भौगौलिक संकेतक (Geographical indications) से आप क्या समझते हैं? भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में इसकी भूमिका को स्पष्ट करें?
14 Dec, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था
उत्तर की रूपरेखा-
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भौगौलिक संकेतक एक पहचान चिन्ह है जो किसी निश्चित भौगौलिक क्षेत्र से जुड़े कृषिगत, प्राकृतिक तथा विनिर्मित उत्पादों, जिसमें हस्तरचित तथा औद्योगिक वस्तुएं भी शामिल हैं, को प्रदान किया जाता है। यह उस भौगौलिक स्थान से जुड़े वस्तु की गुणवत्ता तथा अनोखेपन को स्पष्ट कर उसके महत्त्व को बढ़ता है। वैश्विक स्तर पर विश्व व्यापार संगठन के ट्रिप्स (TRIPS) संबंधी प्रावधानों के तहत इसे संरक्षण प्रदान किया गया है। भारत में दार्जिलिंग की चाय, तिरूपति के लड्डू तथा नागपुर के संतरे भौगौलिक संकेतक प्राप्त उत्पादों के प्रसिद्ध उदाहरण हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में इसकी भूमिका को निम्न रूप में देखा जा सकता है-
स्पष्ट है कि भौगौलिक संकेतक कि अवधारणा भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकती है। किन्तु, गुणवत्ता सम्बन्धी कड़े प्रावधानों तथा जागरूकता के अभाव में हम अभी तक इसका अपेक्षित लाभ नहीं ले पाएँ हैं। इन प्रावधानों को विकसित करने के साथ साथ विज्ञापन तथा विपणन संबंधी प्रावधानों को लागू कर हम इसका अपेक्षित लाभ प्राप्त कर सकते हैं।