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प्रश्न :
हाल ही में सरकार द्वारा ‘सूखा’ की परिभाषा में परिवर्तन किया गया है। परिवर्तन को रेखांकित करते हुए इसके प्रभावों की चर्चा करें।
06 Dec, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 1 भूगोलउत्तर :
भारत सरकार द्वारा कृषि एवं किसान मंत्रालय द्वारा जारी ‘मैन्युअल फॉर ड्रॅाट मैनेजमेंट’ से सूखे की वर्गीकृत श्रेणियों से मध्यम (Moderate) श्रेणी के सूखे को हटाने का निर्णय लिया गया है। सरकार द्वारा इस परिवर्तन से सूखे की स्थिति में राज्यों को दी जाने वाली केंद्रीय सहायता में कमी होगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 2009 के मैन्युअल में सूखे को तीन श्रेणियों- सामान्य (Normal), मध्यम (Moderate) और गंभीर (Sever) में वर्गीकृत किया गया था, किंतु नए मैन्युअल में अब इसे ‘सामान्य’ और ‘गंभीर’ श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
परिवर्तन के प्रभाव:
- इस वर्गीकरण का सर्वाधिक प्रभाव राज्यों को दी जाने वाली केन्द्रीय सहायता पर पड़ेगा। अंब राज्यों को केवल ‘गंभीर’ सूखे के स्थिति में ही राष्ट्रीय आपदा राहत निधि (NDRF) के तहत सहायता मुहैया कराई जाएगी।
- ‘गंभीर’ रूप से सूखे के लिये काफी सख्त मानदंड निर्धारित किये गए हैं। इसके लिये सामान्य से 50 प्रतिशत कम क्षेत्रों पर बुवाई होनी चाहिये, जबकि कठोरतम सूखे की स्थिति में भी लगभग 80 प्रतिशत क्षेत्रों में बुवाई होती है।
- राज्यों में सूखा प्रबंधन के समुचित प्रणाली के नहीं होने से, विशेषकर सूखे के लिये पूर्व चेतावनी प्रणाली का अभाव होना चिंता का विषय है।
- इससे राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा, क्योंकि इसके कारण राहत कार्यों का भुगतान राज्यों को स्वयं वहन होगा।
वस्तुतः केंद्र सरकार द्वारा किया गया यह वर्गीकरण सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुकूल है। अतः राज्यों को सूखे की स्थिति में प्रगतिशील कदम उठाते हुए मनरेगा के तहत रोज़गार उपलब्ध करना चाहिये। इसके अतिरिक्त राज्यों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मज़बूत करने, चेक डैम का निर्माण करने, किसानों के कर्ज़ माफी जैसे कदम उठाने चाहिये।
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