सतत् विकास की अवधारणा को स्पष्ट करें तथा भारत में सतत् विकास की रणनीति एवं नीतियों की चर्चा करें।
08 Dec, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था
उत्तर की रूपरेखा-
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सतत् विकास मानव विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिये एक संगठित सिद्धांत है। यह प्राकृतिक संसाधनों और पारिस्थितिकी तंत्र जिस पर समाज एवं अर्थव्यवस्था निर्भर है, को अपनी सेवाएँ प्रदान करने के लिये धारणीय बनाने या इनकी क्षमता बनाए रखने पर जोर दिया जाता है। यह समाज की ऐसी अवस्था को इंगित करता है जहाँ प्राकृतिक संसाधनों की अखंडता और स्थिरता को प्रभावित किये बिना मानवीय आवश्यकता को पूरा किया जाता है। इस तरह सतत् विकास से तात्पर्य ऐसे विकास से है जिसके अंतर्गत वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये अपने आने वाली पीढ़ियों की ज़रूरतों से समझौता नहीं किया जाता है।
भारत में सतत् विकास की रणनीति एवं नीति:
भारत सरकार द्वारा सतत् विकास को बनाए रखने के लिये ऐसी तकनीकों को अपनाने पर ज़ोर दिया जा रहा है जो ‘इनपुट ईफीसिएंट’ हो, जिससे कम संसाधनों के उपयोग से अधिकतम उत्पादन सुनिश्चित हो। स्मार्ट सिटी मिशन के माध्यम से शहरी अवसंरचना को सुदृढ़ कर और डिज़िटल इंडिया के द्वारा विशिष्ट तकनीकों के विकास पर बल दिया जा रहा है।
पर्यावरण-मैत्री ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को प्रोत्साहित कर विकास को सतत् बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में सरकार वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों को विकसित कर रही है। साथ ही सरकार द्वारा LPG और CNG जैसे इको-फ्रेंडली ईंधनों के उपयोग को क्रमिक रूप से विस्तारित किया जा रहा है। इस दिशा में बीएस-4 मानकों का अनुपालन भी उल्लेखनीय है।
एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम सतत् विकास की एक प्रभावी रणनीति है। इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों का अवसंरचनात्मक विकास कर, वहीं पर रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराना है, ताकि शहरों पर निर्भरता कम हो। सरकार द्वारा प्रायोजित आदर्श ग्राम योजना, भारत-निर्माण कार्यक्रम और मनरेगा जैसे कार्यक्रम इस दिशा में संचालित हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर फोकस करके इसे और भी प्रभावी बनाया जा सकता है। इस दिशा में भारत सरकार द्वारा फ्राँस के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय सौर संगठन के माध्यम से विशिष्ट तकनीक के इस्तेमाल से सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय सोलर मिशन के माध्यम से 2021-22 तक 20,000 MW सौर ऊर्जा का उत्पादन किफायती कीमत पर करने का लक्ष्य रखा है। पेरिस सम्मलेन में सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय निर्धारित योगदान (NDC) से भी नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट करती है।
इसके अतिरिक्त भारत सरकार कार्बनिक खेती, कचरों का पुनर्चक्रण और अपनी भावी पीढ़ी के लिये संसाधनों के संरक्षण को बढ़ावा दे रही है।