भारतनेट क्या है? इसके उद्देश्यों की चर्चा करते हुए इसके निधियन के लिये उठाए गए कदमों की चर्चा कीजिये।
09 Dec, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था
उत्तर की रूपरेखा-
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भारतनेट परियोजना के तहत 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर के ज़रिये हाइस्पीड ब्रॉडबैंड, किफायती दरों पर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके तहत ब्रॉडबैंड की गति 2 से 20 एमबीपीएस तक होगी। इसका सेवा शुल्क राज्य के लोगों की आय के आधार पर तय होगा। जैसे- बिहार में 78 रुपए तथा उत्तर प्रदेश में 94 रुपए प्रति माह। ओएफसी नेटवर्क (Optical Fiber Communication Network) का नाम बदलकर भारत नेट (Bharat Net) कर दिया गया है।
केंद्र की योजना के तहत ब्रॉडबैंड को ऑप्टिकल फाइबर के ज़रिये पहुँचाया जाएगा। लेकिन जहाँ ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाना संभव नहीं हो, वहाँ वायरलैस एवं सेटेलाइट नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाएगा। तीसरे, गाँवों मे नेट पहुंचाने के बाद निजी सेवा प्रदाताओं को भी मौके दिये जाएंगे ताकि वे विभिन्न प्रकार की सेवाएँ मुहैया करा सकें। स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों एवं कौशल विकास केंद्रों में इंटरनेट कनेक्शन नि:शुल्क प्रदान किये जाएंगे।
भारतनेट के पहले चरण में देश के कई राज्यों की एक लाख से अधिक ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई गई है।
हाल ही में इस योजना का दूसरा चरण शुरू किया गया। इस पर कुल 34000 करोड़ खर्च आने की संभावना है। भारतनेट परियोजना के दूसरे चरण के तहत मार्च, 2019 तक 1.5 लाख ग्राम पंचायतों में हाई स्पीड ब्रॉडबैंड पहुंचाने का लक्ष्य है। एक अध्ययन के अनुसार भारत में इंटरनेट के प्रयोग में होने वाली हर 10 फीसद बढ़ोतरी से जीडीपी को 3.3 फीसद का फायदा होता है। इस लिहाज़ से भारतनेट परियोजना देश की अर्थव्यवस्था के लिये भी एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है।