उत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- एडीबी के बारे में संक्षिप्त परिचय दें।
- एडीबी से प्राप्त सहायताओं और उनकी विशेषताओं को बताएँ।
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एशियाई विकास बैंक की स्थापना सन् 1966 में संयुक्त राष्ट्र एशिया और सुदूर पूर्व के लिये आर्थिक आयोग (United Nations Economic Commission for Asia and the Far East) द्वारा एक संकल्प के माध्यम से की गई। इसकी कल्पना एशिया और दुनिया के सबसे गरीब क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। भारत इसका संस्थापक सदस्य है और वर्तमान में चौथा बड़ा शेयरधारक है।
महत्त्व:
- भारत को एडीबी द्वारा प्रथम ऋण सन 1986 में इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को 100 मिलियन डॉलर की राशि मिली थी। इससे भारत को मध्यम-आकार के उद्योगों के विस्तार और आधुनिकीकरण तथा नई तकनीकों के विकास में काफी सफलता मिली।
- एडीबी द्वारा भारत के राज्यों को भी सीधे सहायता दी जा सकती है। इस दिशा में गुजरात प्रथम राज्य है जिसने एडीबी से सहयता प्राप्त की है।
- हालिया संदभों में देखें तो बिजली की पहुँच को बढ़ावा देने के लिये बांगलादेश-भारत के बीच पहली पावर इंटरकनेक्शन फीड्स एडीबी द्वारा ऋण सहायता दी गई है, जिससे सीमा के दोनों ओर के लोगों को बिजली मिल सके।
- एडीबी द्वारा सूक्ष्म और छोटे व्यापारियों को ऋण देने के लिये साख वर्द्धन उत्पादों का उपयोग किया जा रहा है। भारत में इसके लिये एडीबी भारतीय बैंकों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है ताकि सूक्ष्म वित्त संस्थानों को स्थानीय मुद्रा में सहायता मिल सके।
- भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित विजन ‘तेज़, अधिक समावेशी और सतत् विकास’ के लिये एडीबी की भागीदारी काफी महत्त्वपूर्ण है।
- एडीबी झारखंड राज्य की सड़कों का उन्नयन जारी रखने में मदद हेतु ऋण प्रदान कर रहा है, जो राज्य में नए आर्थिक अवसरों को खोलने और गरीबों के लिये सेवाओं के उपयोग में सुधार को सुनिश्चित करने की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है।
हालाँकि एडीबी द्वारा प्रदत्त ऋण भारत जैसे राष्ट्रों के लिये सार्वजनिक निवेश की तुलना में काफी कम होते हैं, फिर भी इससे भारत के विकास को समावेशी और तीव्र बनाने में एडीबी की भूमिका महत्त्वपूर्ण है।