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प्रश्न :
भारत में बुनियादी ढाँचे की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन कीजिये। सागरमाला परियोजना इस दिशा में किस प्रकार योगदान दे सकती है।
29 Dec, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- भारत में बुनियादी ढाँचे की वर्तमान स्थिति पर प्रकास डालें।
- सागरमाला परियोजना से होने वाले लाभों का उल्लेख करें
बुनियादी ढाँचे का तात्पर्य किसी राष्ट्र की भौतिक सुविधाओं तथा सार्वजनिक सेवाओं के नेटवर्क से है , जो वहाँ की अर्थव्यवस्था के विकास के लिये आवश्यक है। इसे निम्न रूप में देखा जा सकता है :
भारत में बुनियादी ढाँचे की वर्तमान स्थिति
वर्तमान समय में भारत में बुनियादी ढाँचे का तेजी़ से प्रसार हुआ है। परिवहन के क्षेत्र में देखें तो लगभग 55 लाख किमी. के सड़क नेटवर्क के साथ भारत आज विश्व में दूसरा स्थान रखता है। रेलवे परिवहन में विश्व की सबसे बड़ी रेलवे नेटवर्कों में शामिल भारतीय रेलवे का 45% भाग विद्युतीकृत हो चुका है। अवसंरचना में सुधार के लिये भारतमाला तथा सेतु भारतम् जैसी योजनाएं चलायी जा रही हैं। वायू परिवहन में सुधार के लिये उड़ान परियोजना चलायी जा रही है, तथा 5/20 के स्थान पर 0/20 नियम लाया गया है। ऊर्जा के क्षेत्र में 2019 तक सभी के लिये विद्युत का लक्ष्य रखा गया है। धारणीय विकास के लिये 2019 तक 40 % उर्जा नवीकरणीय स्रोतों से उत्पादित करने का लक्ष्य लिया गया है। दूरसंचार के क्षेत्र में भारत अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए विश्व के दूसरे सबसे बड़े नेटवर्क के रूप में उभरा है, साथ ही यहाँ का दूरभाष घनत्व भी बढ़कर 93% हो गया है।किन्तु सड़कों की तुलना में वाहनों की संख्या बढ़ने के कारण जाम, प्रदूषण तथा दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ी है। रेलवे में पटरियों का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है, साथ ही रखरखाव की समस्या के कारण दुर्घटनाओं में तेजी़ से वृद्धि हुई है। इसके अलवा देश में आतंरिक जल परिवहन का भी विकास नहीं हो पाया है। दूरसंचार के क्षेत्र में डिजिटल डिविडेंड की समस्या है और ग्रामीण क्षेत्रों में शहरों के171% की तुलना में 57% ही दूरभाष घनत्व है । ग्लोबल कोम्पिटीटीव इंडेक्स (2016) के अनुसार बिजली की गुणवत्ता की दृष्टि से भारत का 138 देशों में 88वां स्थान है। यह बिजली की कमजोर गुणवत्ता को दर्शाता है। बुनियादी ढाँचे में सुधार के लिये इस पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है ।
सागरमाला परियोजना से लाभ
सागरमाला परियोजना के तहत देश के विभिन्न बंदरगाहों का विकास करते हुए उन्हें देश के विभिन्न भागों से सड़क, रेल तथा जलमार्गों के द्वारा जोड़ने पर बल दिया गया है। इससे सम्पूर्ण भारत में परिवहन अवसंरचना के विकास को बढ़ावा मिलेगा। ध्यातव्य है कि मूल्य की दृष्टि से भारत के कुल वस्तु व्यापार का 70% समुद्री मार्गों के द्वारा ही होता है, ऐसे में बंदरगाहों के विकास से भारत का व्यापार बढ़ेगा साथ ही बंदरगाहों के निकट आर्थिक जोनों की स्थापना से आस-पास के क्षेत्रों का भी विकास होगा। योजना के लागू होने पर भारत के जीडीपी में 2% की वृद्धि होने कि संभावना है।To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.
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