प्रतिपूरक वनीकरण से आप क्या समझते हैं। प्रतिपूरक वनीकरण कोष विधेयक 2016 पर विचार करते हुए बताएँ कि राष्ट्रीय वन नीति के उदेश्यों की प्राप्ति में यह कितना सहायक हो पाएगा?
04 Jan, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था
उत्तर की रूपरेखा-
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प्रतिपूरक वनीकरण का आशय आधुनिकीकरण तथा विकास के लिये काटे गए वनों के स्थान पर नए वनों को लगाने से है। भारत में वनों के विस्तार को बढ़ावा देने वाला प्रतिपूरक वनीकरण कोष विधेयक, 2016 विकास कार्यों के नाम पर काटे जाने वाले वनों के स्थान पर नए वन लगाने हेतु धन की व्यवस्था करता है।
बिल में इसे सशक्त करने के लिये कैंपा (CAMPA) को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की बात की गई है तथा केंद्र एवं राज्य स्तर पर वनीकरण के लिये समर्पित कोष के प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत प्राप्त राशि का 90% भाग राज्यों को तथा 10% भाग केंद्र को प्राप्त होगा। इससे संबंधित धन का प्रयोग जंगल लगाने के अलावा वन्यजीवों को बचाने, जैव विविधता का संरक्षण करने तथा अवसंरचना के विकास में किया जा सकता है।
हमारी राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार, भारत के 33% भाग पर वनों का होना आवश्यक है किंतु वर्तमान समय में भारत के लगभग 24% भाग पर ही वन हैं। साथ ही विकास कार्यों के कारण बड़ी मात्रा में वनों को काटा जा रहा है ऐसे में वनीकरण के लिये समर्पित एक कोष से वनीकरण को बढ़ावा मिलेगा और राष्ट्रीय वन नीति के लक्ष्यों की प्राप्ति हो पाएगी।
किंतु इस फंड के प्रयोग में ग्राम सभाओं की भागीदारी की बात नहीं की गई है, जो इसके लोकतांत्रिक आधार को कमजोर करता है। साथ ही इसमें अवसंरचना विकास को शामिल किया जाना फंड के दुरुपयोग की संभावना को बढ़ाता है। इसके तहत इस धन का प्रयोग वनीकरण का स्थान पर अवसंरचना निर्माण के लिये किया जा सकता है जिससे वनों में वृद्धि का लक्ष्य प्रभावित होगा। इसके अलावा एक समस्या कोष के प्रयोग से भी जुड़ी हुई है। वर्तमान समय में 40000 करोड़ से अधिक की राशि जमा होने के बाद भी इस का समुचित प्रयोग नहीं हो पाया है।
विधॆयक को अधिक प्रभावी बनाने के लिये इन चिंताओं का समाधान आवश्यक है। ‘समयबद्ध रूप से वनीकरण’ के लक्ष्य को जोड़कर इसे और भी प्रभावी बनाया जा सकता है।