्रश्न :
आपदा प्रबंधन में NDRF की भूमिका पर चर्चा करें। सबसे महत्त्वपूर्ण बचाव दल के रूप में NDRF किस प्रकार की चुनौतियों का सामना करता है?
22 Nov, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 आपदा प्रबंधनउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- NDRF का संक्षिप्त परिचय दें।
- NDRF द्वारा आपदाओं के दौरान किये जाने वाले कार्यों का उल्लेख करें।
- विभिन्न अभियानों का उदाहरण देकर NDRF की श्रेष्ठता स्थापित करें।
भारत में NDRF का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के रूप में प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं के दौरान विशेष प्रतिक्रिया के उद्देश्य से किया गया है। वर्तमान में, एनडीआरएफ में 12बटालियन हैं , जिनमें BSF और CRPF से तीन-तीन और CISF, SSB और ITBP से दो-दो बटालियन हैं।
आपदा प्रबंधन में NDRF की भूमिका:
- मानवीय और प्राकृतिक आपदा के दौरान विशेषज्ञ प्रतिक्रिया उपलब्ध करना, जिससे बचाव एवं राहत कार्य का प्रभावी निष्पादन संभव हो सके।
- राष्ट्रीय आपदा मोचन बल आपदाओं के दौरान चलाए जाने वाले राहत कार्यों में अधिकारयों की मदद में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की तैनाती संभावित आपदाओं के दौरान भी की जाती है।
- आपदाओं में बचाव या राहत कार्य के दौरान अन्य संलग्न एजेंसियों के साथ समन्वय कर यह बल बचाव या राहत कार्य को संपूर्णता प्रदान करता है।
NDRF की सभी बटालियन तकनीकी दक्षता से युक्त हैं और विभिन्न प्रकार की विशेषज्ञ योग्यताओं से सुसज्जित हैं। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के साथ-साथ यह बल अपनी चार टुकड़ियों के माध्यम से रेडियोलॅाज़िकल, जैविक, नाभिकीय और रासायनिक आपदाओं से निपटने में भी सक्षम है। वर्तमान में NDRF ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अभियान के साथ सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी श्रेष्ठता का परिचय दिया है। NDRF के अंतर्राष्ट्रीय अभियानों में जापान सुनामी 2011 और नेपाल भूकंप 2015 उल्लेखनीय है। इसके अतिरिक्त देश के अंदर शायद ही कोई आपदा हो जिसमें NDRF की उपस्थिति न हुई हो। हाल ही में उत्तराखंड के वनों में लगी भीषण आग के दौरान NDRF की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण रही है।
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