बैंकों के संदर्भ में इंद्रधनुष योजना के उद्देश्यों को स्पष्ट करते हुए इसकी कार्यनीति पर प्रकाश डालें।
10 Jan, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्था
उत्तर की रूपरेखा:
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इंद्रधनुष योजना सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को अल्प लाभकारी स्थितियों से निकालने की एक योजना है जिसमें 7 सूत्री उपायों के द्वारा राजनीतिक हस्तक्षेप को कम करके बैंकों की प्रतिस्पर्द्धि क्षमता का विकास किया जाएगा। इसके उद्देश्यों को निम्नलिखित रूपों में देखा जा सकता है-
इंद्रधनुष के सात रंगों की तरह इसकी कार्यनीति में बैंकों के सुधार हेतु 7 उपायों पर बल दिया गया है। ये इस प्रकार है-
नियुक्तियाँ (Appointment)
इसके तहत चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक इन दोनों को पद को अलग किया गया है, साथ ही इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है।
बैंक बोर्ड ब्यूरो (Bank board bureau)
यह प्रख्यात पेशेवरों तथा अधिकारियों की एक संस्था होगी जो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पूर्णकालिक निदेशकों तथा गैर सरकारी चेयरमैनों की नियुक्ति करने वाले बोर्ड को प्रतिस्थापित करेगी। 6 सदस्यों वाली इस बोर्ड का कार्य बैंकों के उच्च पदों पर अधिकारियों की नियुक्ति करना होगा इसके अलावा बैंकों की दीर्घकालीन रणनीति के निर्माण में भी इनकी भूमिका होगी।
पूंजीकरण (Capitalization)
वित्तीय रुप से अर्थव्यवस्था तथा बैंकिंग व्यवस्था में विश्वास को बढ़ाने के लिये तथा वित्त संबंधी आकस्मिक चिंताओं से निपटने के लिये बैंकों में पर्याप्त पूंजी का होना आवश्यक है। भारत सरकार बेसल-3 के न्यूनतम मापदंड से ऊपर एक सुरक्षित बफर के लिये सभी बैंकों का पूंजीकरण करना चाहती है। इसके लिये योजना शुरू होने के प्रथम 4 वर्षों के भीतर सरकार द्वारा बैंकों को 70000 करोड़ रुपए प्रदान किये जाएंगे।
दबाव कम करना (Di-stressing)
इसके तहत घटिया ऋणों को कम करने के लिये तथा अलाभकारी हस्तियों के प्रबंधन हेतु एक संस्थागत तंत्र का विकास किया जाएगा। परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों को मजबूत बनाने के प्रयास किये जाएंगे। बैंकों के दबाव को कम करने के लिये एक बैंक निवेश संपत्ति के गठन का प्रावधान भी है।
सशक्तीकरण (Empowerment)
इसके तहत सरकारी हस्तक्षेप को कम करके बैंकों को अपनी व्यवसायों से संबंधित निर्णय स्वयं लेने के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
जवाबदेही की रूपरेखा (Framework of accountability)
जवाबदेही का तात्पर्य है कि बैंक अपने निर्णयों तथा कार्यों की संतोषजनक व्याख्या कर पाएँ। इसके तहत मुख्य निष्पादन संकेतों की रूपरेखा तैयार की गई है। बैंकों को अपने कार्य एवं निर्णयों के परिणाम हेतु उत्तरदायी बना कर ऐसा किया जा सकता है।
गवर्नेंस अथवा अभिशासन सुधार (governance)
बैंकों के प्रशासन में अनावश्यक सरकारी हस्तक्षेप को कम किया जाएगा। सरकार की हिस्सेदारी तथा दखलअंदाजी को कम करने के लिये एक होल्डिंग कंपनी के निर्माण के बात की गई है।
स्पष्ट है कि इंद्रधनुष मिशन पूंजी पर्याप्तता, परिसंपत्ति गुणवत्ता, प्रबंधन क्षमता, तरलता तथा बाजार जोखिमों के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देकर एक मजबूत बैंकिंग व्यवस्था का निर्माण करेगी।