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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    भारत के लिये अवैध सीमा पार प्रवासन को नियंत्रित करना महत्त्वपूर्ण हो गया है क्योंकि आंतरिक राजनीतिक-सुरक्षा परिदृश्य तथा बाह्य माहौल के एक-दूसरे से जुड़े होने के कारण अवैध प्रवासन का मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण हो गया है। इस कथन के आलोक में ऐसे प्रवासन की विविध जटिलताओं तथा इनसे निपटने के लिये भारत की तैयारी पर प्रकाश डालें।

    25 Sep, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 2 राजव्यवस्था

    उत्तर :

    उत्तर की रूपरेखा :

    • परिचय लिखें।
    • अवैध प्रवासन के सामाजिक-आर्थिक-राजनैतिक व सुरक्षा संबंधी निहितार्थों की चर्चा करें।
    • इस दिशा में भारत की रणनीतियों का उल्लेख करें तथा निष्कर्ष लिखें।

    वैश्वीकरण के इस युग में प्रवासन एक सर्वमान्य प्रक्रिया है परंतु जब यह प्रवासन अवैध तरीके से होता है तो यह गंतव्य देश में सामाजिक-आर्थिक-राजनैतिक-सांस्कृतिक चुनौतियाँ प्रस्तुत करता हैं। इस क्रम में बांग्लादेश व नेपाल से होने वाला अवैध प्रवासन से भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में, निम्नलिखित समस्याएँ देखने को मिल रही हैं:

    • राजनैतिक तौर पर अवैध प्रवासियों को क्षेत्रीय नेता वोट बैंक के लिये उपयोग करते हैं। इस क्रम में इनके पहचान पत्र बनाकर इन्हें भारतीय नागरिक के रूप में दर्शाया जाता है।
    • यह अवैध प्रवासन असम व अन्य इलाकों के प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव को बढ़ा रहा है।
    • अवैध प्रवासी स्थानीय रोज़गार हासिल कर, क्षेत्रीय लोगों के लिये रोज़गार संबंधी चुनौतियाँ प्रस्तुत करते हैं।
    • संबंधित देशों से आए इन प्रवासियों के कारण सांस्कृतिक-सामाजिक संघर्ष को बल मिलता है। इसका एक उदाहरण असम में देखने को मिला।
    • राजनैतिक-सामाजिक-सांस्कृतिक समस्याओं के साथ, इन प्रवासियों की वजह से अवांछनीय तत्त्वों, आतंकवादियों, घुसपैठियों का प्रवेश होता है जो आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं।

    अवैध प्रवासन से निपटने हेतु सरकार को निम्न रणनीतियाँ अपनानी चाहियेः

    • अपनी सीमा को तकनीकी रूप से अधिक उन्नत बनाना चाहिये। इसके लिये उच्च क्षमता वाले कैमरे, रडार, सेंसर, ऑप्टिकल फाइबर, अवरक्त सेंसरों के उपयोग के साथ आदेश और नियंत्रण संरचना को मज़बूत करने का प्रयास किया जाना चाहिये।
    • संबंधित देशों के साथ लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्य चलाए जाने चाहिये ताकि संबंधित देश से प्रवासन को रोका जा सके ।
    • सरकार ‘वर्क परमिट’ जारी कर सकती है। इससे अकुशल व्यक्ति वापस लौटेंगे और कुशल व्यक्तियों का भारत में प्रवासन होगा जो कि देश की अर्थव्यवस्था के लिये लाभप्रद होगा।
    • बार्डर क्षेत्रों में तैनात सैन्य बलों में होने वाले भ्रष्टाचार की समस्या का समाधान करना चाहिये।
    • विभिन्न कानूनों यथा-अन्यदेशीय व्यक्ति अधिनियम 1946, आईपीसी धारा 366 से लोगों को अवगत कराना चाहिए ताकि लोग अन्य देशीय व्यक्ति को सुरक्षा बलों तथा स्थानीय पुलिस को अवगत करा सके।

    इस प्रकार का अवैध प्रवासन जो अब असम से हटकर पूरे देश में फैल रहा है, को रोकने की आवश्यकता है। इस दिशा में राजनैतिक सहयोग (केंद्र-राज्य), तकनीकी उन्नयन व विकास संबंधी योजनाओं के एकीकृत प्रयास की आवश्यकता है।

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