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प्रश्न :
राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013 की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताएँ कि साइबर सुरक्षा से संबंधित समस्याओं के समाधान में यह कितनी प्रभावी है?
11 Jan, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 अर्थव्यवस्थाउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा:
- राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013 के बारे में लिखें।
- इसकी विशेषताओं पर प्रकाश डालें।
- बताएँ कि समस्या का समाधान करने में यह कितनी प्रभावी है।
इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग के कारण भारत में साइबर सुरक्षा एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। इन समस्याओं के समाधान तथा देश के नागरिकों, व्यवसायियों और सरकार के लिये सुरक्षित तथा लचीले साइबर स्पेस के निर्माण हेतु राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013 जारी की गई है। इसकी मुख्य विशेषताओं को निम्नलिखित रूपों में देखा जा सकता है।
इसमें साइबर सुरक्षा की चुनौती से निपटने के लिये अखिल भारतीय स्तर पर एक नोडल एजेंसी को नामित करने की बात की गई है। अर्थात यह साइबर सुरक्षा हेतु एकीकृत नीति पर बल देती है
- यह तकनीक के स्तर पर वैश्विक सहयोग की विशेषता से युक्त है ताकि साइबर सुरक्षा पर सर्वोत्तम प्रथाओं और दशाओं का पालन सुनिश्चित हो सके।
- इसके अलावा एक विशेषता खुले मानकों के प्रयोग के रूप में भी देखी जा सकती है । खुले मानकों के आधार पर परीक्षण तथा IT उत्पादों की उपलब्धता बढ़ाने के लिये यह सरकार तथा निजी क्षेत्र के संघ को बढ़ावा देती है।
- इसमें साइबर सुरक्षा हेतु अवसंरचना सुधार पर भी बल दिया गया है। इंटरनेट संबंधी अवसंरचनाओं के विकास के साथ-साथ क्लाउड कंप्यूटिंग तथा मोबाइल कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में अवसंरचना तैयार किए जाने पर बल दिया गया है।
- आपदा की स्थिति में यह त्वरित प्रक्रिया के लिये एक 24*7 राष्ट्रीय स्तर के कंप्यूटर आपातकालीन सर्ट-इन को भी प्रस्तावित करती है।
- देश की सुरक्षा के लिये यह केवल सरकार अथवा निजी कंपनियों पर ही पर ही निर्भर नहीं है, साइबर सुरक्षा के लिये जन जागरूकता हेतु व्यापक अभियान पर बल दिया जाना इसकी प्रमुख विशेषता है।
- इस नीति के कार्यान्वयन के लिये एक प्राथमिकता पर आधारित पहल को अपनाने पर बल दिया गया है ताकि सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित समस्याओं का त्वरित समाधान किया जा सके।
इस नीति के द्वारा साइबर सुरक्षा से संबंधित कई समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। अखिल भारतीय स्तर पर नोडल एजेंसी को नामित करने से अपराधों की निगरानी में आसानी होगी। तथा स्थानीय स्तर पर किए गए अपराध की पहचान से अपराधों की व्यापकता पर रोक लगेगी। वहीं तकनीक के स्तर पर वैश्विक सहयोग पर बल देने से या साइबर अपराधों के निवारण हेतु नवीनतम तकनीक का लाभ मिल पाएगा और साइबर सुरक्षा अधिक प्रभावी हो पाएगी। उसी प्रकार साइबर आपदा की स्थिति में सर्ट-इन का प्रयोग त्वरित कार्यवाही के द्वारा समस्या का समाधान कर सकता है। वहीं नीति में जन जागरूकता पर बल दिए जाने से जनता अपने स्तर पर छोटे-छोटे साइबर अपराधों को स्वयं रोक पाएगी। किंतु इस नीति में क्लाउड कंप्यूटिंग के साथ जुड़े सुरक्षा संबंधी जोखिम पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया है
गंभीरता से देखा जाए तो राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति साइबर अपराध को रोकने में अत्यंत सक्षम है ज़रूरत इसके कुशल क्रियान्वयन की है।
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